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नजरें बदल जाए तो नज़ारे बदल जाएँगे !

व्यवहार तमाम मानवीय गुणों में सर्वाधिक लाभ देने वाला गुण है। वह मनुष्य की रक्षा भी करता है। मनुष्य की व्यवहार कुशलता ही दूसरे मनुष्य के हृदय पर छाप छोड़ती है। व्यवहार कुशलता ही मनुष्य का पूरा परिचय देती है। जब ज्ञान का सौंदर्य और सफलता का वैभव व्यावहारिक जीवन में उतरने लगें तो वह व्यक्ति दूसरों के लिए सहज आकर्षण का केंद्र बन जाता है। सचमुच व्यवहार कुशलता ही वह गहना है जो हमारे जीवन को सुंदर बनाये रखता है।

जीवन में सब कुछ होने के बाद भी यदि आप में व्यवहार कुशलता नहीं है, तो आपकी राह में अड़चनों का अंबार लग जाएगा। व्यवहार कुशलता से आप अनजान व्यक्तियों को भी आत्मीय बनाकर अपने साथ चलने के लिए तैयार कर सकते हैं। नकारात्मक दृष्टिकोण से किए गए कार्य जहां हमारे लिए पतन का द्वार बनते हैं, वहीं व्यवहार कुशलता एवं सकारात्मक दृष्टिकोण हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं होते।

आज के परिवेश में जीवन लगातार जटिल होता जा रहा है। अनेक लोगों के बीच काम करते हुए भी व्यक्ति खुद को अकेला महसूस करता है। इस दौर में मनुष्य काफी महत्वाकांक्षी हो गया है, जो आसानी से संतुष्ट नहीं होता है। इस तरह परिवर्तित होती परिस्थितियों में व्यक्तिगत कुशलता की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। व्यक्तिगत कुशलता का तात्पर्य आत्म विकास से भी है। व्यवहार कुशलता के कारण मानव अपने जीवन में विजय और सौभाग्य का अधिकारी बनता है।

अपने व्यवहार में विनम्रता को शामिल करके आप भी दूसरों के दिलों पर राज कर सकते हैं। अतः अपनी कमजोरियों एवं गुणों को पहचानिए और साथ ही अपने व्यक्तित्व के सकारात्मक पहलुओं को और मजबूत करने की कोशिश कीजिए। अगर आप भी जीवन में सफलता और लोकप्रियता अर्जित करना चाहते हैं, तो आपको अपने व्यक्तित्व में दूसरों के साथ अच्छे व्यवहार करने का गुण विकसित करना होगा। इस प्रकार आप जीवन में सफलता के सोपान चढ़ सकते हैं।

लोगों से बातचीत करने की कुशलता, मानव व्यवहार की समझ, इस बात पर गौर करना कि दूसरों की दिलचस्पी किन बातों में है आपको अधिक व्यावहारिक बनाने वाले गुण हैं। लोगों से मेल-मुलाकातों में उनके बारे में बात करना व्यवहार का सटीक तरीका है। यदि आप केवल अपनी बात करते हैं तो आप मानव स्वभाव के विपरीत काम कर रहे हैं। मैं, मुझे, मेरा, मैंने की जगह पर ‘आप ‘ शब्द को रखकर देखिए। पूरा नजारा और व्यवहार का पूरा नजरिया बदल जायेगा।

हम दूसरों के साथ प्रभावी इसलिए नहीं हो पाते हैं कि हम अक्सर खुद के बारे में सोचते और बात करते रहते हैं। इसलिए हम याद रखें कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आपको स्वयं में और अपनी बातों में कितनी रूचि है, महत्वपूर्ण तो यह है सुनने वाले आपको कितना पसंद करते हैं। इसलिए जब दूसरों से बात करें तो उनके बारे में बात करें। इस तरह आप एक दिलचस्प और व्यावहारिक इंसान साबित हो कर महसूस कर सकते हैं कि नजरें क्या बदलीं, नजारे बदल गए पूरी बुलंदी से कह सकते हैं कि जियो जीतने के लिए।
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