Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeअध्यात्म गंगाईश्वर है कि नहीं कैसे पता चले?

ईश्वर है कि नहीं कैसे पता चले?

प्रसिद्ध स्पेनिश विचारक जेवियर जुबिरी एक बार बाल कटवा रहे थे। बातों ही बातों में जेवियर और नाई के बीच इस बात पर बहस छिड़ गई कि ईश्वर है या नहीं। नाई का कहना था, ‘अगर ईश्वर होता तो दुनिया में शांति और खुशी होती न कि हिंसा और बीमारियां। अगर वह होता तो दिखाई देता लेकिन ईश्वर तो कहीं दिखता ही नहीं है।’ जेवियर का तर्क था कि ईश्वर तो कण-कण में बसा हुआ है। बस उसे खोजने वाली नजर और साफ नीयत चाहिए। बहस चलती रही और इस बीच नाई जेवियर के बाल भी काटता रहा। लोग भी इस बहस का मजा ले रहे थे। लेकिन बहस का कोई नतीजा नहीं निकला।

बाल कटवा कर जेवियर नाई की दुकान के बाहर आ गए और सड़क पर इधर-उधर टहलने लगे। तभी उन्हें बढ़े हुए बाल और खिचड़ी दाढ़ी वाला एक युवक नजर आया। वह उस युवक को पकड़ कर फिर उस नाई की दुकान पर गए। उन्होंने उस नाई से कहा, ‘लगता है शहर में एक भी ढंग का नाई नहीं बचा है।’ इस पर नाई ने कहा, ‘क्या बात करते हैं? मैं इस शहर का सबसे बढ़िया नाई हूं। चारों और मेरे चर्चे होते हैं।’ इस पर जेवियर बोले अगर ऐसा होता तो इस नौजवान के बाल इतने बेढंगे क्यों हैं? इस पर नाई तपाक से बोला, ‘जब कोई मेरे पास आएगा, तभी तो मैं उसके बाल काट पाऊंगा। जब कोई आएगा ही नहीं तो मैं कैसे समझूंगा कि किसके बाल बढ़े हुए हैं।’

इस पर जेवियर मुसकुरा कर बोले, ‘ठीक कह रहे हो। अभी कुछ देर पहले तुम कह रहे थे कि ईश्वर है ही नहीं। अरे भाई कोई उसे खोजने जाएगा, उसका नाम लेगा, उसे पुकारेगा, उसे पाने की कोशिश करेगा, तभी तो ईश्वर मिलेगा। बिना कोई कर्म किए ईश्वर थोड़ी ही मिलेगा।’ उनकी इस बात से नाई निरुत्तर हो गया।

निराकार ईश्वर सृष्टि के कण कण में विद्यमान है। हमें सदा कर्म करते हुए देख रहा हैं। इसलिए उनकी स्तुति, प्रार्थना एवं उपासना करते हुए सदैव उत्तम कर्म करने का संकल्प लीजिये।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार