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महिलाओं को महान मत बनाइये, उन्हें समानता और सम्मान दीजिए : प्रो. संजय द्विवेदी

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में “स्त्री शक्ति सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता आईआईएमसी की अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा ने की। आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार एवं दैनिक सन्मार्ग, कोलकाता की डिप्टी एडीटर सर्जना शर्मा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुईं।

इस अवसर पर प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत महान है, लेकिन किसी भी समाज का निर्माण लोगों के आचरण पर निर्भर करता है। हम महिला दिवस के दिन बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी बातें करके महिलाओं को महान मत बनाइये, बल्कि उन्हें समानता और सम्मान दीजिए।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि दुनिया को सुंदर बनाने के लिए महिलाओं ने क्या कुछ नहीं किया, पर हमने महिलाओं के लिए क्या किया। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर हम जैसे जैसे कानून कड़े करते जा रहे हैं, महिलाओं के प्रति बर्बरता भी बढ़ती जा रही है। असल में हमें कड़े कानूनों की नहीं, बल्कि मानवीय आचरण में सुधारों की आवश्यकता है। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि स्त्री ‘शक्ति’ का ही एक रूप है। इस दुनिया में एक स्त्री ही ये कामना कर सकती है कि उसका पति, उसका बेटा उससे आगे निकल जाए।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ पत्रकार सर्जना शर्मा ने कहा कि भारत में स्त्री शक्ति की गौरवशाली परंपरा रही है। महिलाएं किसी भी संस्थान की सबसे बड़ी शक्ति हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जब भी महिला सशक्तिकरण की बात होती है, तो पुरुषों का विरोध शुरू हो जाता है, जबकि भारतीय संस्कृति में नर और नारी दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।

सर्जना शर्मा ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब महिलाओं की पुरुषों से तुलना करना बंद होना चाहिए। पुरुषों के बिना भी समाज की कल्पना संभव नहीं है। एक सुंदर समाज के निर्माण में पुरुष और महिला को मिलकर काम करना चाहिए, न कि एक दूसरे का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अधिकांश महिलाएं ‘फैमिनिस्ट’ न होकर ‘फैमिलिस्ट’ हैं। उन महिलाओं के केंद्र में उनका परिवार है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। सुश्री शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग और झूठे नारी विमर्शों से दूर रहना चाहिए।

आईआईएमसी की अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा ने कहा कि इस तरह के सम्मान समारोह से संस्थान में कार्य कर रही महिलाओं का हौंसला बढ़ता है और उनमें नई ऊर्जा का संचार होता है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण आईआईएमसी की पुस्तकालय प्रभारी डॉ. प्रतिभा शर्मा ने दिया तथा सुश्री रीता कपूर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच संचालन विष्णुप्रिया पांडेय ने किया।

इससे पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आईआईएमसी में कार्य कर रही महिला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को इंद्रप्रस्थ महाविद्यालय के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेखा सेठी ने संबोधित किया।


– प्रो. संजय द्वेिवेदी
Prof. Sanjay Dwivedi

महानिदेशक

Director General

भारतीय जन संचार संस्थान,

Indian Institute of Mass Communication,

अरुणा आसफ अली मार्ग, जे.एन.यू. न्यू केैम्पस, नई दिल्ली.

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