Thursday, March 28, 2024
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सबसे बड़ी फसल बीमा कार्यक्रमों में से एक को कारगर बनाने के लिए क्रॉपइन देता है एआई–नीत सहयोग

बेंगलुरु । फरवरी 2020: वर्ष 2016 में शुरू हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई/ PMFBY) के हिस्से के रूप में, भारत सरकार ने एक फसल चक्र के दौरान एक इलाके में फसल की उपज का सटीक अनुमान लगाने के लिए फसल कटाई प्रयोग (सीसीई/CCE) नाम की मूल्यांकन पद्धति का उपयोग किया। हालांकि, जलवायु परिवर्तन, मौसम की अनिश्चितता और अन्य कारकों के प्रभाव से सीसीई (CCE) के परंपरागत तरीके जैसे रैंडम सर्वे (आकस्मिक सर्वेक्षण) ने सटीक डाटा संग्रहण को कठिन बना दिया है। ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों ने सरकार के लिए फसल के नुकसान के आकलन हेतु एक ठोस प्रणाली और बीमा दावों के निपटान प्रक्रिया में समय की बर्बादी को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाना अनिवार्य बना दिया है।

सीसीई (CCE) प्रक्रिया को कारगर बनाने और इसे अधिक सटीक एवं मापनीय बनाने हेतु केंद्र सरकार ने अग्रणी एआई एवं डाटा–नीत कृषि–तकनीक संगठन, क्रॉपइन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य गलत आंकड़ों के संग्रहण को रोकना और खेतों एवं किसानों के स्तर पर आंकड़ों का पूर्ण डिजिटलीकरण करना है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में फैली लाइव रिपोर्टिंग, विश्लेषण, व्याख्या और संपूर्ण जानकारी की क्षमताओं के साथ क्रॉपइन शॉर्ट हार्वेस्टिंग विंडो और सीमित जनबल के साथ विश्वसनीय, सटीक एवं बड़े पैमाने पर सीसीई के लिए सरकार को सहयोग प्रदान कर रहा है।

सरकार किसानों को बिना किसी परेशानी के बीमा के पैसों का भुगतान करने के लिए सीसीई (CCE) से मिले आंकड़ों का प्रयोग करती है। पीएमएफबीवाई (PMFBY) चाहती है कि प्रत्येक राज्य अपने हर एक ग्राम पंचायत में एक– एक फसल के लिए कम–से–कम चार सीसीई (CCE) करे और फसल की कटाई के एक महीने के भीतर बीमा कंपनियों को पैदावार संबंधी आंकड़े दे। क्रॉपइन के डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे स्मार्टफार्म (SmartFarm) और स्मार्टरिस्क (SmartRisk) सुनिश्चित करते हैं कि ये दावे और भुगतान प्रक्रिया आंकड़ों पर आधारित और मूल रूप के अनुसार ही सटीक हैं।

क्रॉपइन कवरेज में क्षेत्र संबंधी विसंगतियों को न्यूनतम बनाने, भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण करने, झूठे दावों की पहचान करने में सरकार की मदद करने हेतु अपने फ्लैगशिप सॉल्यूशन, स्मार्टफार्म (SmartFarm) का प्रयोग करती है और विभिन्न हितधारकों को एकीकृत प्लेटफॉर्म पर भी लाती है। बीमा जोखिम आकलन और स्मार्टरिस्क (SmartRisk) का प्रयोग कर जोखिम निगरानी सुविधा, जोखिम को कम करने के लिए भविष्यसूचक और निर्देशात्मक समाधान एवं पूर्वानुमान सूचना के लिए कंपनी, कृषि–वैकल्पिक आंकड़ा (एजी–ऑल्टरनेट डाटा) प्रदान करती है। प्लेटफॉर्म का स्मार्ट सैंपलिंग मॉड्यूल सरकार को फसल के पैटर्न का पता लगाने और उसके बारे में पूर्व सूचना देने में मदद कर रहा है। इस प्रकार मूल्य–श्रृंखला में कृषि–हितधारकों से संबंधित जोखिम और अवसरों को सामने ला रहा है।

क्रॉपइन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस के मुख्य राजस्व अधिकारी, जीतेश शाह का कहना है कि– “बीते दो वर्षों में, हमने सरकार के साथ मिल कर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में कपास, धान, मक्का और अन्य फसलों के लिए सीसीई प्रक्रिया को अनुकूल बनाने के लिए बहुत काम किया है। क्रॉपइन के सॉल्यूशंस ने इन राज्यों को बीमा संबंधी मामलों को निपटाने में लगने वाले समय को बहुत कम करने में मदद की है। अक्टूबर 2020 तक देश के सभी किसानों की जमीन के रिकॉर्ड का डेटाबेस बनाने और भूमि रिकॉर्ड्स के साथ बीमा पॉलिसी को लिंक करने के लिए क्रॉपइन पीएमएफबीवाई (PMFBY) के विजन के अनुसार काम कर रहा है।”

वर्ष 2019 में, महाराष्ट्र के जालना जिले में कपास की फसल और मध्य प्रदेश के सीहोर और जबलपुर जिलों में क्रमशः सोयाबीन एवं धान की फसलों पर प्रयोग करने के लिए क्रॉपइन ने सरकार के साथ साझेदारी की थी। जबकि, कर्नाटक में, बेल्लारी और कोप्पल जिलों में क्रमशः कपास और धान की फसलों पर प्रयोग किए गए थे। सरकार क्रॉपइन के स्मार्टफार्म (SmartFarm) और स्मार्टरिस्क (SmartRisk) सॉल्यूशंस का प्रयोग कर रही है ताकि सीसीई का सटीक और कुशल कार्यान्वयन किया जा सके और परिणामस्वरूप बीमा दावों का समय से भुगतान सुनिश्चित हो सके। वर्ष 2018 में यह परियोजना साझेदारी के पहले चरण का अगला कदम थी जिसमें क्रॉपइन ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ चुनींदा जिलों में प्रयोग किए थे।

अपने डिजिटल फार्म मैनेजमेंट सॉल्यूशंस के साथ क्रॉपइन, एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी हितधारकों (किसानों, सरकारी एजेंसियों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों) को लाने के सरकार के प्रयास में सहयोग कर रहा है। इसकी कृषि तकनीक क्रियान्वयन को बेहतर बना रही है और रीयल–टाइम (वास्तविक समय) सूचनाओं और निगरानी प्रदान कर प्रक्रिया में पारदर्शिता ला रही है।

क्रॉपइन के बारे में

क्रॉपइन एक अग्रणी एआई और डाटा–नीत कृषि–तकनीक संगठन है जो पूरे विश्व में कृषिव्यवसायों को एसएएएस (SaaS) समाधान प्रदान करता है। क्रॉपइन के उत्पादों का अनूठा समूह कृषि–पारितंत्र में किसानों समेत विभिन्न हितधारकों को अपने कामों में डिजिटल रणनीति अपनाने एवं संचालित करने में सक्षम बनाता है।

बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और रिमोट सेंसिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर क्रॉपइन कृषि पारितंत्र में अलग– अलग स्तरों पर इन सभी हितधारकों का एक दूसरे से जुड़ा नेटवर्क तैयार करता है, और अपने उपभोक्ताओं को खेतों में लगी फसल पर वास्तविक समय में किए जाने वाले कार्य के लिए आंकड़ों का विश्लेषण और व्याख्या करने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार व्यवसाय डिजिटलीकरण, अनुपालन, स्थिरता और पता लगाने योग्य कार्यों के लिए तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।

‘प्रति एकड़ अधिकतम मूल्य’ के विजन और ‘प्रत्येक खेत का पता लगाने’ के मिशन के साथ क्रॉपइन दक्षता, उत्पादकता बढ़ाकर और देश में स्थिरता को मजबूत कर कृषि–व्यवसाय की मूल्य वृद्धि करता है। अब तक क्रॉपइन ने 46 से अधिक देशों में 384 फसलों और 3,662 फसल प्रजातियों पर आंकड़े जुटाकर 5.5 मिलियन (55 लाख) एकड़ कृषि भूमि का डिजिटलीकरण किया है और करीब 2.1 मिलियन (21 लाख) किसानों के जीवन को समृद्ध बनाया है। क्रॉपइन का एसएएएस (SaaS) सॉल्यूशंस फसल और स्थान के बारे में नहीं बताता और यह वेब एवं मोबाइल उपकरणों के लिए उपलब्ध है।

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