मीडिया वालों की बेशर्मी पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्तः संज्ञान लिया, भेजा नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने मीडिया को फटकार लगाई है और वजह है जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सामूहिक बलात्कार के बाद मार दी गई आठ वर्षीय बच्ची की पहचान जाहिर करना। कोर्ट की ओर से शुक्रवार को इस मामले में में कई मीडिया हाउसों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही हिदायत भी दी है कि आगे से किसी खबर में बच्ची की पहचान जाहिर न की जाए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लिया और इस मामले में मीडिया हाउसों से जवाब मांगा है कि इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
गौरतलब है कि कश्मीर के बकरवाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली एक बच्ची अपने घर के पास से 10 जनवरी को लापता हो गई थी। एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को उसी इलाके से झाड़ियों में उसका शव मिला था। मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में इसी सप्ताह सात आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपपत्र और एक किशोर के खिलाफ पृथक आरोपपत्र दायर किया है। आरोपपत्र में रूह कंपा देने वाला घटनाक्रम बताया गया है। उसमें बताया गया है कि बच्ची को अगवा कर एक मंदिर में रखा गया था। उसे नशीली दवा पिलाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया। गांव के बाहर बाकरवाल समुदाय में भय पैदा करने के मकसद से आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई। सांजी राम पर प्रमुख साक्ष्य मिटाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही समेत स्थानीय पुलिस को रिश्वत देने का भी आरोप है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked (*)