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बदल गई सीवी गार्डन की आबोहवा

कोटा। नगरीय विकास एवं स्वायात्त शासन मंत्री शंति धारीवाल की पहल में जहॉ शहर में विकास के अभूतर्पूव प्रोजेक्टस कोटा को मिले है वही पर्यावरण सरंक्षण एवं शहरवासियो को प्राकृतिक माहौल उपलब्ध करवाने के लिए भी अनूठे प्रोजेक्टस की पहल कर शहर की जनता को समर्पित किए जा रहे है। नये कोटा में ऑक्सीजोंन पार्क कोटा नगर विकास द्वारा विकसित कर विश्वव्यापी सिटी पार्क का निर्माण करवाया गया है वही पुराने शहर के वाशिदों को भी रियासतकालीन सीवी गार्डन का कायाकल्प करवाकर हरियाली विकसित कर ऑक्सीजन फैक्ट्री में तब्दील कर दिया गया है जहॉ अब लोग आकर सकून के साथ प्राकृतिक माहौल के बीच व्यायाम करते हैं।

नगर विकास न्यास के सचिव राजेश जोशी ने बताया कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशन में कोटा में जहॉ आवागमन , मूलभूत सुविधाओ को विकसित करने के साथ पयर्टन के क्षेत्र में कोटा को पहचान दिलवाने के कार्य करवाए गए है वही पर्यावरण सरंक्षण एवं प्राकृतिक माहौल मुहैया करवाने का भी पूरा ध्यान रखा गया है।

करीब 10 फीट के 6 हजार नये पौधों को पार्क में लगाया गया जिसमें नीम, अलमताश, कचनार, अशौक सहित अन्य पौधें, बंदर नुकसान न पहुचा सके इसके लिए सुरक्षा के भी इंतजाम किए गए हैं । अब पार्क में पेड पोैधों की संख्या हो गई है करीब 15 हजार हो है है। वार्किग ट्रेक की लंबाई चौडाई में की गई है बढौत्तरी हो कर अब ट्रेक की लंबाई 2500 मीटर चौडाई 3.9 मीटर कर दी गई है। मुख्यद्वार नयापुरा साइट के गेट के सौन्दर्यकरण एवं उसको आकर्षक बनाकर लंबाई चौडाई की बढौत्तरी , पार्किग का निर्माण ।

संग्रहालय के पास नये आकर्षक गेट का निर्माण , सौन्दर्यकरण, पार्किग , लॉबी एरिया किया गया है विकसित ।

मंत्री धारीवाल का मानना है कि कोटा को आवागमन की सुलभ सुविधा, मूलभूत सुविधाओ के कार्यो पर फोकस करने के साथ कोचिंग सिटी को पयर्टन नगरी बनाना तो घ्येय है ही साथ ही नये ओर पुराने कोटा शहर के वासियो को शुद्व पर्यावरण उपलब्ध हो सके इसके लिए सिटी पार्क , सीवी गार्डन के विकास सहित अन्य कार्यो को करवाया जा रहा है।

शहर की जनता को स्वच्छ आबोहवा उपलब्ध हो इसका भी पूरा ध्यान रखा गया है जहॉ समय बिताकर वो तनावमुक्त हो सके।

इतिहासविद फिरोज अहमद बताते हैं कि 1631 ईसवी में कोटा राज्य की स्थापना के बाद हाड़ा शासकों द्वारा किशोर सागर तालाब के किनारों पर बाग विकसित किए गए थे बागों को विकसित करना एवं पेड़ पौधों की परवरिश के लिए बावड़ियों के निर्माण का कार्य 17वी शताब्दी से लेकर 20वी शताब्दी तक कोटा के हाड़ा शासकों द्वारा किया गया कोटा का बाग रियासत काल में 570 एकड़ भूमि में फैला हुआ था समय के साथ साथ बाग छोटे होता चला गया कई सरकारी इमारतें निर्मित हो चुकी हैं ।

17 वीं शताब्दी में कोटा राज्य के शासक राव किशोर सिंह प्रथम ने किशोर विलास बाग बनवाया था महाराव दुर्गाशाल सिंह ने 18 वीं शताब्दी में ब्रज विलास बाग का निर्माण करवाया था कोटा में उसी समय नागा महंतों के लिए नागाजी का बाग विकसित किया गया था जो क्षार बाग के बगल में स्थित है इसके अतिरिक्त आकाशवाणी, जेडीबी का क्षेत्र भी बाग का हिस्सा था जो छात्र विलास गार्डन कहलाता है इसी के भीतर तरणताल पुराना चिड़ियाघर स्थित है किसी तरह समय-समय पर कोटा के शासकों द्वारा बाग विकसित किए गए जो वर्तमान में मौजूद है। कोटा का बाग लगभग 350 वर्ष पुराना है।