Friday, March 29, 2024
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युवाओं के व्यक्तित्व को निखार रहे हैं डॉ.चन्द्रकुमार जैन

राजनांदगाँव । तेजगति प्रतिस्पर्धा और बहुआयामी चुनौतियों के मौजूदा दौर के मद्देनजर दिग्विजय कालेज के प्राध्यापक डॉ. चन्द्रकुमार जैन एक नयी पहल के साथ युवाओं के सार्थक मार्गदर्शन का बीड़ा उठाया है । लिखने और बोलने की कला में महारथ के साथ डॉ. जैन अब विभिन्न माध्यमों में शिक्षण, अभिप्रेरण, सम्प्रेषण व शिक्षणेतर गतिविधियों के साथ-साथ व्यक्तित्व तथा नेतृत्व के गुणों के विकास के गुर साझा कर रहे हैं, जिसे हजारों लोग हाथों हाथ ले रहे हैं ।

सबसे अहम पहलू यह है कि डॉ. चन्द्रकुमार जैन उच्च शिक्षा और सामाजिक जीवन के अपने गौरवशाली कर्मक्षेत्र और स्वस्थ अभिरुचि के सम्मान में यह अभियान निःस्वार्थ भाव से चला रहे हैं । उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सर्वधर्म समभाव के साथ-साथ अपनी छत्तीसगढ़ महतारी की गरिमा व महिमा के प्रसार को भी प्राथमिकता में शुमार किया है । उनकी दृश्य-श्रव्य प्रस्तुति जगत में सबसे बड़ी है माँ, छत्तीसगढ़ की माटी और साहित्य इतिहास के धारावाहिक मार्गदर्शन को हजारों लोगों ने अल्प समय के भीतर देखा, सुना और सराहा है। डॉ. जैन सभी धर्मों के सर्वोत्तम विचारों तथा जीवन निर्माणकारी संदेशों को भी वाणी दे रहे हैं। इसके पीछे राष्ट्रीय एकता और अखंडता के मूल्यों का प्रसार एक प्रेरक शक्ति के रूप में कार्यरत है । उनके सभी पारिवारिक सदस्य इस श्रेष्ठ प्रयास में सहभागी और सहयोगी हैं ।

गौरतलब है कि मुद्रण माध्यमों से लेकर रचनात्मक लेखन तक और ब्लॉग लेखन से लेकर सोशल मीडिया तक डॉ. चंद्रकुमार जैन ने अपनी अभिव्यक्ति कला को नए अंदाज में विस्तार दिया है । 1000 बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर की उनकी किताब वस्तुनिष्ठ हिंदी साहित्य इन दिनों अकादमिक क्षेत्र में चर्चा के केंद्र में है ।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के चेयरमैन श्री पिस्दा ने डॉ. जैन की इस कृति को प्रतियोगी परीक्षाओं।के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए उन्हें बधाई दी । छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनयकुमार पाठक और भाषाविद डॉ. चित्तरंजन कर ने उनकी कृति को मील का पत्थर निरूपित किया है ।

हाल ही में कोलकाता के विशाल पुस्तकालय और संग्रहालय में डॉ. जैन की यह किताब बुलायी गयी । सतना के संग्रहालय में उनका मूकमाटी महाकाव्य पर लिखा शोध ग्रंथ सुशोभित हो गया है । पुरस्कृत और चर्चित लेखों का संग्रह सृजन के आयाम की सतत समीक्षा हो रही है । अपने ब्लाग बूंद भर नर्म उजाला के अतिरिक्त यूट्यूब और अन्य सामाजिक माध्यमों में भी डॉ. जैन की साझेदारी को युवा पीढ़ी ही नहीं, हर उम्र के लोग सकारात्मक प्रभाव के कोण से देख रहे हैं, स्वीकार कर रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इन माध्यमों से हटकर भी प्रतिभाएँ बहुआयामी विषयों पर सीधे संपर्क कर डॉ. जैन से लाभान्वित हो रहीं हैं ।

बहरहाल सिर्फ व्यावसायिकता के दौर में डॉ. चन्द्रकुमार जैन की ऐसी निःस्वार्थ सेवा एक उदाहरण साबित हो रही है । डॉ. जैन का कहना है कि जीवन की हर चुनौती और हर सवाल का जवाब रचनात्मकता है, जिसे हर हाल में संवारना और साझा करना चाहिए ।

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