अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना मुहावरे का सही प्रयोग और राहुल गांधी
एक स्कूल में शिक्षा विभाग से निरीक्षण के लिए अधिकारी आया। वह एक हिंदी कक्षा में गया और अध्यापिका से पूछने लगा- *अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना* इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करके बताओ।
कुछ सोचकर अध्यापिका बड़े आत्मविश्वास से बोली- मैंने अपनी बेटी को दसवीं कक्षा में मोबाइल दिला कर *अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।निरीक्षक बोला- *यह तो जानबूझ कर कुएं में कूदने* जैसी बात हुई, पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली नहीं। कोई और वाक्य प्रयोग बताओ।
अध्यापिका कुछ क्षण सोचते हुए- रमेश ने अपनी पत्नी को अपना क्रेडिट कार्ड देकर *अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली।
निरीक्षक फिर बोला- इसे तो *मजबूरी का नाम महात्मा गांधी* कहेंगे । बीवी को क्रेडिट कार्ड देना पति की न टाली जा सकने वाली मजबूरी होती है, कोई सटीक वाक्य प्रयोग बताओ।
बहुत सोच विचार कर अध्यापिका को अपने पति की कही एक बात याद आई वह बोली- कल ही मेरे पति कह रहे थे कि तुम्हारी सुंदरता पर रीझकर मैं तुमसे शादी कर बैठा और मैंने *अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली।*
निरीक्षक जोर जोर से हंसने लगा और बोला, यह तो *आंख का अंधा नाम नैनसुख* का उदाहरण है।
अब तो अध्यापिका का भी पारा चढ़ गया और वह गुस्से से बोली – इस स्कूल में टीचर बनकर मैंने *अपने पैरों पर कुल्हाडी मार ली।
निरीक्षक फिर बोला- यह तो *नाच न जाने आंगन टेढ़ा* वाली बात हुई, इसमें कुल्हाडी कहाँ है?
अब तो अध्यापिका का भी सिर घूम गया और वह गुस्से से फट पडी- मेरे साथ *ज्यादा तीन-पाँच मत करो* वरना तुम्हारी *राई का ऐसा पहाड़ बनाऊंगी* कि दिन में तारे नज़र आ जाएंगे। चुपचाप यहां से *नौ दो ग्यारह हो जाओ* वरना आज…, अभी…, इसी जगह, *सांप भी मरेगा और लाठी भी टूटेगी…।
उसका रौद्ररूप देख निरीक्षक घबरा गया,
ओह, लगता है आज मैंने गलती से *अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली।
अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना का सही प्रयोग निरीक्षक को पता चल गया।
मोदी जी ने गले लगाया नवाज़ शरीफ़ को उनकी सरकार गिर गई,
मोदी जी ने ट्रम्प को गले लगाया उनकी सरकार गिर गई,
मोदी जी ने नेतन्याहु को गले लगाया उनकी सरकार गिर गई,
आखिरकार मोदी जी ने अशरफ गनी को गले लगाया, उनकी भी सरकार गिर गई। हम भारतीय बहुत खुशकिस्मत हैं कि हमारे पास ऐसे अद्भुत पीएम हैं जो दूसरे किसी भी देश की सरकार को गिरा सकते हैं बस एक आलिंगन करके!!!
…और बेचारे राहुल बाबा, जो ठीक ठाक ही कर रहे थे, बस जाने क्या सूझी की संसद में जाकर मोदी के गले लग गए… इसे कहते हैं
अपने पैर पर कुल्हाडी मारना!!
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