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माइक्रोबायोलॉजी एवं बायोटेक्नोलॉजी का योगदान कोविड 19 महामारी में

आगरा। कोविड-19 महामारी से आज पूरा विश्व त्रस्त है। विश्व भर के वैज्ञानिक कोरोना रूपी संक्रमण के उपचार और निदान पर निरंतर अनुसंधान में लगे हैं। भारतीय सरकार ने कोविद19 को देश के विकास के लिए एक अवसर के रूप में लिया है सरकार की इसी मंशा के अनुरूप देश के प्रमुख संस्थान आईसीएमआर, सीएसआईआर, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित अन्य संस्थान में कार्यरत माइक्रोबायोलोजी एवं बायोटेक्नोलोजी के वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। आशा है देश के वैज्ञानिक इस महामारी के रोकथाम में इस्तेमाल की जाने वाली वैक्सीन एवं दवाई जल्द ही खोज लेंगे।

इसी महत्वपूर्ण विषय के ऊपर स्कूल ऑफ लाइफ साइंस डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के तत्वधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आईसीएमआर के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉक्टर विश्व मोहन कटोच, नेशनल जालमा संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर श्रीपद पाटिल, प्रोफेसर राम लखन सिंह ,राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, अयोध्या डॉ प्रवीण केदरेकर , दक्षिण अफ्रीका डॉक्टर राजा भट्टाचार्य, अमेरिका डॉ यश गुप्ता ,अमेरिका एवं डॉ राहुल शर्मा, अमेरिका एवं देश विदेश के प्रमुख माइक्रोबायोलॉजिस्ट व बायोटेक्नोलजिस्ट द्वारा संबोधित किया जा रहा है। इंटरनेशनल वेबिनार के पहले दिन दिनांक 18 मई 2020 को माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े हुए विशेषज्ञों ने सम्बोधित किया।

इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन डॉ भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार मित्तल जी द्वारा किया गया। अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति जी ने कहां कि विश्व के वैज्ञानिक इस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए तैयार की जाने वाली वैक्सीन व दवाई की खोज में लगातार प्रयासरत हैं।उन्होंने देश के सूक्ष्मजीवी वैज्ञानिकों द्वारा एकीकृत चिकित्सा पद्धति में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सरकार की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश जल्दी ही विश्व का नेतृत्व करता हुआ नजर आएगा।

आयोजन सचिव डॉ सुरभि महाजन प्रभारी माइक्रोबायोलोजी विभाग, स्कूल ऑफ लाइफ लाइफ साइंस द्वारा कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डाला डॉ महाजन ने कहा कि कोविड-19 सभी के लिए चुनौतियां एवं अवसर लेकर आया है। इससे पहले कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ मोनिका अस्थाना प्रभारी बायोटेक टेक्नोलॉजी द्वारा रखी गई। अधिष्ठाता स्कूल ऑफ लाइफ साइंस प्रोफेसर पीके सिंह द्वारा सभी वैज्ञानिकों का स्वागत किया गया।

मुख्य वक्ता पूर्व डायरेक्टर जनरल प्रोफेसर डॉक्टर विश्व मोहन कटोच ने कहा कि अब संपूर्ण विश्व के लोगों को इस कोरोना रूपी संक्रमण के साथ ही रहने की आदत डालनी होगी ।इस संक्रमण की पहचान, बचाव एवं उपचार ही इसका मूल मंत्र है। उन्होंने कहा आने वाला समय जीव वैज्ञानिकों का है। इस महत्वपूर्ण विषय पर वेबीनार आयोजित करने के लिए आयोजनकर्ताओं को धन्यवाद दिया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में जालमा इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर श्रीपद पाटिल ने विश्वास व्यक्त किया कि विश्व के वैज्ञानिक जल्द ही इसकी वैक्सीन बनाने में सफल होंगे। जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इससे बचाव ही इसका सर्वश्रेष्ठ उपचार है। हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे बचना होगा।इसके लिए हम सबको आईसीएमआर द्वारा दी जाने वाले दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। बहुत ही कम समय में जालमा इस संक्रमण की टेस्टिंग में सफल हुआ है। डायरेक्टर लेबोरेटरी ऑपरेशंस अमेरिका डॉ राहुल शर्मा ने अपने व्याख्यान में कोविड -19 की पहचान में सफलता , चुनौतियां व अवसरों पर प्रकाश डाला। उपस्थित प्रतिभागियों के उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही हम इसके टीका निर्माण में सफल होंगे।

धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक प्रोफेसर भूपेंद्र स्वरूप शर्मा जी स्कूल ऑफ लाइफ साइंस ने दिया। उन्होंने बताया कि इस व्यवहार में भाग लेने हेतु ढाई हजार प्रतिभागियों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया। तकनीकी सहयोग के लिए प्रोफेसर वीके सारस्वत जी वह उनकी टीम को धन्यवाद दिया गया। वेबीनार के सफल आयोजन में प्रोफेसर आशा अग्रवाल ,डॉ रजनीश अग्निहोत्री, डॉ अंकुर गुप्ता, डॉ अवनीश कुमार का विशेष योगदान रहा।