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धनतेरस और दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहुर्त

इस बार धनतेरस पूजा के लिए 28 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 35 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक मुहूर्त है। यह मुहूर्त 45 मिनट का है। वहीं इस दिन प्रदोष काल 5 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 11 मिनट तक हैं। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर 2016 को शाम 4बजकर 15 मिनट से हो जाएगी। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल के दौरान होना चाहिए। प्रदोष काल की अवधि 2 घंटे 24 मिनट की है।

इस दिन रात दिन का चौघड़िया मुहूर्त है। लाभ व अमृत का 8 से 9.30 बजे तक एवं 9.30 से 11 बजे तक, शुभ-12 से 1.30 बजे तक, चर-4.30 बजे से 5.43 बजे तक। इस दिन शाम 6.21 से भद्रा लग लग जाएगा।

भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं, लेकिन प्रदोष काल एवं स्थिर लग्न होने से इसका प्रभाव नहीं रहेगा इसके चलते 6.41 से 7.31 बजे तक बही-खाते खरीदे जा सकते हैं।

पूजा के बाद धनवंतरी पूजन करें व अपने घर के पूजा गृह में ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें।

दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन मुहुर्त
महालक्ष्मी पूजन व दीपावली का महापर्व इस बार रविवार (30 अक्टूबर 2016) को है। इस दिन चित्रा/स्वाति नक्षत्र है। यह संयोग बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन प्रीति योग तथा चंद्रमा तुला राशि में विचरण करेगा। प्रदोष काल, स्थिर लग्न तथा कुंभ का स्थिर नवांश होने से लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय 13 मिनट का शाम 6.50 से 7.03 बजे तक का रहेगा।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन को श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन 5.42 से 8.17 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। इसमें लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है।

प्रदोष काल समय को दिवाली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रदोष काल में भी स्थिर लग्न समय सबसे उत्तम रहता है। इस दिन प्रदोष काल व स्थिर लग्न दोनों तथा इसके साथ शुभ चौघड़िया भी रहने से मुहूर्त की शुभता में वृद्धि हो रही है।

चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन का अपना महत्व है और इसके अनुसार शुभ, लाभ, अमृत एवं चर के चौघडिय़ा में लक्ष्मी पूजन श्रेष्ट मुहुर्त माना गया है, जो लोग चौघड़िया से लक्ष्मी पूजन करना चाहते हैं वे शुभ, अमृत व चर के सायं 5.42 से रात्रि 10.34 बजे तक तथा लाभ का चौघडिय़ा मध्यरात्रि बाद 1.48 से 3.25 बजे तक पूजन कर सकते हैं। शुभ का चौघड़िया अंतरात 5.02 से प्रात: 6.40 बजे तक रहेगा।

शुभ लग्न में पूजन का मुहूर्त
दिवाली पूजन का चौघडिय़ा एवं प्रदोष काल के साथ शुभ लग्न का भी काफी महत्व है। इस बार वृष लग्न सायं 6.37 से 8.34 बजे तक, सिंह लग्न मध्यरात्रि बाद 1.07 बजे से 3.23 बजे तक लक्ष्मी पूजन किया सकता है।

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