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ड्रायवर की बेटी बैठेगी न्यायाधीश की कुर्सी पर

जयपुर । 24 साल की ज्योति शर्मा का परिवार काफी गरीब है, लेकिन आज ज्योति के ऊपर केवल उनके माता-पिता को ही नहीं बल्कि पूरे राज्य को गर्व है। ज्योति को राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) परीक्षा में 15वां स्थान मिला है। ज्योति ने पहली बार यह परीक्षा दी थी।

ज्योति ने बेहद कमजोर आर्थिक वर्ग से होकर भी इतनी मुश्किल परीक्षा पास की है। उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता को 4,000 रुपये का मासिक वेतन मिलता है। उन्हें परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी नौकरी के अलावा भी कुछ छोटे-मोटे काम करने पड़ते हैं।’ ज्योति के पिता मुकुट बिहारी पेशे से चालक हैं। वह स्कूल के बच्चों को स्कूल लाते-ले जाते हैं। ज्योति की मां इंद्रा शर्मा आंगनवाड़ी में काम करती हैं।

ज्योति बताती हैं, ‘जज बनना मेरा सपना था। ईश्वर ने अब मेरे साथ इंसाफ किया है। अब मैं कभी किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी।’ शुक्रवार को आरजेएस परीक्षा के नतीजे घोषित किए गए।

ज्योति ने कानून की पढ़ाई के लिए बैंक से कर्ज लिया था। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से अपनी एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। वब बताती हैं, ‘मेरे पास कॉलेज का शुल्क देने के लिए पैसे नहीं थे, इसीलिए मैंने बैंक से कर्ज लिया।’ ज्योति स्कूल के दिनों से ही काफी प्रतिभाशाली रहीं। उन्होंने आरजेएस की परीक्षा पास करने के लिए कभी किसी कोचिंग में भी दाखिला नहीं लिया।

अंग्रेजी ने भी ज्योति के लिए काफी दिक्कतें पैदा कीं। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी माध्यम स्कूल से की। जब उन्होंने एलएलबी में दाखिला लिया तो यह पाठ्यक्रम अंग्रेजी में था। ज्योति ने इसी साल एलएलबी की परीक्षा पास की है और उनका एलएलएम के लिए भी चयन हो गया है। ज्योति के 2 छोटे भाई-बहन भी हैं।

साभार-टाईम्स ऑफ इंडिया से