1

ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता : डॉ. त्रिवेदी

‘चुनाव सुधार’ विषय पर आईआईएमसी में ‘शुक्रवार संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली। छतीसगढ़ के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. सुशील त्रिवेदी ने पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव के लिए ईवीएम को सबसे बेहतर विकल्प बताते हुए कहा है कि अगर ईवीएम में छेड़छाड़ की गुंजाइश होती, तो किसी सरकार की हार नहीं होती। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर अंगुली उठाना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करना है। डॉ. त्रिवेदी शुक्रवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘शुक्रवार संवाद’ को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी भी उपस्थित थे।

‘चुनाव सुधार’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा दुनिया के कई देशों में निर्वाचन कार्य कराया जाता है। इन चुनावों में भारत की ईवीएम का भी उपयोग किया जाता है। कहीं से किसी भी तरह की शिकायत नहीं आई है। उन्होंने कहा कि चुनावों में ईवीएम के प्रयोग से पहले कई स्तर पर जांच होती है। मतदान से पहले पोलिंग एजेंटों के सामने इसे सील किया जाता है। मतगणना शुरू होने से पहले भी ईवीएम दिखाया जाता है। ऐसे में किसी भी स्तर पर गड़बड़ी का सवाल ही नहीं है। जो चुनाव हार जाता है, वही ईवीएम पर आरोप लगाता है।

चुनाव में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा

छतीसगढ़ के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार चुनाव के दौरान धन का प्रचार सभी तरह के भ्रष्टाचार को जन्म देता है। चुनावी खर्च से जुड़े सुधार और राजनीति को अपराध मुक्त करने जैसे कई मुद्दे हैं, जिन पर भारत का निर्वाचन आयोग पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव में प्रत्येक वोट महत्वपूर्ण है। हमारे देश में पुरुषों के अनुपात में महिलाओं की जनसंख्या कम है, लेकिन चुनाव में महिलाओं की भागीदारी आज पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

लोकतंत्र की ‘लाइफलाइन ‘ है चुनाव

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग विश्व का सबसे शक्तिशाली चुनाव आयोग है। भारतीय लोकतंत्र को विश्व की सबसे अच्छी शासन प्रणाली के रुप में जाना जाता है और विश्वसनीय चुनाव लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण ‘लाइफलाइन’ है। उन्होंने कहा कि जब एक देश आगे बढ़ता है, तब कई पुरानी और नई चुनौतियां सामने आती हैं, जो चुनाव आयोग को तेज और निर्णायक फैसले लेने के लिए प्रेरित करती हैं। मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धन और बाहुबल की शक्ति का दुरुपयोग चिंता का विषय है, लेकिन न्यायपालिका ने हमेशा लोकतंत्र के संरक्षण का काम किया है।

कार्यक्रम का संचालन अपना रेडियो, आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख प्रो. (डॉ.) संगीता प्रणवेन्द्र ने किया एवं स्वागत भाषण प्रकाशन विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने दिया। धन्यवाद ज्ञापन डीन (छात्र कल्याण) प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने किया।

Thanks & Regards

Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
Indian Institute of Mass Communication
JNU New Campus, Aruna Asaf Ali Marg
New Delhi – 110067
(M) +91 8826399822
(F) facebook.com/ankur.vijaivargiya
(T) https://twitter.com/AVijaivargiya
(L) linkedin.com/in/ankurvijaivargiya