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डिजायनरों के कुम्भ में पर्यावरण के सरोकार –

लंदन । हर साल सितम्बर में लंदन में होने डिज़ायनरों के कुम्भ में वापस फिर से घूम रहा हूँ . इस बार यहाँ ऐंटवर्प , बेल्जियम की कम्पनी ईकोबरडी (ecoBirdy) ने लोगों का ध्यान खींचा है , कम्पनी ने अपनी शोध और सोच से रास्ता दिखाया है कि प्लास्टिक वेस्ट से वापस उत्कृष्ट क्वालिटी की चीज़ें बनायी जा सकते हैं . यदि इस तकनीक को अन्य देशों में भी अपनाया जाय तो समुद्र , नदियों, झीलों में बहाए जाने वाले प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले ख़तरे को टाला जा सकता है .

प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को होने वाली हानि की ओर दुनिया का ध्यान हाल ही के वर्षों में गया है लेकिन ईकोबरडी ने इस दिशा में काम काफ़ी पहले ही शुरू कर दिया था .

ईकोबरडी ने अपने प्रारम्भिक शोध में पाया कि टॉय उद्योग लगभग बीस बिलियन डालर से भी अधिक के खिलोने पिछले वर्ष में बेचे थे जाहिर सी बात है कुछ समय बच्चों के हाथ में रहने के बाद वेस्ट और प्रदूषित पदार्थ में बदल जाएँगे .

कंपनी के डिज़ायनर जोरिस वेनब्रील और वानेसा युवान ने सोचा कि यदि इन खिलोनों को रिसाइकल करके बच्चों के लिए ही कुछ आकर्षक चीज़ें बनाए जो उनके लिए पूर्णत: निरापद हों तो इस वेस्ट को फेंकने से बचा जा सकता है . बस इस दिशा में काम शुरू हो गया .

इसके लिए सबसे पहले टॉय रिसाइकिल की प्रक्रिया को उपलब्ध टेक्नोलोजी से बेहतर बनाया गया नतीजा सामने है उनका पहला प्रोडक्ट चार्ली कुर्सी है , देखने में बेहद आकर्षक , चिकनी और बच्चों के लिए सुरक्षित है . इसके ख़ूब चर्चा चल निकली है .

प्रक्रिया के लिए एक ऐसी मशीन बनाई गयी जो पुराने टॉय को साफ़ करके, छाँट के , रंग के हिसाब से अलग करके आगे कुछ नए आकार में ढालने में सहायता कर सके . कम्पनी यह काम इटली में कर रही है . चारली कुर्सी को पिछले दो वर्षों में २० अन्तरराष्ट्रीय उन्नयन पुरस्कार मिल चुके है .

फ़ेयर में ईकोबरडी ने कुर्सी के अलावा इस प्रक्रिया से बनी जानवर की शक्ल की बड़ी गुल्लक और लैम्प भी प्रदर्शित की हैं . रचनाधर्मी कलाकारों को इसमें और भी सम्भनाएँ नज़र आ रही हैं . उम्मीद है कंपने के इस अनूठे प्रयास के कारण झीलों, नदियों और समुद्र में बहाए जाने वाले प्लास्टिक में काफ़ी कमी आएगी .

Pradeep Gupta
www.brandtantra.org