Thursday, April 25, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोउस गूँगे बहरे को लोग पागल समझते रहे, उसने कबाड़ से हवाई...

उस गूँगे बहरे को लोग पागल समझते रहे, उसने कबाड़ से हवाई जहाज बना दिया

तिरुवनंतपुरम। बचपन से गूंगे-बहरे साजी थॉमस को इडुक्‍की के दूरस्‍थ गांव में लोग ‘इडियट’ कहते थे, मगर उसने अपनी मेहनत से ऐसा कारनामा कर दिया है, जिसने हर किसी को हैरत में डाल दिया है। 45 वर्षीय साजी ने कबाड़ और रीसाइकिल्‍ड चीजों से दो सीटों वाला अल्‍ट्रालाइट एयरक्राफ्ट बनाया है।

तिरुवनंतपुरम में रिटायर्ड विंग कमांडर एसकेजी नायर की निजी फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी में साजी का X Air-S विमान कई सफल टेस्‍ट फ्लाइट्स पूरा कर चुका है। इस उपलब्‍िध के चलते साजी का नाम रिकॉर्ड बुक में भी शामिल किया गया है।

डिस्‍कवरी में रितिक बताएंगे साजी की कहानी

साथ ही डिस्‍कवरी चैनल के HRX सुपरहीरोज नाम के कार्यक्रम में भी उनकी कहानी दिखाई जाएगी। इस कार्यक्रम की एंकरिंग रितिक रोशन करेंगे और इसमें नौ ऐसे लोगों की कहानी दिखाई जाएगी, जिन्‍होंने अपनी शारीरिक अक्षमता को पीछे छोड़कर अपने सपनों को पूरा किया है।

ऐसे चढ़ा जुनून
विमान बनाने का जुनून साजी के मन में 15 वर्ष की आयु में उस वक्‍त आया था, जब उन्‍होंने रबर के पेड़ों पर कीटाणुनाशक दवा के छिड़काव के लिए दो हेलिकॉप्टरों को उड़ते हुए देखा था। इसके बाद साजी ने हेलिकॉप्टर के पायलटों से दोस्‍ती कर ली। इनमें से एक पायलट ने उन्‍हें अपना मुंबई का पता दे दिया। मात्र 15 साल की उम्र में वह घर छोड़कर पायलटों से मिलने मुंबई पहुंच गए। साजी के जुनून को देखकर पायलटों ने एविएशन से जुड़ी कुछ किताबें साजी को पढ़ने के लिए दीं।

अपने हिस्‍से की जमीन भी बेच दी

इसके बाद के वर्षों में साजी ने एयरक्राफ्ट बनाने के लिए खूब मेहनत की। उन्‍होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने हिस्‍से की जमीन भी बेच दी। उनकी पत्‍नी मारिया ने बताया कि पहले साजी ने एयरक्राफ्ट का फ्रेम बनाया। दूसरी बार में उन्‍होंने इसमें बाइक का इंजन लगाया, लेकिन यह उड़ान नहीं भर सका। दूसरे मॉडल को उन्‍होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज को बेच दिया। इससे जो पैसा मिला उससे साजी ने एयरक्राफ्ट का इंजन खरीदा और अपना Saji X Air-S पिछले साल बनाकर तैयार किया। उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ऐसे पहले व्‍यक्‍ित के रूप में शामिल किया गया है, जो डिफरेंटली एबल पर्सन हैं। वह रबर टैपर, इलेक्‍ट्रीशियन और शादी में फोटोग्राफी के जरिये अपनी जीविका चलाते थे।

साभार- http://naidunia.jagran.com/ से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार