Wednesday, April 24, 2024
spot_img
Homeप्रेस विज्ञप्तिवेंटिलेटर की आवश्यकता वाले रोगियों की पहचान में सहायता करने वाले नए...

वेंटिलेटर की आवश्यकता वाले रोगियों की पहचान में सहायता करने वाले नए सॉफ्टवेयर का विकास

नई दिल्ली। एक सॉफ्टवेयर अब उन रोगियों की पहचान कर सकता है जिन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत है। समय रहते मरीज को रेफर करने से आपात स्थिति से पहले आवश्यक व्यवस्था करने में मदद मिलेगी। कोविड सेविरिटी स्कोर (सीएसएस) सॉफ्टवेयर नामक सॉफ्टवेयर में एक एल्गोरिथ्म है जो कारोना मरीजों को मापदंडों के एक सेट से मापता है। यह प्रत्येक रोगी के लिए एक पूर्व-निर्धारित डायनेमिक एल्गोरिथ्म के सहारे कई बार स्कोर करता है और एक ग्राफिकल ट्रेंड में इसे मैप करने के लिए एक कोविड सेविरिटी स्कोर (सीएसएस) देता है।

इस सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी का उपयोग कोलकाता और उपनगरों में तीन सामुदायिक कोविड देखभाल केंद्रों में किया जा रहा है, जिसमें कोलकाता के बैरकपुर में एक 100-बेड का सरकारी कोविड देखभाल केंद्र भी शामिल है।

कोरोना महामारी के दौरान अचानक आईसीयू और अन्य आपातकालीन आवश्यकताओं को पूरा करना अस्पतालों के लिए एक चुनौती रही है। ऐसी स्थितियों के बारे में समय पर जानकारी स्वास्थ्य संकट को बेहतर ढंग से प्रबंधन करने में मदद करेगी।

फाउंडेशन फॉर इनोवेशन इन हेल्थ, कोलकाता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के साइंस फॉर इक्विटी, एम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट (सीड) के समर्थन और आईआईटी गुवाहाटी के साथ सहभागिता कर डॉ. केविन धालीवाल, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और डॉ. सायंतन बंदोपाध्याय, पूर्व में डब्ल्यूएचओ (दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय) के सहयोग से एक एल्गोरिथम विकसित किया है जो लक्षणों, संकेतों, महत्वपूर्ण मापदंडों, परीक्षण रिपोर्ट और कोविड संक्रमित रोगी के संक्रमण को मापता है और प्रत्येक को एक पूर्व-निर्धारित डायनेमिक एल्गोरिथ्म के सहारे स्कोर करता है। इस प्रकार एक कोविद सेविरिटी स्कोर ( सीएसएस) देता है ।

राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) मॉडल में प्रशिक्षित और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), भारत सरकार द्वारा प्रमाणित फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इन सभी मापदंडों को एक टैबलेट कंप्यूटर में रिकॉर्ड करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसमें सॉफ्टवेयर लोड होता है।

‘सीएसएस’ को नियमित रूप से रिमोट बैठे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों द्वारा कई बार निगरानी की जाती है, जिससे प्रत्येक मरीज के लिए डॉक्टर के परामर्श का समय कम हो जाता है और डॉक्टरों को मरीज को देखने के लिए आने की आवश्यकता कम हो जाती है। यह एक आईसीयू और रेफरल में वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत वाले रोगियों की शीघ्र पहचान में मदद कर सकता है, उन लोगों के लिए अस्पताल रेफरल को कम कर सकता है जिन्हें गंभीर देखभाल सहायता की आवश्यकता नहीं है, इस प्रकार अस्पताल में अधिक बेड की उपलब्धता हो पाएगी। यह उन रोगियों को चिकित्सा निगरानी में सहायता प्रदान करने में भी मदद करेगा जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं या घर की खराब स्थिति के कारण घर पर अलग-थलग ( आइसोलेट) नहीं हो सकते हैं।

यह सुविधा केवल बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले ‘कोविड केयर सेंटर्स’ के लिए बहुत बड़ी सहायता हो सकती है। हालांकि, इनवेसिव वेंटिलेशन के लिए इसमें कोई सुविधा नहीं है।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार