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भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की विजय है पांच राज्यों का जनसमर्थन
इस मंत्रिमंडल की विशेष बात यह है कि योगी ने वर्ष 2024 के लोकसभा को ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरण को साधने का प्रयास किया है. मंत्रिमंडल में सबसे अधिक 18 मंत्री ओबीसी, 10 ठाकुर, आठ ब्राह्मण, सात दलित, तीन जाट, तीन बनिया, दो पंजाबी और एक मुस्लिम चेहरा सम्मिलित है.
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उ.प्र. में योगी राज की शानदार वापसी
गोरक्षपीठाधीष्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति के अजेय योद्धा साबित हुए । वह 1998 से लगातार लोकसभा सदस्य बनते रहे और 2017 में पहली बार मुख्यमंत्री बने,
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विपक्ष का सबसे बड़ा डर है योगी आदित्य नाथ
उत्तर प्रदेश चुनाव में योगी आदित्यनाथ की जीत का भारतीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। यह कानून और व्यवस्था, सामाजिक और आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए और सांस्कृतिक जड़ों को वापस लाने के लिए किसी भी राज्य या देश के प्रशासन को कैसे चलाया जाना चाहिए, इस पर मतदाताओं और राजनीतिक नेताओं का मार्ग तय और निर्देशित करेगा।
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राहुल गांधी के बयानों से हो रही कांग्रेस की फजीहत
राहुल गांधी भाषण देते समय इतना बहक गये कि उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ,चुनाव आयोग और पेगासस ये वो माध्यम हैं जिनका इस्तेमाल प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया।
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इस बार दलित दलित का पहाड़ा भूल गए वामपंथी
सारी क्रांति , सारा बदलाव सोशल मीडिया पर ही यह कर लेते हैं। पूंजीवादी व्यवस्था वह इन पूंजीवादी प्रतिष्ठानों के कंधे पर बैठ कर ख़त्म करने की ठान बैठे हैं। क्यों कि ज़मीनी स्तर पर इन की वैचारिकी
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कल्याण सिंह को पद्म विभूषण के राजनैतिक निहितार्थ
दो नवंबर 1990 की घटना के बाद रामभक्तों को उन्होंने विश्वास दिलाया कि निकट भविष्य में ऐसी सरकार आने वाली है जो पुष्पवर्षा कर रामभक्तों का अभिनंदन करेगी। वास्तव में अब योगी सरकार उनके सपनों को पूरा करने में लगी हुई है।
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अपर्णा की सास साधना न होतीं तो अखिलेश मुख्य मंत्री ही न बने होते और अब वही बनने नहीं देंगी
अब शायद साधना गुप्ता का समय आ रहा है। अभी तक लोग ट्रांसफर पोस्टिंग , ठेके , पट्टे में ही पैसे का लेन-देन करते रहे हैं। पर कितने लोग जानते हैं कि अखिलेश यादव सरकार में मंत्री बनाने के लिए भी पैसों का लेन-देन होता था।
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समाजवादी दल का अन्न संकल्प है कोरा दिखावा
खरीफ फसलों की बोआई के समय डीएपी उर्वरक की कीमतें अंतराष्ट्रीय बाजार में बढ़ने के कारण प्रति बोरी मूल्य 2400 रूपये हो गया था । केंद्र द्वारा 500 रूपये प्रति बोरी अनुदान प्रति बोरी से बढ़ाकर 1200 रूपये कर दिया गया इससे किसानो
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प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक और नफरत की राजनीति
इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि देशद्रोही कांग्रेस के तथाकथित थोपे गये एक्सीडेंटल ईसाई मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रधानमंत्री की यात्रा का प्लान खालिस्तानी आतंकियां को दे दिया था। पूरी घटना के बाद जब पूरे देशभर में हल्ला मचा और
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पंजाब में ‘आप’ के विधायकों का पार्टी छोड़ना आगामी चुनाव में पार्टी की हार का संदेश।
करोड़ों के विज्ञापन के माध्यम भले ही आप को पंजाब की रेस में दूसरे स्थान पर दिखाया जा रहा हो किंतु यह भी सत्य है कि इन विधायकों के पार्टी छोड़ने की खबरों को मीडिया में दबाया जा रहा है।