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कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में

तनिक सोच-समझ के निकलियेगा बजार में,
अच्छी लगीं तो उठा लेंगे कार में,
कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में।
जो भी ओवरटेकिंग करता है बिहार में,
गोलिये मार देते हैं कपार में,
कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में।
जो पत्रकार ज़्यादे लिखते हैं अखबार में,
उनको सरेआम ठोंक देते हैं राह में,
कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में।
बहार ला दिए हैं नितीश कुमार बिहार में,
सत्ता का दरबार लगता है कारागार में,
कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में।
गिनती नहीं करते हैं हत्या अउर बलात्कार में,
इहाँ तो भैया, चाचा बैठे हैं सरकार में,
कुछ दिन तो गुजारिये बिहार में………।।।