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रेल के पहियों पर पर्यटन का मजा ही कुछ और है
उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक 130 करोड़ की आबादी वाले विशाल देश में पर्यटक स्थलों के साथ - साथ देश का भौगोलिक स्वरूप भी खास महत्व रखता है। समुंदर, पहाड़ों,जंगलों और नदियों के साथ पश्चिमी भारत में थार का रेगिस्तान( जिसका अधिकांश हिस्सा राजस्थान में आता है),
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सैलानियों का सपना ,कोहिनूर टाय ट्रेन
पहाड़ियों और घाटियों के मध्य सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के साथ कांगड़ा टॉय ट्रेन पठानकोट और जोगिंदर नगर को जोड़ती है। कांगड़ा घाटी, किनारों पर पहाड़ियों, नदियों और धौलाधार श्रेणी के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।
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ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटक स्थलों का साक्षी झालावाड़
यहां गंधकुटी, 5 वेदियां तथा कई छोटी-छोटी वेदियां बनी हैं तथा पूरे मंदिर परिसर में 900 से अधिक जिनबिम्ब स्थापित हैं। मंदिर के पीछे के हिस्से में सुंदर समोशरण मंदिर बनाया गया है। मूल मंदिर के सामने मान स्तम्भ स्थापित है।
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राजस्थान में पर्यटन की दशा,दिशा और संभावनाएं
रंग बिरंगी संस्कृति, वेशभूषा,परमपराएं,लोक जीवन, पर्यटन उत्सव भी राजस्थान में सैलानियों के आकर्षण का महत्वपूर्ण आधार है। कोटा की एडवोकेट रेखा देवी यह विचार व्यक्त कर कहती हैं कि सरकार पर्यटन विकास पर कई परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।
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पर्यटन में पक्षियों का स्वर्ग भरतपुर की है दुनिया में पहचान
भरतपुर के दक्षिण-पूर्व में गम्भीरी एवं बाणगंगा नदियों के संगम पर स्थित विश्वविख्यात केवला देव राष्ट्रीय उद्यान विश्व के सबसे अधिक आकर्षित करने वाले जलपक्षी की शरणस्थलियों में से एक है। उद्यान के बीच में बनेकेवलादेव (शिव) के मंदिर पर इसका नाम रखा गया है।
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पर्यटकों को लुभाते हैं धौलपुर के ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थल
तीर्थ के समीप ही कई सौ वर्ष पुराना कमल फूल बाग है। मुगल सम्राट बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुके बाबरी में मीराने बाग (लोटस गार्डन) के नाम से इस बाग का वर्णन किया है।
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पर्यटन नगर के रूप में उभरेगा कोटा शहरः श्री धारीवाल
न्यायालय परिसर के सामने पार्किंग का विकास पार्किंग की समस्या के निदान हेतु महाराव भीमसिंह चिकित्सालय के परिसर में चिकित्सको के आवासों के सामने 5 करोड़ से पार्किंग विकसित की गई है। इस परियोजना लागत है। यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
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बैंगलुरु का ऐतिहासिक किला
किले की विशिष्ट विशेषताओं में से एक तीन विशाल लोहे के घुंडी वाला एक लंबा द्वार है। दीवारों पर कमल, मोर, हाथियों, पक्षियों और अन्य विस्तृत रूपांकनों की नक्काशी दर्शनीय है।
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राजस्थानी लोक संगीत की धुनों से बातें करती है जैसलमेर की हवेलियाँ
राजस्थान में अनेक ऐसे महापुरूष हुए जिन्होंने मानव देह धारण कर अपने कर्म और तप से यहां के लोक जीवन को आलोकित किया। उनके चरित्र, कर्म और वचनबद्धता से उन्हें जनमानस में लोकदेवता की पदवी मिली और वे जन-जन में पूजे जाने लगे। ऐसे ही लोकदेवताओं में बाबा रामदेव जिनका प्रमुख मंदिर जैसलमेर जिले के रामदेवरा में सद्भावना की जीती जागती मिसाल है।
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भारत पर्यटन में सैलानियों का आकर्षण राजस्थान
आदिवासी भीलों की अधिकता के कारण भीलवाड़ा को यह नाम प्राप्त हुआ । कई नाम ऐसे हैं जो प्राचीन काल में प्रचलित रहे हैं और आज भी लोक व्यवहार में प्रचलन में हैं जैसे कोटा- बूंदी