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संसद में सबकी बोलती बंद की मोदीजी ने

अपनी वाकपटुता के ‌लिए प्रसिद्ध प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्षियों पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ते, खासकर सामने कांग्रेस हो तो उनका लहजा देखने लायक रहता है। गुरुवार को राष्ट्रपति के भाषण पर धन्यवाद भाषण देने के‌ लिए खड़े हुए पीएम मोदी ने अलग ही अंदाज में कांग्रेस पर वार किया।

उनके निशाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ही ज्यादा रहे। कटाक्ष भरे लहजे के साथ उन्होंने राहुल की छवि और उनकी गंभीरता पर ही सवाल खड़ा कर दिया। कई उदाहरणों के साथ उन्होंने मौकों मौकों पर राहुल की काबिलियत को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। डालिए राहुल पर की गई मोदी की चंद टिप्पणियों पर निगाह।

कुछ लोगों की उम्र बढ़ती है लेकिन समझ नहीं
भाषण के दौरान मोदी ने मेक इन इंडिया अभियान की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लिया। कहा कुछ लोग मेक इन इंडिया का मजाक उड़ा रहे हैं, ऐसे कह रहे हैं जैसे हम भीख का कटोरा लेकर निकले हों। इसी पर कटाक्ष करते हुए कहा कुछ लोगों की उम्र बढ़ती है लेकिन समझ कभी नहीं बढ़ती, वो मंदबुद्िध के हैं, बात देर से समझ में आती है और जब नहीं आती तो विरोध करने लगते हैं। साफ है उनका सीधा सीधा इशारा राहुल गांधी की ओर था।

मोदी ने राहुल गांधी की उस चर्चित प्रेस कान्फ्रेंस का भी जिक्र किया, जिसमें वो आए और पूरे रोष के साथ मनमोनह सरकार के अध्यादेश की प्रतियां फाड़कर चलते बने। मोदी ने कहा कि देश उस घटना को भी कभी नहीं भूला सकता, जब 27 सितंबर 2013 को भारतीय प्रधानमंत्री अमेरिका में थे और राष्ट्रपति से बात कर रहे थे।

केन्द्रीय कैबिनेट ने एक अध्यादेश पास किया था, उनकी कैबिनेट में उस समय के महानुभाव एके एंटनी, शरद पवार, फारुख अब्दुल्ला जैसे लोग थे उन्होंने जो कुछ फैसला किया था उसे पत्रकार परिषद में फाड़ दिया गया। बडों का अपमान देश कभी नहीं भूलेगा।

सपा का घोषणापत्र लहराने की भी की आलोचना

मोदी यहीं नहीं रुके उन्होंने साल 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों से पूर्व राहुल गांधी के उस रवैये पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने सपा के घोषणापत्र को एक चुनावी सभा में लहराते हुए उसकी आलोचना की थी। मोदी ने कहा मुलायम सिंह हमारे वरिष्ठ नेता हैं उनका सम्मान करना चाहिए। वो अगर कोई बात कहते हैं तो मैं उनकी बात नहीं काट सकता और वो अगर कहते हैं तो मैं उनकी बात नहीं गिरा पाऊंगा।

मुलायम सिंह ने जनता को वादे करते हुए एक पर्चा निकाला था, सार्वजनिक सभा में मुलायम सिंह के विचारों को फाड़ दिया गया। एक उपदेश के सहारे उन्होंने इस पर कटाक्ष किया, पर उपदेश कुशल बहुतेरे। जे आचार हिते नर न घनेरे।।

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