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कोविड-19 टीकाकरण: मिथक बनाम तथ्य

नई दिल्ली। हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो दिनों में राजस्थान में कोविड-19 वैक्सीन की कमी हो गई है, जिसके कारण कुछ कोविड टीकाकरण केंद्र बंद हो गए हैं।

यह स्पष्ट किया जाता है कि जुलाई 2021 के महीने के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ही निजी क्षेत्र के अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाने वाली कुल खुराक के बारे में पर्याप्त जानकारी पहले ही दी जा चुकी थी। राज्यों को सलाह दी गई थी की वे कोविड के टीकों की उपलब्धता के आधार पर कोविड-19 टीकाकरण सत्र निर्धारित करें।

1 जुलाई 2021 को, राजस्थान के पास टीकों की 1.69 लाख से अधिक बिना उपयोग की गई शेष खुराकें उपलब्ध थीं। राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत राज्य को 1 से 6 जुलाई 2021 की अवधि के दौरान केंद्र सरकार से 8.89 लाख से अधिक मुफ्त टीके की खुराक प्राप्त हुई है। साथ ही राजस्थान को जुलाई 2021 के शेष दिनों के लिए 39 लाख 51 हजार अतिरिक्त खुराक प्राप्त होंगी। जुलाई 2021 के पूरे महीने में राजस्थान को 50 लाख 90 हजार से अधिक टीकों की खुराक प्राप्त होगी। टीकों के उत्पादन और उपलब्धता के आधार पर यह संख्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा, राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि उन्हें कोविड वैक्सीन की अधिक खुराक की आवश्यकता होती है, तो वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को सूचित करें।

टीके चूंकि एक जैविक उत्पाद हैं, इसलिए इनके निर्माण की प्रक्रिया में समय लगता है। वैक्सीन के एक बार उत्पादित होने के बाद, टीकों की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए परीक्षण किया जाता है। इस प्रकार, और तत्काल आपूर्ति में तब्दील नहीं हो पाता है।

कोविड टीका एक जैविक उत्पाद है, इसलिए उत्पादन प्रक्रिया में समय लगता है। एक बार उत्पादित होने के बाद, इन टीकों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जाँच की जाती है। इस प्रकार, टीके के उत्पादन के लिए निर्माण प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए तत्काल आपूर्ति संभव नहीं है।