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कहानियों की अंजुरी में आंसू , प्रेम और संघर्ष लिखने वाले नवनीत
जैसे मां का मीठा दूध। वैसी ही मीठी कहानियां। जब हम विद्यार्थी थे , हम उन्हीं की तरह बनना चाहते थे। उन्हीं की तरह बोलना और लिखना चाहते थे। तब के दिनों वह गोरखपुर में स्टार हुआ करते थे । लखनऊ से गए थे लेकिन आकाशवाणी , गोरखपुर की समृद्ध आवाज़ हुआ करते थे। एकदम […]
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जो देश के लिए बलिदान हो गए हम उनके बारे में जानते ही नहीं
भीमा कोरेगांव की घटना को कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी लोग दलित और आदिवासियों पर हुए अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के रूप में दर्शाने का प्रयास कर रहे है। सत्य यह है कि हमारे देश की कुछ विभाजन कारी मानसिकता को बढ़ावा देने वाली ताकतें अपना राजनीतिक भविष्य बनाने के चक्कर में देशवासियों को भड़काने के लिए […]
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राजस्थान का जलियाँवाला बाग़ ‘मानगढ़’, जिसके बारे में हम नहीं जानते
1500 बलिदानी भीलों को बिसरा दिया गया, 2013 में CM रहे मोदी ने दिलाया सम्मान
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एक गुमनाम बलिदानी चैनसिंह का स्मारक, जिसके बारे में उसके गांव के लोग ही नहीँ जानते
काम के सिलसिले में दो दिन के लिए भोपाल दौरे पर था लेकिन भारी बारिश के चलते सभी अपाइंटमेंट्स रद्द हो गए। भोपाल जैसे ऐतिहासिक शहर में अनायास ही प्राप्त हुए दो दिन मेरे लिए स्वर्णिम अवसर जैसे थे लेकिन जैसे कार्याल बंद थे वैसे ही शहर के संग्रहालय और अन्य दर्शनीय स्थलों पर भी […]
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10 मई 1857 का स्वतंत्रता संग्राम और धन सिंह कोतवाल
विद्वानों व इतिहासकारों का ऐसा मत है कि 10 मई 1857 को मेरठ से प्रारंभ हुई इस क्रांति में तीन लाख भारतीय शहीद हुए। सन् 1947 में देश आजाद हुआ, तब से ही मेरठ में प्रत्येक वर्ष दस मई को सरकारी अवकाश रहता है,
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भारतीय राजनीति में हिंदुत्व की आवाज बुलंद करने वाले बलराज मधोक
बलराज मधोक बहुत अच्छे लेखक थे। मधोक ने हिंदी व अंग्रेजी में बहुत साहित्य रचा है। समाचार पत्रो के संपादक भी रहे। मधोक ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा मुखर्जी की जीवनी भी लिखी है।
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मजदूर दिवस पर मजदूर नेता रामदेव सिंह की कहानी जिन्होंने हिंडाल्को मैनेजमेंट की चूलें हिला दीं
हड़ताल पर हड़ताल होते गए, नेता रामदेव सिंह का नाम पहले राज्य के राजनीति में फिर केंद्र की राजनीतिक गलियारों तक पहुँच गया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से रामदेव सिंह ने कई बार मीटिंग की। केन्द्रीय मंत्री रहे राजनारायण और प्रभुनारायण तो उनके संघर्ष के साथी रहे।
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गुरुदत्त विद्यार्थी : जिनकी पुस्तकें ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई जाती थी
उनकी पुस्तक ‘द टर्मिनॉलॅजि ऑफ वेदास्’ को आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की पाठ्यपुस्तक के रूप में स्वीकृत किया गया। उनके जीवन में उच्च आचरण, आध्यात्मिकता, विद्वत्ता व ईश्वरभक्ति का अद्भुत समन्वय था। उन्हें वेद और संस्कृत से इतना प्यार था कि वे प्रायः कहते थे
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9 मई महान क्राँति की स्मरण तिथि:लाखों क्राँतिकारियों के बलिदान का जिक्र तक नहीं
पूरी दुनियाँ में भारत का अतीत विशिष्ट है । शोध अनुसंधान और साँस्कृतिक विरासत में ही नहीं अपितु आक्रांताओं के अत्याचार, दासत्व की लंबी अवधि और स्वतंत्रता संघर्ष की आहुतियों में भी । लगभग हजार वर्ष के संघर्ष और अपने प्राणों की आहुति देने वालों के आकड़े करोड़ों में हैं ।
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गायक बनने आए जयराम आचार्य की धुनों ने कई गीतों को कालजयी बना दिया
मुंबई का यशवंतराव नाट्य मंदिर, माटुंगा में 15 फरवरी 2009 को एक विशेष संगीत कार्यक्रम में जिन दो महान वाद्ययंत्र वादकों का उत्सव मनाया गया उनमें से एक थे सितार वादक जयराम आचार्य