Tuesday, March 19, 2024
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हम कब तक, किस किस की गर्दनें कटवाएँगे?

मित्रो, अभी 2 दिन पहले कई मित्रों ने मुझे एक वीडियो भेजा। जिसमें कई मुल्ला बैठे नज़र आ रहे हैं और उनके समूह का सरदार एक फ़ाइल के पन्ने पलटता हुआ रमज़ान के बाद जेल भरो आंदोलन का ऐलान कर रहा है।

वह घोषणा करता है कि उन सबकी गर्दनें रुसूल की अज़मत के लिये हैं और वो उस फ़ाइल से आर एस एन सिंह जी का नाम पढ़ते हुए, अन्य नाम लिये बिना अनेक राष्ट्रवादियों को गुस्ताखे-रुसूल घोषित करता है। इस क्रम में वह 7 वर्ष से मोदी सरकार के चलने को भी इसके लिये जिम्मेदार ठहरता है और उस फ़ाइल के लोगों को जेल में डलवाने के लिये आंदोलन करने की धमकी देता है। मुझे वीडियो भेजने वाले एक कृपालु ने बताया कि इसके तीसरे पेज पर मेरा नाम भी है।

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अभी तक यह लोग गर्दनें काटने की धमकी देते थे। सिर काट कर लाने वाले को इनआम देने के ऐलान करते थे। इस बार इन सब की जगह राज्य पर दबाव डालने की बात कह रहे है। न जाने क्यों अब के वसीम रिज़वी जी की गर्दन काटने पर 21 लाख देने की गुंडई नहीं दिखाई जा रही और प्रशासन के माध्यम से सवाल करने वालों पर दबाव बनाया जायेगा।

ज़ाहिर है ऐसा होगा तो अंतिम निर्णय कोर्ट में ही होगा। जब ये होगा तब होगा मगर इस समय को मैं इससे जूझने की तैयारी में प्रयोग करने का प्रस्ताव रखता हूँ। हम इस दबाव को अपनी बात फैलाने, अपना दृष्टिकोण सिद्ध करने के अवसर की तरह प्रयोग करेंगे।

कृपया क़ुरआन, हदीस, सीरा की मूल पुस्तकों में कुफ़्र, शिर्क की व्याख्या, काफ़िरों, मुशरिक़ों के क़त्ल करने, उनको प्रताड़ित करने के सन्दर्भों की तलाश कीजिये। मुहम्मद की सुन्नत यानी मुहम्मद के किये कार्यों को मुसलमानों के जीवन में उतारने के क़ुरआन के आदेशों को ढूंढिये। काफ़ी कुछ हमारे पास पहले से हैं, कुछ आप दीजिये।

यह अवसर हम सबको अपनी जानकारियों की धार पैनी करने में जुटने का है। आर एस एन सिंह जी सहित हम सब कोर्ट में यह साबित करेंगे कि हम जो बोलते, कहते हैं वो हमारे अपने बचाव यानी भारत को सुरक्षित करने के लिये है। भारत 712 ईसवी यानी 1300 वर्ष से युद्ध में है और यह युद्ध उसकी अपनी धरती पर चल रहा है।

हमारे बीच इस आक्रमणकारी विचारधारा को न केवल फ़ॉलो करने वाले लोग हैं बल्कि यहाँ इसे उग्र से उग्रतम बनाने वाले संस्थान भी चल रहे हैं। यह संस्थान राष्ट्र की भ्रष्ट की गई सन्तानों में वैचारिक परिवर्तन लाते हैं। उन्हें अपनी जड़ों से काटते हैं अतः राष्ट्र के पास स्वयं को सुरक्षित करने के लिये इन्हें वैचारिक चुनौती देने का कोई विकल्प ही नहीं है।

कृपया अगले 15 दिन क़ुरआन, हदीस, सीरा के पन्ने पलटने में लगाइये। ध्यान रहे व्याख्या, टीका काम में नहीं आयेंगी। केवल मूल इस्लामी ग्रन्थ के सन्दर्भ ही काम आयेंगे। उन पुस्तकों में ऐसे प्रसंग ढूंढिये, हाई लाइट कीजिये और इनके सम्भावित शिकारों मुझे, आर एस एन सिंह जी, पुष्पेंद्र जी, नृसिंहानन्द जी जैसे स्पष्टवादी, तार्किक बन्धुओं तक भेजिये। मेरा ईमेल एड्रेस [email protected] इसके लिये उपयोग कीजिये।

इस अवसर को राष्ट्र की, धर्म की ऐतिहासिक विजय के अवसर में बदलने में हमारे साथ आइये।

श्री तुपैल चतुर्वेदी का ये चर्चित वीडियो भी जरुर देखिए – https://www.youtube.com/watch?v=GJ69xJSiDUw

(लेखक तुफैल चतुर्वेदी के नाम से जाने जाते हैं। इस्लामी विषयों के प्रमुख जानकार और शायर व कवि हैं। देश और दुनिया के कई मंचों पर वे अपनी ग़ज़लें व कविताएँ प्रस्तुत कर चुके हैं)

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