Friday, April 19, 2024
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डिजिटल इंडिया को सफल बनाने स्मार्ट फोन लोगों के रोजगार का जरिया बने

भोपाल। कम्प्यूटर एवं स्मार्ट फोन उपयोग के मामले में देश के लोग बहुत आगे हैं, हमें उनके साथ चलने की जरूरत है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए हमें स्मार्ट फोन के माध्यम से छोटे कामगारों को रोजगार उपलब्ध करवाना होगा। केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने आज यहाँ 10 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में ‘संचार एवं प्रौद्योगिकी में हिन्दी’ सत्र की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सूचना तकनीक के उपयोग से लोगों का जीवन आसान हुआ है। इसे बढ़ावा देने के लिए संचार विभाग ने सूचना प्रौद्योगिकी में हिन्दी के साथ देश की अन्य भाषा में ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किये हैं। लोगों की सुविधा के लिए विभाग ने कम्प्यूटर एवं स्‍मार्ट फोन पर जीवन प्रमाणन, खोया-पाया, ई-बस्ता, ई-छात्रवृत्ति आदि एप्स भी विकसित किये हैं।

सत्र में डाँ. सुजय लेले ने कहा कि घर-घर में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि कम्प्यूटर में हिन्दी का अधिक से अधिक उपयोग किया जाये। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के गाँव में स्वयं पहल कर सफलता प्राप्त की है। डॉ. लेले ने कहा कि स्क्रिप्ट की-बोर्ड से कम्प्यूटर में फोन्ट की समस्या नहीं आती, इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर को बढ़ावा देने हिन्दी को दिल के साथ लोगों की रोजगार की भाषा बनाना होगा।

प्रसिद्ध कवि प्रो0 अशोक चक्रधर ने कहा कि देशवासियों के अच्छे दिन लाने के लिए कम्प्यूटर का हिन्दी की-बोर्ड होना आवश्यक है। कम्प्यूटर को बढ़ावा देने स्कूल स्तर से ही बच्चों को उनकी मातृभाषा में कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देना होगा। इन्टरनेट के आने से अंग्रेजी भाषा कमजोर हुई है और हिन्दी को बढ़ावा मिला है। अब विश्व के लोग भारत की भाषा हिन्दी में उसके इतिहास, संस्कृति, पर्यटन स्थल आदि के बारे में इन्टरनेट से अधिक से अधिक जानकारी लेने लगे हैं।

कम्प्यूटर विशेषज्ञ श्री हर्ष कुमार ने कहा कि कम्प्यूटर में उपयोग के लिए हमारी भाषा हिन्दी एवं देवनागरी लिपि में कोई कमी नहीं है। इसके लिए हिन्दी शब्द का मानकीकरण होना चाहिये। हिन्दी में कम्प्यूटर को प्रोत्साहित करने के लिए सामान्य बोलचाल की भाषा के शब्दों में हमें ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करने की जरूरत है।

सत्र में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह के अलावा कम्प्यूटर विशेषज्ञ सर्वश्री विजय कुमार मल्होत्रा, आदित्य चौधरी, बालेन्दु शर्मा (दधीच), सत्र संयोजक डाँ. रचना विमल तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा इस क्षेत्र के विशेषज्ञ और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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