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इवैंजलिन एडम्स : जिनके प्रयासों के चलते अमेरिका ने ज्योतिष विद्या को विज्ञान माना

किसी ने कहा है कि भविष्य इसलिए हमें लुभाता है कि हम अपनी आने वाली ज़िंदगी उसमें गुज़ारते हैं. विज्ञान के उत्कर्ष यानी ‘एज ऑफ़ रीज़न’ के बाद माना गया था कि वह हर बात जिसका कोई वैज्ञानिक तर्क न हो, ख़ारिज हो जायेगी. पर ऐसा नहीं हो पाया है. अभी भी मनुष्य तर्क और मान्यताओं के बीच में झूल रहा है. बहुत से लोग आज भी तारों और ग्रहों के साथ अपनी तकदीर और तदबीर के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश में जीवन गुज़ार देते हैं.

अमेरिका में ज्योतिष को विज्ञान का दर्ज़ा दिलाने वाली इवैंजलिन एडम्स को अमेरिका के महानतम ज्योतिषियों में गिना जाता है. आठ फ़रवरी, 1868 को न्यू जर्सी, अमेरिका के एक रूढ़िवादी परिवार में जन्मी इवैंजलिन तीन भाइयों की इकलौती बहन थीं. किस्सा है कि एक दफ़ा वे गंभीर रूप से बीमार हुईं. इस दौरान वे डॉक्टर हैबेर स्मिथ के संपर्क में आईं जिन्हें संस्कृत और हिन्दू धर्म की गहन जानकारी थी. हैबेर ज्योतिषीय गणना और चिकित्सा विज्ञान की मदद से बीमारी का पता लगाते था. उन्होंने इवैंजलिन एडम्स की कुंडली देखकर कहा कि वे जन्मजात ज्योतिषी हैं.

उत्साहित इवैंजलिन ने इसी डॉक्टर से ज्योतिष की शुरुआती विद्या ली और पंडिताई शुरू कर दी. 1899 तक वे अपने शहर में रहीं और फिर अपनी कुंडली के हिसाब से स्थान परिवर्तन की भविष्यवाणी को मानते हुए न्यूयॉर्क चली आईं. वहां के मशहूर विंडसर होटल में पहली रात को ही उनकी मुलाक़ात होटल के मालिक से हुई. उसने इवैंजलिन से अपनी कुंडली देखने को कहा. बताया जाता है कि कुंडली देखकर वे सहमते हुए बोलीं कि कल, यानी 17 मार्च, 1899, का दिन उस पर भारी पड़ने वाला है. मालिक ने मजाक मानते हुए बात अनसुनी कर दी. 17 मार्च की शाम को होटल में संत पैट्रिक दिवस मनाया जा रहा था कि आग लग गई और होटल राख हो गया.

इवैंजलिन तो बच गईं, लेकिन उनका पूरा सामान आग में जल गया. हालांकि इस नुकसान से उन्हें बड़ा फायदा हुआ. होटल मालिक के बारे में की गई भविष्यवाणी ने शहर में उन्हें इतना मशहूर कर दिया कि उन्हें अपनी दुकानदारी जमाने में कोई दिक्कत नहीं आई. धड़ाधड़ लोग उनसे सलाह लेने लगे. जल्द ही उन्होंने दुनिया की सबसे महंगी जगहों में से एक न्यूयॉर्क के मैनहटन में अपना दफ़्तर खोल लिया.

इवैंजलिन एडम्स की शोहरत तो बढ़ रही थी पर विवाद भी पैदा हो रहे थे. तब अमेरिका में ज्योतिष अवैध माना जाता था, इसलिए 1911 और फिर 1914 में इवैंजलिन सरकार के निशाने पर आ गईं. वे गिरफ़्तार हुईं. मामला कोर्ट में गया. अपनी पैरवी खुद करते हुए इवैंजेलीन कहा कि उन्हें किसी अंजान शख्स की कुंडली बनाने को दी जाए और वे उसके आधार पर उस व्यक्ति का भूत, वर्तमान और भविष्य बता देंगी.

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जज ने उन्हें एक कुंडली दी. बताते हैं कि अपनी ज्योतिषीय गणना के आधार पर इवैंजलिन एडम्स ने उस अनजान शख्स के बारे में सटीक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इसकी मौत का कारण पानी से होने वाला हादसा होगा. इस जानकारी पर जज हैरत में पड़ गया क्योंकि वह कुंडली उसके बेटे की थी जिसकी मौत पानी में डूबने से हुई थी. उसने मामले को ख़ारिज करते हुए फ़ैसले में लिखा, ‘प्रतिवादी ने यकीनन ज्योतिष को विज्ञान के दर्जे पर ला खड़ा किया है.’ इसके बाद अमेरिका में ज्योतिष को मान्यता मिली और इवैंजलिन को शोहरत.

1920 तक ज्योतिष की वजह से इवैंजलिन काफ़ी रईस हो गयी थीं. अब वे अमेरिका के रसूखदारों की पंडित थीं. उनके क्लाइंटों में जेपी मॉर्गन फर्म के मालिक, चार्ल्स शुव्याब और जोसफ़ कैंपबेल जैसे लोग थे. बताते हैं कि जेपी मॉर्गन तो हर महीने ग्रहों की चाल से राजनीति, व्यापार और स्टॉक मार्केट पर पड़ने वाले असर की जानकारी इवैंजलिन लेते और फिर फ़ैसला करते थे. अमेरिका की मशहूर फ़िल्म अभिनेत्री मैरी पिक्फ़ोर्ड उनसे बिना पूछे एक भी फ़िल्म साइन नहीं करती थीं.

इवैंजलिन एडम्स के रसूख में उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी अहम भूमिका मानी जाती है. वे उस खानदान से थीं जिसने अमेरिका को दो राष्ट्रपति दिए थे. इस वजह से राजनेताओं और लोगों की उनसे ये जानने की दिलचस्पी रहती थी कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा. 1920 में उन्होंने भविष्यवाणी की रिपब्लिक पार्टी के चर्चित उम्मीदवार हर्बर्ट हूवर को पार्टी की तरफ़ से चुनाव में लड़ने की दावेदारी नहीं मिलेगी. लोगों ने यकीन नहीं किया पर वे अपनी बात पर अड़ी रहीं. भविष्यवाणी सही साबित हुई और लगभग अनजान राजनेता वारेन हार्डिंग को पार्टी ने अपना उम्मीदवार चुना. ज़बरदस्त उलटफेर में हार्डिंग अमेरिका के 29वें राष्ट्रपति बने.

1931 में इवैंजलिन की एक और भविष्यवाणी सही साबित हुई जब उन्होंने कहा कि आने वाले 11 सालों में अमेरिका किसी युद्ध में शामिल होगा. ‘एस्ट्रोलॉजी फ़ॉर एवरीवन’ नामक किताब में उन्होंने लिखा कि इंग्लैंड के राजा एडवर्ड (अष्टम) किसी शादीशुदा महिला के प्रेम में पड़ जायेंगे पर वह महिला इंग्लैंड की रानी नहीं बन पाएगी. हुआ भी यही, 1931 में एडवर्ड अमेरिकी शादीशुदा महिला वैलिस सिम्पसन को अपना दिल दे बैठे. इंग्लैंड के कानून के मुताबिक़ तलाकशुदा महिला रानी नहीं बन सकती थी. एडवर्ड ने उससे शादी करने के लिए गद्दी छोड़ दी.

इवैंजलिन ने कई किताबें भी लिखीं .पर आश्चर्यजनक बात है कि वे छपीं तब जब उनकी उम्र 50 के पार चली गई थी. 1930 में अमेरिकी रेडियो पर उन्होंने आम जनता के लिए टॉक शो सीरीज़ शुरू की जो खासी लोकप्रिय हुई और उनकी शोहरत को दूर तक ले गई. किताब ‘योर प्लेस इन द सन’ में उन्होंने ज्योतिष के प्रभाव पर कुछ यूं लिखा, ‘समझदार व्यक्ति तारों और ग्रहों के साथ समन्वय बिठाता है, मूर्ख मानता है कि ये उसके वश में हैं.’ यह किताब बड़ी मशहूर हुई.

कुंडली देखने वाली इवैंजलिन कभी अपनी विवाह कुंडली सही से नहीं देख पायीं. उनके कई रिश्ते बने और कई बिगड़े. आखिर में उन्होंने अपने से 20 साल छोटे व्यक्ति से शादी की. उसने ही उनकी किताबें प्रकाशित कीं.

ऐसा नहीं है कि इवैंजलिन की सारी बातें सच साबित हुई हों. 29 अक्टूबर, 1929 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में मचे हाहाकार से कुछ हफ़्ते पहले उन्होंने कहा था कि शेयर बाज़ार आसमान छू जाएगा. पर हुआ इसका उलट. कई जानकारों के मुताबिक उन्हें स्टॉक मार्केट की कतई जानकारी नहीं थी बस उन्होंने कुछ तुक्के लगाये. जो सही निकले तो समर्थकों ने बढ़ा-चढ़ा कर सुनाया. जो दावे ग़लत निकले, वे दबा दिए गए.

अक्सर सुनने में आता है कि भविष्यवाणी करने वाले फ़लां आदमी ने अपनी मौत की एकदम सही तारीख बता दी थी. इस लेख के किरदार के साथ भी यह तथ्य या मिथक, जो भी है, जुड़ा हुआ है. कहते हैं कई व्यक्तियों की मौत की बात इवैंजलीन ने पहले ही कर दी थी. इंग्लैंड के राजा एडवर्ड सप्तम और महान ओपेरा गायक एनरीको कारूसो की मौत की भविष्यवाणी इसकी मिसाल के तौर पर दी जाती है. इवैंजलिन के समर्थक दावा करते हैं कि उन्होंने 1932 में कह दिया था कि वे अगला साल नहीं देख पाएंगी और यही हुआ भी.

यह बात कहां तक सही है, नहीं कहा जा सकता पर कुछ हिंदू शास्त्र ऐसा कहते हैं कि इंसान के जन्म और मृत्यु का समय और स्थान निश्चित है. चुनाव सर पर हैं. ज्योतिषियों के दरबार नेताओं से अटे पड़े हैं. क्या कोई ज्योतिषी वास्तव में भारत की जनता का मूड पढ़ सकता है?

साभार- https://satyagrah.scroll.in/ से