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सद्कर्म ही भगवान है : शंकराचार्य

श्री राम मंदिर प्रबंध समिति श्री राम मंदिर कोटा जंक्शन अनंत विभूषित श्री श्री 1008 स्वामी विश्व स्वरूप ब्रह्मचारी जी के द्वारा चातुर्मास व्रत समापन महोत्सव एवं भव्य संत समागम समारोह का आयोजन शनिवार को माधव सत्संग भवन श्री राम मंदिर कोटा जंक्शन पर आयोजित किया गया।

आयोजन समिति के डॉ. सुधीर उपाध्याय ने बताया कि कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमद् जगतगुरू शंकराचार्य श्री स्वामी मुनीशाश्रम जी महाराज कानपुर, श्री स्वामी बिमलदेवाश्रम जी महाराज काशी अध्यक्ष दण्डी स्वामी प्र.स. भारत, श्रीमद जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री स्वामी रोहिणी प्रपन्नाचार्य जी महाराज चित्रकूट, श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर स्वामी बंसीपुरी जी महाराज पहेवा कुरुक्षेत्र, श्री श्री 1008 श्री स्वामी कृष्णाचार्य लक्ष्मणाचार्य महन्य लक्ष्मण भवन अयोध्या, श्री श्री 1008 श्री स्वामी भास्करानंद सरस्वती महाराज चित्रकूट, श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर स्वामी हरीश पुरी जी महाराज हरिद्वार, श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर हेमा नंद सरस्वती मोजी बाबा गुफा कोटा, श्री श्री 1008 अवधेशानंद जी महाराज महंत बड़ा भक्तमाल अयोध्या, श्री श्री 1008 श्री सनातन पुरी जी महाराज नागा बाबा थेगड़ा शिवपुरी धाम कोटा का सानिध्य मिला।

अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा एवं महामंत्री परमानंद शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर पधारे हुए सभी साधु संतों का सम्मान किया। इस अवसर पर श्रीमद् जगतगुरू शंकराचार्य ने कहा कि सदकर्म ही भगवान है, हमे अपने सदकर्म से दुनिया को निहाल करना चाहिए और दुख को पी जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसार में मूलत: सनातन धर्म ही है। उन्होंने कहा संतों की सेवा करो, सनातन धर्म अमिट है, विपदाए आती है और चली जाती हैं, लेकिन सनातन धर्म अटल सत्य है। इस अवसर पर हर वर्ष चातुर्मास कराए जाने का निर्णय लिया गया।

अमेरिका में पढा रहे धर्मशास्त्र
राममंदिर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए डॉ रामदास त्यागी (अमेरिका) द्वारा हैवाई यूनिवर्सिटी अमेरिका में धर्म शास्त्र के प्रोफेसर, इनके द्वारा धर्मशास्त्र पढाते हुए सनातन धर्म की शिक्षा दी जा रही है। धर्म की शिक्षा से वह उसके मूल को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

महामंत्री परमानंद शर्मा ने बताया कि महामंडलेश्वर जी का स्वागत किया गया, जिसमें अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा, भगवत प्रसाद गुप्ता हरी प्रसाद अग्रवाल, दामोदर अग्रवाल, सभापति महेश वर्मा, उपसभापति जीवनदास खत्री, राजेंद्र चावला, रघुनंदन विजय, सुधीर कुमार सरोजा, कन्हैया लाल मेवाड़ा, आरसी शर्मा, देवकीनंदन शर्मा, अर्जुन सिंह चंदेल, भंवर पुरोहित, हरि नारायण शुक्ला, भुवनेश पांडे, जगदीश प्रसाद शर्मा, गिर्राज शर्मा, बृज मोहन गुप्ता, दुर्गा लाल अग्रवाल, विजय भाई श्रीवास्तव, कमल शर्मा, धर्मेंद्र राय तथा 2 महीने तक चतुर्मास के दौरान श्री राम मंदिर में लगातार 4 घंटे 40 से अधिक महिलाएं सेवाएं देती थी जो मिट्टी से निर्मित शिवलिंग का निर्माण करती थी, शीला चावला के नेतृत्व में 40 से अधिक महिलाओं का सम्मान भी किया गया।