Friday, March 29, 2024
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बांद्रा स्टेशन पर पश्चिम रेलवे की ऐतिहासिक धरोहरों की शानदार प्रदर्शनी

मुंबई। पश्चिम रेलवे द्वारा अपने गौरवशाली एवं समृद्ध इतिहास की स्मृतियों का जश्न मनाने हेतु ग्रेड-I विश्व विरासती संरचना सूची में शामिल बांद्रा स्टेशन पर विरासत को समर्पित एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख यांत्रिक इंजीनियर श्री अशेष अग्रवाल एवं मुंबई सेंट्रल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री सुनील कुमार द्वारा मंगलवार, 12 फरवरी, 2019 को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, जो 14 फरवरी, 2019 तक लगी रहेगी। श्री अग्रवाल द्वारा बांद्रा स्टेशन से हैरिटेज वॉक को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस प्रदर्शनी में दुर्लभ शिल्पकृतियों, सूचनाप्रद पैनलों, ट्रेनों के चलित मॉडलों, छायाचित्रों इत्यादि के माध्यम से पश्चिम रेलवे की समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया गया है। श्री भाकर ने कहा कि प्रदर्शनी स्थल अपने आप में एक विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इस विरासत संरचना को ग्रेड-I विरासती संरचनाओं में शामिल किया गया है तथा इसे मुंबई के उपनगरों की रानी भी कहा जाता है। बांद्रा स्टेशन भवन विक्टोरियन गॉथिक तथा स्थानीय वास्तुशैली का मिश्रण है तथा दो शैलियों के मिश्रण से बना इसका अग्रभाग वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है।

प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये पैनल पश्चिम रेलवे की उत्पत्ति को प्रदर्शित करते हैं। सबसे पहले पैनल में सभी स्टेट रेलवे के प्रतीक चिह्नों को प्रदर्शित किया गया है, जिनका विलय बॉम्बे, बरोडा एंड सेंट्रल इंडिया रेलवे में किया गया था, जो वर्तमान पश्चिम रेलवे की पूर्ववर्ती रेलवे रही है। विभिन्न रेलवे भवनों की विरासती वास्तुशिल्प संरचना, पुराने दिनों के स्टेशन भवनों, हैरिटेज पुलों के दुर्लभ छायाचित्रों के पैनल प्रदर्शनी को रोचक एवं दर्शनीय बनाते हैं। बांद्रा स्टेशन एवं चर्चगेट स्थित पश्चिम रेलवे प्रधान कार्यालय के विरासती भवन के लघु मॉडल भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये हैं। लोगों विशेषतः बच्चों एवं युवाओं को इस प्रदर्शनी में आकर्षित करने के उद्देश्य से पुराने इंजनों के चलित मॉडल के साथ-साथ पेपर मॉडलों को भी लगाया गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस प्रकार की प्रदर्शनी में पहली बार दुर्लभ शिल्पकृतियों को प्रदर्शित किया गया है, जो रेलवे में तकनीकी प्रगति के पश्चात विलुप्त हो गई हैं।

एजेंटों के नोट, बीबी एंड सीआई रेलवे मैगज़ीन तथा बीबी एंड सीआई रेलवे उपनगरीय समय सारणी-वर्ष 1948 की समय सारणी, जिसमें चर्चगेट से विरार के बीच, बांद्रा से वीटी तथा रविवार एवं अवकाशों के दिन चलने वाली उपगनगरीय ट्रेनों के लिए अलग खंड समाहित थे। एक वॉल फिक्स्ड तरह ही मैग्नेटो फोन, जिसका उपयोग पॉइंट टू पॉइंट संचार के लिए किया जाता था तथा जिसे डायनेमो मैकेनिज़्म पर उपयोग में लाया जाता था, भी प्रदर्शित किया गया है। दाहोद वर्कशॉप के वेल्डिंग शॉप के मुख्य द्वार को लॉक करने हेतु 6 लीवरों वाले एक पैडलॉक, रात्रि के समय स्टीम क्रेन परिचालन के दौरान प्रकाश व्यवस्था हेतु उपयोग में लाये जाने वाले टिल्ले फ्लड लाइट प्रोजेक्टर, जिसका स्थान अब हैलोजेन लैम्प ले चुकी है, इन्हें प्रदर्शित करने हेतु इसे विभिन्न वर्कशॉप से मंगाया गया है।

वर्कशॉप में सायरन के रूप में प्रयोग में लाई जाने वाली हूटर मशीनें, लोअर परेल वर्कशॉप से बीबी एंड सीआई वुडेन पोर्टेबल सीढ़ियाँ, दाहोद वर्कशॉप से सिगनल लैम्प, स्टीम लोकोमोटिव के स्पीडोमीटर तथा ट्रेनों के शंटिंग के लिए उपयोग में लाई जाने वाली शंटिंग बेल प्रदर्शनी के आकर्षण का केंद्र है। सेल्फ प्रिंटिंग टिकट मशीनें, जो पुराने दिनों में टिकट प्रिंट करने हेतु उपयोग में लाई जाती थी एवं टिकटों के कम्प्यूटरीकृत होने पर इसे अब उपयोग में नहीं लाया जाता, ये भी प्रदर्शनी के कौतूहल का केंद्र हैं। प्रदर्शनी को और अधिक सफल एवं रोचक बनाने के क्रम में चित्रांकन एवं पेंटिंग प्रतियोगिताएँ तथा प्रश्नमंच प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जा रही हैं। प्रतिभागियों की हौसला अफ़जाई हेतु उन्हें स्मारिका भेंट की जा रही है। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को रोचक पुरस्कारों से सम्मानित किया जायेगा। इस प्रदर्शनी का एक अन्य मुख्य आकर्षण का केंद्र है सेल्फी पॉइंट, जिसके बैकड्रॉप में हैरिटेज बांद्रा स्टेशन को रखा गया है। इस रोचक प्रदर्शनी के एंट्री पैनल में प्रधान कार्यालय के शीर्ष पर लगे स्टैच्यू के छायाचित्र लगाये गये हैं, जिसे हैरिटेज में रुचि रखने वालों के बीच लेडी इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता है। यह प्रदर्शनी 12 से 14 फरवरी, 2019 तक सुबह 10 बजे से सायं 7.00 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।

श्री भाकर ने बताया कि पश्चिम रेलवे के गौरवशाली इतिहास से सभी को जोड़ने हेतु सप्ताहांत पर इच्छुक लोगों को रेलवे वर्कशॉपों के दौरे भी कराये जायेंगे। पश्चिम रेलवे द्वारा अपने सभी ग्राहकों एवं शुभचिंतकों से अनुरोध किया गया है कि वे दैनिक आधार पर लाखों लोगों को निरंतर सेवा देने वाली रेलवे के स्वर्णिम इतिहास एवं स्मृतियों के उत्सव में सहभागी बनें।

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