Saturday, April 20, 2024
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हिंदी की विश्वदूत – श्रीमती नीलू गुप्ता

श्रीमती नीलू गुप्ता
श्रीमती नीलू गुप्ता
 भारत से जाकर अमेरिका में बसे लोगों की तादाद काफी है और विभिन्न क्षेत्रों में  भारतीयों ने अपनी एक विशेष पहचान और जगह भी बनाई है। संयुक्त राज्य अमेरिका  के कैलिफ़ोर्निया राज्य में भी भारतीयों की अच्छी खासी संख्या है । संयुक्त राज्य  अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित कैलिफ़ोर्निया राज्य अमेरिका का सबसे अधिक  आबादीवाला और क्षेत्रफल में अलास्का और टेक्सस के पश्चात तीसरा सबसे बड़ा राज्य  हैं। कैलिफ़ोर्निया के ऊपर औरिगन, और उसके नीचे मेक्सिको है। कैलिफ़ोर्निया की  राजधानी सैक्रामेण्टो है।

 भारतीयों के प्रभाव के साथ-साथ भारत की भाषा यानि हिंदी ने भी धीरे-धीरे अपने पाँव  पसारे है । इस कार्य में यहाँ बसे अप्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।  कैलिफ़ोर्निया में हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में एक प्रमुख नाम है श्रीमती नीलू गुप्ता ।  हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के क्षेत्र में नीलू गुप्ता का महत्वपूर्ण योगदान है । 

भारत में  गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय सेविद्यालंकार एवं दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए.की  उपाधि प्राप्त करने के पश्चात नीलू गुप्ता विदेश आ गईं । यूरोप में रहते हुए बेल्जियम व  हॉलैंड में अंतर्राष्ट्रीय स्कूल में पढ़ने वाले भारतीय विद्यार्थियों को, द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी भाषा को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया और स्वयंसेवक के रूप में हिंदी शिक्षिका का कार्यभार सम्भाला । तत्पश्चात विगत लगभग बीस वर्षों से अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रान्त में स्थायी रूप से बसने के बाद उन्होंने हिंदी भाषा व भारतीय संस्कृति की धरोहर को, अपनी नई व पुरानी पीढ़ी को सौंपने का बीड़ा ही उठा लिया। जब भी जहाँ भी उन्हें अवसर मिलता है, हिंदी की पताका लेकर वे न केवल स्वयं आगे बढ़ती हैं बल्कि अन्य हिंदी प्रेमी साथियों को भी साथ लेकर चलती हैं।

इंडिया कम्युनिटी सेंटर, मिल्पिटस में नीलू गुप्ता ने अनेक अहिन्दी भाषी युवाओं और बुजुर्गों को, हिंदी लिखना, पढ़ना और बोलना सिखाया जिसमें गुजराती, मद्रासी, बंगाली व पंजाबी सभी भाषा-भाषी रहे हैं । उन्होंने छोटे बच्चों के लिए स्थायी रूप से हिंदी कक्षाएँ प्रारम्भ कीं । विदेश में पले-बढ़े बच्चों को हिंदी पढ़ाना और कठिन होता है इसलिए नीलू जी ने उनके हिंदी शिक्षण के लिए कई सुविधाजनक सरल पुस्तकें भी लिखीं हैं जिनका प्रयोग अन्य विद्यालयों में भी हिन्दी के छात्र-छात्राओं के हिंदी शिक्षण लिये किया जा रहा है। बे एरिया के कुपरटीनो शहर के अंतर्गत स्थित 'डि एन्ज़ा’ कालेज में हिंदी भाषा को विदेशी भाषा के रूप में मान्यता मिलने के बाद वहाँ हिंदी शिक्षण प्रारंभ किया गया और वे वहाँ भाषा की प्राध्यापिका के रूप में नियुक्त हुईं। वहाँ पर अब बड़ी संख्या में भारतीय व विभिन्न देशों के विद्यार्थी, हिंदी भाषा का बड़े ही उत्साह के साथ अध्ययन कर रहे हैं। नीलू गुप्ता का ऐसा मानना है कि हिंदी भाषा को सिखाने के लिए सर्वप्रथम उसे सरल,सुगम और सुरुचिपूर्ण बनाना बहुत ही आवश्यक है। हिंदी भाषा को अत्यंत सहज सरल बनाकर पढ़ाने के लिए नीलू गुप्ता सदा ही नई नई विधाएं और तरीके खोजती रहती हैं। इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। इन तरीकों के चलते विद्यार्थी आनन-फानन में ही हिंदी बोलना और लिखना सीख लेते हैं ।

नीलू गुप्ता की साहित्य में भी काफी रुचि है वे अध्यापन कार्य के अतिरिक्त लेख, कविता व कहानी इत्यादि भी लिखकर हिंदी साहित्य की सेवा करती हैं। आपके लेख व कविताएँ हिंदी जगत, हिंदी चेतना, ,अर्थ संवाद, ,कर्मभूमि इत्यादि में प्रकाशित होते रहते हैं। उनकी कविताएँ 'प्रवासिनी के बोल' तथा ' उत्तरी अमेरिका के साहित्यकार' नामक पुस्तकों में भी प्रकाशित हुई हैं । सान्ता क्लारा काउंटी के 300 पृष्ट के ' रिसोर्स गाइड ' का हिंदी में अनुवाद भी किया । देशप्रेम की कविताओं के अतिरिक्त, हास्य रस की भी कविताएँ आप लिखती हैं । काव्य संग्रह का नाम “जीवन फूलों की डाली” है।
विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार का मुख्य माध्यम होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम । नीलू गुप्ता ने कैलिफोर्निया में अध्यापन के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भारतीय- भाषा व संस्कृति के प्रचार प्रसार का जरिया बनाया है। वे पन्द्रह वर्ष से प्रतिवर्ष लगातार कैलिफोर्निया में कवि सम्मलेन का आयोजन करती आ रही हैं। जिसके अंतर्गत भारत के आमंत्रित कवियों के साथ साथ स्थानीय कवि व कवियित्रियों को भी स्थान दिया जाता है। अधिक से अधिक लोगों के मन में हिंदी के प्रति रुचि पैदा करने व हिंदी के प्रचार प्रसार में कवि सम्मेलनों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। विश्व हिंदी सचिवालय, मारिशस के द्वारा आयोजित 2014 की अन्तर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में इनकी देशप्रेम की कविता को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था। रक्षा बंधन, ,होली,, दिवाली सभी भारतीय त्यौहारों व स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस इत्यादि के आयोजन भी हिंदी के प्रयोग व प्रसार के माध्यम बनते हैं जिनका आयोजन वे अत्यंत सफलता पूर्वक करती रही हैं । 

 'विश्व हिंदी दिवस' का आयोजन भी अत्यंत मनोयोग से कौंसलावास के तत्वाधान में करती रही हैं । कौंसिल जनरल श्री एन पार्थसारथी जी ने, इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसके लिए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया। इस कार्यक्रम की विशेषता यह थी कि बे एरिया की सभी हिंदी सेवी संस्थाओं को एक छत्त के नीचे लाकर हिंदी सीखने वाले विद्यार्थियों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा हिंदी – भाषा सम्बन्धी ज्ञान का प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया ।

नीलू गुप्ता ' उपमा ' उत्तर प्रदेश मंडल ऑफ़ अमेरिका की संस्थापिका हैं जिसमें हिन्दी के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, कगीत इत्यादि प्रस्तुत करके हिन्दी के प्रति अभिरुचि जगाने और अपने प्रान्त की सुन्दर छवि को प्रदर्शित करने का सुअवसर मिलता है। इसके अतिरिक्त हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने ‘विश्व हिंदी ज्योति' नामक संस्था की भी स्थापना की है। नई पीढ़ी व आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति व हिंदी भाषा का ज्ञान विरासत में मिल सके इसके लिए उन्होंने इसका कार्यभार युवा वर्ग को सौंप दिया है। बे एरिया की ‘चिन्मय मिशन’ जैसी संस्था में , हिंदी पढ़ाते हुए वे लगभग 3०० विद्यार्थियों और शिक्षक-शिक्षिकाओं का भी समय समय पर पथ प्रदर्शन करती रहती हैं। अमेरिका के अन्य प्रान्तों (न्यूयार्क,वाशिगंटन डी सी) के अन्तर्गत होने वाले हिन्दी से सम्बन्धित अधिवेशनों तथा कवि सम्मेलन इत्यादि कार्यक्रमों में भी सम्मिलित व सम्मानित होती रहती हैं।
  वे हिंदी को द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त भाषाओं में स्थान दिलवाने के लिये भी  काम कर रही हैं। अमेरिका के , डीएलआई रक्षा भाषा संस्थान ( DLI,Defence      language Institute), एक्टफैल (ACTFL,American Council of foreign  language teaching ), साल्टा (SALTA,South Asian Language Teachers  Association), स्टारटॉक (Startalk) इत्यादि इन सभी संस्थाओं के साथ किसी न किसी  रूप से जुड़ी हुई हैं। विदेश में रहते हुए भी वे हिंदी भाषा के सारस्वत यज्ञ में पूर्णतया लीन  हैं। वे हिंदी भाषा की सेवा का कोई भी अवसर हाथ से जाने देना नहीं चाहतीं । हिंदी से  भारतवंशियों के मन में भारत-प्रेम के दीप जला कर उन्होंने वहाँ अपना एक खास स्थान  बनाया है। हिंदी की सेवा के चलते वे वहाँ की एक जानी-मानी हस्ती हैं । वे कैलिफोर्निया में  हिंदी की दूत हैं । भारत के चश्मे से देखें तो नीलू गुप्ता हिंदी की विश्वदूत हैं। ऐसे ही  विश्वदूतों से दुनिया में हिंदी और हिंद की पहचान है।

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