Thursday, March 28, 2024
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पश्चिम रेलवे द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकी वाले पैदल ऊपरी पुलों का निर्माण

मुंबई। यात्री सुविधाओं को अत्याधुनिक एवं सुरक्षित बनाने के क्रम में नवीनतम पहल के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा प्रतिकूल वातावरण में संरचना के टिकाऊपन को ध्यान में रखते हुए विकसित किये गये डिजाइन वाले 9 पैदल ऊपरी पुलों कानिर्माण किया गया है। पश्चिम रेलवे ने मरीन लाइन्स, महालक्ष्मी, माहिम, प्रभादेवी, दादर, सांताक्रुज, जोगेश्वरी, भायंदर, नायगाँव तथा नालासोपारा स्टेशनों पर ऐसे पैदल ऊपरी पुलों का निर्माण किया है। ये पैदल ऊपरी पुल जंगरोधी हैं तथा आनेवाली किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हैं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे के चर्चगेट-अंधरी कॉरीडोर पर स्टील द्वारा निर्मित पैदल ऊपरी पुलों की मेंटेनेंस में जंग से छुटकारा पाना एक प्रमुख चुनौतीहोती है। मुंबई की समुद्री हवा वाले प्रतिकूल वातावरण में पैदल ऊपरी पुल स्टील अवयव में क्लोराइड के कारण जंग लगने से तेजी से जर्जर होने लगते हैं। यह बार-बार देखा गया है कि इस खंड पर स्टील संरचनाओं की नियमित रूप से पेंटिंग एवंजंग लगे स्टील अवयव सुदृढ़ बनाने सम्बंधी कार्य के ज़रिये जल्दी-जल्दी मेंटेनेंस करनी पड़ती है। इस समस्या से निपटने हेतु पश्चिम रेलवे ने इस प्रतिकूल वातावरण में संरचनाओं को टिकाऊ बनाने हेतु पैदल ऊपरी पुल की एक नई डिजाइनविकसित की है। यात्रियों के उपयोग एवं कलात्मकता को भी ध्यान में रखा गया है। इस डिजाइन में क्लोज़ कॉलम के सपोर्ट पर स्टील संरचना का निर्माण किया गया है। यह क्लोज कॉलम जल के प्रवेश एवं इसके जमाव को रोकेंगे, जिससे जंगलगने से रोकने में मदद मिलेगी। डेक ट्रस टाइप संरचना के विपरीत प्लेट गर्डर द्वारा सपोर्टेड है, जिससे अनुरक्षण एवं मरम्मत में सहूलियत होगी। डेक के कॉन्क्रीट स्लैब पर स्टेनलेस स्टील री-इंस्फोर्समेंट है, जो जंगरोधी है। वहीं छत क्लोज स्टीलसेक्शनों द्वारा सपोर्टेड है, जो जल के प्रवेश एवं इसके जमाव को रोकती है। अधिक जीवन काल के लिए गैलवैलूम रूफ शीट कवरिडग उपलब्ध कराई गई है।

यात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्लेटफॉर्मों पर सिंगल कॉलम सपोर्ट के लिए यह नई डिजाइन उपलब्ध कराई गई है। सिर्फ एक प्लेटफॉर्म में डबल कॉलम अरेंजमेंट है। यह सिंगल कॉलम अरेंजमेंट यात्रियों के लिए अधिक सर्कुलेटिंग स्पेसविशेषकर स्टेशनों पर उपलब्ध कराता है, जहाँ प्लेटफॉर्म की चौड़ाई में लिमिटेशन होती है। कॉलम की स्ट्रक्चरल ब्रेसिंग प्लेटफॉर्म लेवल से कम से कम 2.5 मीटर ऊँचाई पर रखी जाती है, जिससे यात्रियों के लिए भरा हुआ हैड रूम उपलब्ध हो सके।डैक फ्लेमकट ग्रेनाइट से बनाया गया है, जो ड्यूरेबल एवं एंटी स्किड सर्फेश उपलब्ध कराता है। बढ़ी हुई 10 से 12 मीटर चौड़ाई वाले डैक को बनाने की योजना है, जिससे एस्केलेटर के माध्यम से आने वाले अतिरिक्त ट्रैफिक का नियोजन हो सके।हैंड रेलिंग भी स्टेनलेस स्टील से बनाई गई हैं। पश्चिम रेलवे ने इस डिजाइन के आधार पर मरीन लाइन्स, महालक्ष्मी, माहिम, प्रभादेवी, दादर, सांताक्रुज, जोगेश्वरी, भायंदर, नायगाँव तथा नालासोपारा स्टेशनों पर अब तक 9 पैदल ऊपरी पुलों कानिर्माण किया है। पश्चिम रेलवे इस डिजाइन पर आधारित ऐसे 15 और पैदल ऊपरी पुलों का इस वर्ष निर्माण करेगी।
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