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मृणालिनी साराभाई की सौवीं जयंती पर गूगल ने याद किया डूडल से

नई दिल्ली : सर्च इंजन गूगल ने शुक्रवार को जानी-मानी शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई को उनकी 100वीं जंयती पर डूडल के जरिए श्रद्धांजलि दी. डूडल में मृणालिनी छतरी लिए दर्पण एकेडमी ऑफ पर्फार्मिग आर्ट्स ऑडिटोरियम में खड़ी नजर आ रही हैं, पृष्ठभूमि में उनकी तीन छात्राएं नृत्य करती नजर आ रही हैं.

कत्थकली और भरतनाट्यम में माहिर पद्म पुरस्कार से सम्मानित नृत्यांगना का जन्म 11 मई 1918 को हुआ था. उनके पिता एस. स्वामीनाथन मद्रास उच्च न्यायालय में वकील थे और मां ए.वी. अम्माकुट्टी सामाजिक कार्यकर्ता थीं. मृणालिनी ने छोटी उम्र में दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम और कत्थकली सीखना शुरू कर दिया था. साल 1942 में उन्होंने जाने-माने भौतिकविज्ञानी विक्रम साराभाई से शादी की, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं. उनके बच्चों कार्तिकेय और मल्लिका ने भी नृत्य और रंगमंच में करियर बनाया.

साल 1949 में मृणालिनी ने पति के साथ मिलकर अहमदाबाद और गुजरात में दर्पण एकेडमी की स्थापना की. उन्होंने तीन दशक से ज्यादा के करियर में करीब 18,000 छात्र-छात्राओं को नृत्य में प्रशिक्षित किया और 300 से ज्यादा नृत्य नाटकों का निर्देशन किया.

मृणालिनी को 1965 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण से नवाजा गया. उन्हें 1994 में संगीत नाटक एकेडमी फेलोशिप मिला. साल 2013 में उन्हें केरल सरकार के वार्षिक पुरस्कार निशागांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 21 जनवरी 2016 को 97 वर्ष की आयु में मृणालिनी दुनिया से रुखसत कर गईं.

मृणालिनी साराभाई की बड़ी महन लक्षमी सहगल स्‍वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के तहत बनी ‘झांसी की रानी रेजिमेंट’ की कमांडर इन चीफ थीं. उनके बड़े भाई गोविंद स्‍वामीनाथन मशहूर वकील थे.

मृणालिनी का शुरुआती बचपन स्विट्जरलैंड में बीता. इसके बाद रबींद्रनाथ टैगोर के मार्गदर्शन में उन्‍होंने शांतिनिकेतन में पढ़ाई की. उन्‍होंन कुछ समय अमेरिका में भी बिताया जहां उन्‍होंने अमेरिकन एकेडमी ऑफ डैमेटिक आर्ट्स में एडमिशन ले लिया. भारत लौटने के बाद उन्‍होंने मीनाक्षी सुंदरम पिल्‍लई से भरतनाट्यम सीखा. उन्‍होंने गुरु कुंचु कुरुप से कथकली की ट्रेनिंग ली.

मृणालिनी ने 1942 में विक्रम साराभाई से शादी की. विक्रम साराभाई को भारतीय अंतर‍िक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है. उनके दोनों बच्‍चों कार्तिकेय और मल्लिका ने डांस और थिएट‍र को अपना करियर बनाया. कहा जाता है कि मृणालिनी और विक्रम साराभाई की शादीशुदा जिंदगी खुशहाल नहीं थी.

मृणालिनी साराभाई ने 300 से भी ज्‍यादा डांस ड्रामा कोरियोग्राफ करने के साथ ही कई सारे नॉवल्‍स, कविताएं, नाटक और बच्‍चों की कहानियां भी लिखीं.

मृणालिनी साराभाई गुजरात स्‍टेट हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम डेवलेपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड की चेयर पर्सन थीं. वो सर्वोदय इंटरनेशनल ट्रस्‍ट की ट्रस्‍टी भी थीं. इसके साथ ही वो नेहरू फाउंडेशन फॉर डेवलेपमेंट की चेयरपर्सन भी थीं.

मृणालिनी साराभाई को 1965 में पद्मश्री और 1992 में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया. उन्‍हें 1994 में संगीत नाटक अकादमी फेलोश‍िप भी दी गई. उन्‍हें Folklorico of Mexico बैलेट कोरियोग्राफ करने के लिए मेक्सिको सरकार ने गोल्‍ड मेडल से नवाजा.

उनके नाम पर क्‍लासिकल डांस के क्षेत्र में ‘मृणालिनी साराभाई अवॉर्ड फॉर क्‍लासिकल एक्‍सीलेंस’ अवॉर्ड दिया जाता है.

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टिप्पणियांमृणालिनी साराभाई की बायोग्राफी का नाम द वॉयस ऑफ द हर्ट है.