Thursday, March 28, 2024
spot_img
Homeपत्रिकाकुछ उल्टा-कुछ पुल्टावन मंत्री के लगाए पेड़ को लेकर लोग हैरत में, दुनिया भर...

वन मंत्री के लगाए पेड़ को लेकर लोग हैरत में, दुनिया भर में चर्चा

भारत के एक शहर में वृक्षारोपण महोत्सव के दौरान एक मंत्री द्वारा पेड़ लगाए जाने और उसके फलने फूलने को लेकर लोगों में हैरानी, आश्चर्य और कुतुहल की वजह से वहाँ कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है। पहले इस जगह पर ऐसे ही कई बार वृक्षारोपण कार्यक्रम हुए और खूब पौधे लगाए गए, लेकिन पहली बार किसी मंत्री के हाथ से वृक्षारोपण होने के बाद स पौधे के फलने-फूलने की घटना पूरे इलाके में सनसनी का कारण बनी हुई है।

देश के कई विश्वविद्यालयों और आईआईटी के छात्र और शोधार्थियों से लेकर बॉटनी के एक से एक विशेषज्ञ इसकी जाँच में लगे हैं। इनका कहना है कि पहली बार ऐसा पौधा देखा जिसे किसी वन मंत्री ने लगाया और वह इतनी तेजी से बड़ा भी हो गया। पहले तो उन्होंने मोहल्ले के लोगों से, पास की पान की दुकान वाले से और पान की दुकान पर टाईम पास करने के लिए खड़े रहने वाले मोहल्ले के लफंगो तक से इस बात की ताकीद की कि ये वही पेड़ है जो मंत्री ने लगाया था। आसपास के लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की कि ये वही पेड़ है।

सभी शोधार्थियों का कहना था कि ये पहला मौका है कि जब किसी मंत्री द्वारा और वह भी वन विभाग के मंत्री द्वारा लगाया पौधा पेड़ बना है। जबकि इस जगह की और इसके आसपास की मिट्टी में भी कोई विशेष गुण नहीं पाया गया। सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हो रहा है कि इस पौधे को किसी बकरी, गाय या किसी और जानवर ने नहीं खाया, जबकि अब तक का अनुभव यही रहा है कि मंत्री के वृक्षारोपण की रस्म पूरी करते ही आसपास के जानवर उसे खाने की रस्म पूरी कर देते हैं। वन विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं, उनका कहना है कि हम तो हर साल उसी जगह पर वृक्षारोपण करने की रस्म निभाते रहते हैं, कई सालों से हम हजारों पेड़ एक ही जगह पर लगा चुके हैं, आज तक कभी कोई पौधा पेड़ में नहीं बदला। वन विभाग के एक बुजुर्ग अधिकारी ने चिंता जताते हुए कहा, क्या जमाना आ गया, मंत्रियों के लगाए पौधे भी पनपने लगे हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा तो वन विभाग के बंद होने की नौबत आ जाएगी। हमारा विभाग वृक्षारोपण महोत्सव हर साल इसीलिए धूमधाम से आयोजित कर पाता है कि मंत्रियों द्वारा लगाए पौधे नहीं पनपते हैं। अगर पनपते होते तो वन विभाग बंद ही हो जाता क्योंकि फिर पेड़ लगाने की जगह ही नहीं बचती।

वन विभाग के अधिकारियों ने फोटो और वीडिओ दिखाते हुए कहा कि यहाँ पर मंत्री जी ने कई और पौधे लगाए थे और वो तो हर साल ही लगाते हैं, आज तक कोई पौधा नहीं पनपा, फिर ये कैसे पनप गया। पेड़ के आसपास फैशनेबल शोधार्थियों, जानकारों और वन विभाग के अधिकारियों की लाल-पीली बत्ती वाली गाड़ियाँ देखकर एक फटेहाल युवक अपनी बकरियों और गायों को लेकर वहाँ से गुजरा तो उसने उत्सुकता से एक सरकारी बाबू से पूछा कि ये भीड़ क्यों हो रही है। इस पर जब बाबू ने बताया कि इस पेड़ को लेकर ये जाँच कर रहे हैं कि ये कैसे पनपा, जबकि ये वन मंत्री ने लगाया था। इस पर बकरी चराने वाले कल्लू ने जोर का ठहाका लगाया। उसका ठहाका सुनकर सब लोग दौड़कर उसके पास आए और उसके ठहाका लगाने का कारण पूछा तो उसने बताया कि मंत्री जी ने जो पौधा लगाया था उसे और उसके ट्री गार्ड को तो वन विभाग वाले शाम को ही उखाड़ कर ले गए थे। दूसरे दिन जब मैने देखा कि यहाँ से पौधा गायब है तो मैने एक पौधा लगा दिया था, ताकि अपनी बकरी के लिए दाना पानी का इंतजाम हो जाएगा। इस पर वन विभाग के एक अधिकारी ने उस पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि फिर ये पौधा इतना बड़ा कैसे हो गया, तुम्हारी बकरी इसे चट क्यों नहीं कर गई। इस पर उसने चौंकाने वाला खुलासा किया कि एक बार मैने अपनी बकरी के कान में कह दिया था कि ये पौधा एक मंत्री ने लगाया है, इसको चखकर देखना और बताना कैसा लगा। इसके बाद मैं कई बार इस बकरी को इस पौधे के पास लेकर आया मगर बकरी हर बार मुँह फेर लेती थी। इस तरह ये पौधा बच गया।

इस पर वहाँ खड़े एक बुजुर्ग ने कहा, तुलसी दास ने रामायण में सही लिखा था कि राम से ज्यादा ताकत उनके नाम में थी, इसलिए उनके नाम के पत्थर तैर गए। आज पता चला कि मंत्री से ज्यादा ताकत उसके नाम में है, उसने जितने पौधे लगाए वो सब गायब हैं मगर उसके नाम पर लगा पौधा एक बकरी की वजह से बच गया।

ये सब सुनकर उन तमाम शोधार्थियों को भी समझ में नहीं आ रहा था कि इस पेड़ को लेकर क्या शोध रिपोर्ट दें। इधर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में ये घटना सुर्खियों में आऩे पर देश भर के टीवी चैनलों ने अपने प्राईम टाईम डिबेट में इस पेड़ को इतनी बार दिखाया है कि यहाँ लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। कई महिलाएँ तो पूजा के थाल लेकर आ रही है और इसकी पूजा कर रही है। कई लोग इसकी डालियाँ तोड़कर ले जा रहे हैं ताकि अपने मोहल्ले में और अपने गाँव में भी पेड़ लगा सकें। इधर वन विभाग ने इस डर से पेड़ के चारों तरफ बैरिकेटिंग शुरु कर दी है कि कहीं ऐसा न हो कि इस पेड़ को लोग जड़ से ही उखाड़कर ले जाए।

कई युवक-युवतियाँ जो इस पेड़ के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया में अपना फोटो लगाना चाहते हैं उन्होंने वन विभाग द्वारा इस पेड़ के आसपास बेरिकेटिंग करने को लेकर नाराज़गी जाहिर की है।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार