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पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा राजभाषा के प्रयोग पर बल

मुंबई। पश्चिम रेलवे की क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की राजभाषा बैठक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। महाप्रबंधक श्री कंसल ने समिति के सदस्‍यों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी को इसके गुणों के कारण भारतीय संविधान में राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। अतः सरकारी सेवा से जुड़े हुए प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी का कर्तव्य है कि वह सरकारी कामकाज में राजभाषा का प्रयोग करे। श्री कंसल ने कहा कि यद्यपि राजभाषा को लागू करने के लिए भारत सरकार की नीति प्रेरणा, प्रोत्साहन एवं सदभावना पर आधारित है परंतु सभी को राजभाषा नियमों का दृढ़ता से पालन करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सभी विभाग और मंडल वेबसाइट पर एक निर्धारित अवधि के अंदर हिंदी के सरल शब्‍दों में रेलवे से संबंधित सभी जानकारियाँ उपलब्‍ध कराएँ।

पश्चिम रेलवे के मुख्‍य जनसम्‍पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार महाप्रबंधक ने कहा कि किसी भी देश की संस्‍कृति को जानने के लिए वहां की भाषाओं को जानना जरूरी होता है। भारत में अनेक भाषाएँ प्रचलित हैं परन्तु हिंदी का एक विशेष स्थान है क्योंकि इस भाषा का आम जनता अत्यधिक प्रयोग करती है। हिंदी के विकास में विभिन्‍न जातियों, संप्रदायों और धर्मों को मानने वालों और विभिन्‍न क्षेत्रों में रहने वालों का भरपूर सहयोग प्राप्‍त हुआ है। हिंदी ने भारत की स्वतंत्रता में भी अमूल्य योगदान दिया था और आज भी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में इसकी भूमिका प्रासंगिक है।

पश्चिम रेलवे क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक श्री कंसल ने राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कुछ महत्‍वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष बल दिया। उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी किए गए ‘भाषा संगम’ एप को सभी अधिकारी/कर्मचारी डाउनलोड करने के लिए कहा, ताकि इसके माध्यम से वे आसानी से किसी भी भाषा को सीख सकें। महाप्रबंधक ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ने वाले सभी अधिकारियों/कक्षों आदि के नाम हिंदी में लिखे जाने के निर्देश दिये। उन्‍होंने पुस्तकालय को डिजिटल प्लेटफॉर्म में लाने की व्यवस्था करने के साथ प्रधान कार्यालय के सभी विभागों और मंडलों/कारखानों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां रेलनेट तथा पब्लिक डोमेन की वेबसाइटों पर अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी उपलब्ध कराने के लिए कहा। श्री कंसल ने सांस्कृतिक मंत्रालय द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही हिंदी प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु सभी कर्मियों को प्रेरित किया और राजभाषा नियमों संबंधी पोस्टरों को ई-फॉर्मेट में तैयार करके कार्यालयों/स्टेशनों पर प्रदर्शित करने हेतु निर्देश दिये।

बैठक के दौरान समिति के सदस्य सचिव डॉ. सुशील कुमार शर्मा द्वारा पश्चिम रेलवे में जुलाई से सितम्‍बर, 2021 के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में हुई प्रगति संबंधी आंकड़े प्रस्तुत किए गए। क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की बैठक के प्रारंभ में पश्चिम रेलवे के मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री सुरेन्‍द्र कुमार द्वारा समिति के अध्यक्ष एवं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक सभी विभागों के प्रमुखों, मंडल रेल प्रबंधक एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक, सभी मुख्‍य कारखाना प्रबंधक और अन्य अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा गया कि किसी भी देश की राष्‍ट्रीय एकता को सुदृढ़ और व्‍यापक बनाने में भाषा सदैव ही एक अत्‍यन्‍त आवश्‍यक उपकरण रही है। हिंदी भारत की राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक एकता की महत्‍वपूर्ण कड़ी है। हिंदी का सरकारी कार्यालयों में प्रयोग बढ़ाना एक राष्ट्रीय कार्य है क्योंकि आम जनता इस भाषा को अच्छी तरह जानती है और समझती है। भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में भी हिंदी की विशेष भूमिका है।

इस अवसर पर रेलवे बोर्ड की क्षेत्रीय स्‍तर पर आयोजित हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन, वाक् और हिंदी निबंध प्रतियोगिता में सफल 18 रेलकर्मियों को महाप्रबंधक द्वारा नकद पुरस्‍कार राशि और प्रमाण-पत्र प्रदान करके सम्‍मानित किया गया। पश्चिम रेलवे क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्‍वयन समिति की इस राजभाषा बैठक में पश्चिम रेलवे के अपर महाप्रबंधक श्री प्रकाश भूटानी, वरिष्‍ठ उप महाप्रबंधक श्री नरेश लालवानी, प्रमुख वित्‍त सलाहकार श्रीमती उमा रानडे, प्रमुख मुख्‍य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री हरीश गुप्‍ता, प्रमुख मुख्‍य वाणिज्‍य प्रबंधक श्री राजकुमार लाल, प्रमुख मुख्‍य इंजीनियर श्री अजय गोयल, प्रमुख मुख्‍य चिकित्‍सा निदेशक श्री छत्र सिंह आनंद आदि अधिकारी उपस्थित थे।