Thursday, March 28, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेलॉकडाउन के बाद दोबारा खुलने की तैयारी में जुटे सिनेमाघर

लॉकडाउन के बाद दोबारा खुलने की तैयारी में जुटे सिनेमाघर

अगली बार जब आप किसी सिनेमा हॉल में जाएं, तो अपने पास वाली सीट खाली पाने के लिए तैयार रहें। भारत में फिल्म देखने केअनुभव को कोविड-19 महामारी ने स्थायी रूप से बदल दिया है। थिएटरों में स्वागत करने का अब जो तौर-तरीका होगा, वह भीड़-भाड़ से अलग होगा तथा वहां का माहौल और ज्यादा स्वच्छ होगा। हालांकि लॉकडाउन से पहले लोग हाथों में हाथ या पॉपकॉर्न और कोला लिए प्रसन्न रहते थे।

पहले चरण की लॉकडाउन राहत से थिएटर, सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स के लिए उम्मीद जगी है कि इसके तीसरे चरण में ये भी दोबारा खुल जाएंगे। जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास ऐसा होने का अनुमान है। बैठने के स्थान में दूरी, संपर्क रहित सेवा और बहुत अधिक स्वच्छता का चलन होगा। फिल्म देखने वालों को अपने टिकट और भोजन की पहले से बुकिंग कराने, फिल्म देखने के दौरान मास्क पहनने तथा पिक्चर हॉल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के दौरान पंक्ति में चलने का कड़ा अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हाउसकीपिंग का महत्त्व बदल जाएगा और समय-समय पर कर्मचारियों की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके स्वास्थ्य से संबंधित डर की कोई बात नहीं है।

देश की शीर्ष मल्टीप्लेक्स शृंखला, जिनमें पीवीआर, आईनॉक्स, सिनेपोलिस और कार्निवल सिनेमा जैसे नाम भी शामिल हैं, अपने कर्मियों के लिए डिजिटल सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करते हुए चुपचाप इन नई मानक परिचालन प्रक्रियाओं पर काम कर रहे हैं। नमी से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वे अपनी इमारतों की सफाई कर रहे हैं तथा सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग में सहायता के लिए प्रौद्योगिकी की खरीद की जा रही है।

दूसरी ओर लॉकडाउन शुरू होने के बाद पिछले ढाई महीने से नकदी प्रवाह शून्य रहने की बात ध्यान में रखते हुए सिंगल स्क्रीन थिएटरों को शुरुआत करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। देश के 9,600 स्क्रीन में से 70 फीसदी सिंगल स्क्रीन हैं और 30 फीसदी मल्टीप्लेक्स स्क्रीन हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि थिएटर से मिलने वाले राजस्व में आधा योगदान मल्टीप्लेक्स का रहता है, लेकिन लोगों के कम आने और रख-रखाव की अधिक लागत के कारण कई सिंगल-स्क्रीन थिएटरों को काम समेटना पड़ सकता है।

उद्योग का अनुमान है कि कोविड के बाद के दौर में फिल्म हॉल के रख-रखाव की लागत 20-25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। कोविड-19 से पहले मल्टीप्लेक्स में ‘ऑक्यूपेंसी लेवल’ औसतन 35 से 36 प्रतिशत था, तीन से छह महीने के अंतराल के बाद दोबारा खुलने और नए नियमों के अनुसार समायोजित होने पर यह स्तर 25 से 30 प्रतिशत रह सकता है। पीवीआर सिनेमाज के मुख्य कार्याधिकारी गौतम दत्ता का कहना है कि उनकी फर्म ने सिनेमा, कर्मचारी और ग्राहक स्तर पर शिष्टाचार के विस्तृत नियम तैयार किए हैं, जो सिनेमा हॉल दोबारा खुलने पर नई ‘नियम पुस्तिका’ के तौर पर काम करेंगे।

दत्ता ने कहा कि कर्मचारी स्तर पर हम तीन चीजों पर काम कर रहे हैं। कर्मचारियों को नई सामान्य स्थिति के अनुकूल बनाने में मदद करने के लिए सिनेमा हॉल खुलने से पहले चरण में कड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। यह पूर्वाभ्यास चलता रहेगा और सिनेमा हॉल खुलने से पांच से 10 दिन पहले इसमें तेजी आएगी और एक पहलू यह सुनिश्चित करना होगा कि कर्मचारी चिकित्सकीय रूप से योग्य हो। सभी कर्मचारियों के लिए चिकित्सा जांच की प्रक्रिया दोबारा शुरुआत के बाद भी जारी रहेगी क्योंकि कई कर्मचारी अग्रिम पंक्ति में होंगे। हम प्रशिक्षण सत्र के दौरान अपने कर्मचारियों के लिए इसे मजेदार बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें प्रशिक्षण के प्रारूप को खेल जैसा बनाने का पहलू भी शामिल हैं ताकि उन्हें आसानी से समझ में आ जाए।

पीवीआर ने अपनी इमारतों के अंदर अधिक संपर्क वाले स्थानों पर बैक्टीरियारोधी पर्त स्थापित करते हुए सुरक्षा मानकों के संबंध में भी नई शुरुआत की है। इनमें कीटाणुओं का प्रसार रोकने के लिए दरवाजे के हत्थों, कुंड़ों, लिफ्ट के बटनों के साथ-साथ सभागारों में अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उसे स्टरलाइज करना तथा खाद्य पदार्थों के लिए विशेष पैकेजिंग और डिस्पेंसर का उपयोग करना भी शामिल है। नकदी को समय-समय पर अल्ट्रा वॉयलेट रोशनी से कीटाणुरहित किया जाएगा और सभी वॉशरूप में मोशन सेंसर आधारित सैनिटाइजर लगाए जाएंगे।

आईनॉक्स लेजर के मुख्य कार्याधिकारी आलोक टंडन कहते हैं कि उनकी शृंखला टिकट बुकिंग और खाने का ऑर्डर करने के लिए कागज रहित लेन-देन को प्रोत्साहित करेगी। फर्श का सीमांकन करते हुए लोगों के अंदर आते ही दूरी बनाए रखने के शिष्टाचार का पालन करना होगा। सभागार के अंदर दूरी सुनिश्चित करने के लिए हम सीटों को इस तरह से आवंटित करेंगे कि किसी भी बुकिंग के बाद साथ वाली सीटें खाली रहें। इसके अलावा मूवी शो को इस तरह से निर्धारित किया जाएगा कि दो शो के दौरान एक ही समय में प्रवेश, अल्पविराम और निकासी न हो। सिनेपोलिस इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी देवांग संपत का कहना है कि मल्टीप्लेक्स की यह शृंखला सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए बैठने के लिए कई व्यवस्थाओं का मूल्यांकन कर रही है। वे कहते हैं कि हमारी आईटी प्रणाली बैठने के कई विकल्प उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम सामाजिक दूरी के मानदंडों को लागू करने के लिए भी तैयार हैं जिन्हें सरकारी विभागों द्वारा उद्योग के लिए निर्धारित किया जा सकता है।

साभार-https://hindi.business-standard.com/ से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार