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‘मैं ज़र्रा हूँ भूमि का, मेरी बस इतनी सी भूमिका’

मुंबई। साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संस्‍था ‘आशीर्वाद’ द्वारा विले पार्ले स्थित भाईदास हॉल में ‘गीत गंगा ग़ज़ल सागर ’ कार्यक्रम संपन्‍न हुआ । प्रारंभ में ‘आशीर्वाद’ के  बृजमोहन अग्रवाल ने अतिथियों का स्‍वागत किया एवं निदेशक डॉ. उमाकांत बाजपेयी ने संस्‍था का परिचय दिया । इस अवसर पर सुप्रसिद्ध साहित्‍यकार रवीन्‍द्र जैन को पद्मश्री मिलने पर मुकेश शर्मा, अपर महानिदेशक, दूरदर्शन, महेश बंसीधर अग्रवाल, सुरेशचन्‍द्र चतुर्वेदी आदि ने सम्‍मानित किया ।

        गंगा-जमनी तहज़ीब के इस मुशायरा-कवि सम्‍मेलन में अध्‍यक्षता फिल्‍मकार एवं राइटर्स एसोसिएशन  के  अध्‍यक्ष –शायर जलीस शरवानी ने की । 

गाजियाबाद से आए  गीतकार कुँअर बैचेन का गीत  ‘नदी बोली समंदर से’  एवं दिल्‍ली से पधारे  दीक्षित दनकौरी के इस कलाम कि ‘शे़र अच्‍छा या बुरा नहीं होता, या तो होता है या नहीं होता है’  को खूब सराहा गया ।  सुप्रसिद्ध  ग़ज़लकार  ए.एम. तुराज,  प्रज्ञा विकास,  ओबेद आजम आजमी,  अतुल अग्रवाल के अशआर भी पसंद किए गए ।  

 अकोला से आए व्‍यंग्‍यकार घनश्‍याम अग्रवाल एवं सुनील पॉल ने हास्‍य व्‍यंग्‍य के रंग  बिखेरे  ।  संचालन व्‍यंग्‍यकार डॉ. अनंत श्रीमाली ने किया। आभार डॉ. जे.पी. बघेल ने माना । इस मौके पर साहित्‍यकार हस्‍तीमल हस्‍ती, डॉ. बनमानी चतुर्वेदी, फिल्‍मी हस्‍ती विष्‍णु शर्मा, राजकुमार बड़जात्या, भारतीय कपास निगम के वित्‍त निदेशक प्रदीप अग्रवाल, महाप्रबंधक, राजभाषा आर. के. गुप्‍ता, कविता गुप्ता, कन्हैयालाल सराफ, कवियत्री माया गोविंद, अंजन श्रीवास्तव, ग़ज़लकार घनश्याम वासवानी, राज कुमार रिजवी जैसे प्रबुद्ध श्रोता भी सहभागी रहे ।
 

 
फोटो- परिचय-  तस्‍वीर में बृजमेाहन अग्रवाल,  मुकेश शर्मा, जलीस शरवानी,  रवीन्‍द्र जैन, डॉ. उमाकांत  बाजपेयी,  अभिनेत्री साहिला चड्डा, अभिनेता अंजन श्रीवास्‍तव ,  संचालक  डॉ. अनंत श्रीमाली  दिखाई  दे रहे हैं ।