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कल्याण में डॉक्टरों ने १२ साल की बच्ची के पेट से निकाले ६५० ग्राम बाल

मुंबई: कल्याण स्थित स्टारसिटी मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने कल्याण में रहने वाली १२ साल की बच्ची के पेट से ६५० ग्राम बाल निकालने में कामयाबी हासिल की है। दो घंटे की जटिल सर्जरी के बाद पेट की आंतों पर पूरी तरह से कब्जा कर चुके बालों के गुच्छे को हटा दिया गया था। इस बारे में जानकारी देते हुए कल्याण ईस्ट स्थित स्टारसिटी मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. रोहित परयानी कहते हैं, ”लड़की के माता-पिता के मुताबिक उनकी बेटी को दो साल की उम्र से ही बाल खाने की आदत हो गई थी, जिसे ट्राइकोफैगिया कहते हैं. पिछले हफ्ते स्टारसिटी अस्पताल में जब लायी गयी तब उसका वजन केवल २० किलो था, मतलब उसका वजन ५० प्रतिशत कम हो गया। सीटी स्कैन के बाद, उसकी आंतों में उसके बाल पूरी तरह से दिखाई दे रहे थे और उसने पिछले दो महीनों से कुछ नहीं खाया था। यह इतना बड़ा था कि हमें डर था कि बाल हटाते समय बाल लैप्रोस्कोपिक मशीन में फंस जाएंगे, इसलिए हमने ओपन सर्जरी का विकल्प चुना और बालों को हटाने में सफल रहे। दो महीने के बाद बच्ची ने खाना खाया तब उनके माता-पिता को बहुत खुशी हुई, अब और दो -तीन में इस बच्ची को घर छोड़नेवाले हैं। ”

इस बीमार स्थिति को मेडिकल भाषा में ट्राइकोबीजोर कहते हैं। इस दुर्लभ रूप में बालों को खाने से ऐसे गोले बनते हैं। ये बाल पेट को चोंट पहुंचाते हैं और मवाद भी बनाते हैं। बचपन में बाल खाने की आदत से ट्राइकोबीजोर में फर्टिलाइजेशन हो सकता है, बिना पचे बाल धीरे-धीरे शरीर में जमा हो जाते हैं और गांठ बन जाते हैं। जैसे-जैसे गोली का आकार बढ़ता है, पेट में दर्द होने लगता है और ठीक से निदान न होने पर अक्सर व्यक्ति बेहोश हो सकता है।

छोटे बच्चों काे कुछ पता नहीं हाेता और वे बालाें को मुंह में डाल लेते हैं। अगर कोई बच्चा ऐसा कई बार करे तो उसकी यह आदत बन जाता है। इससे ये बाल पेट में एक जगह इकट्‌ठे हो जाते हैं और गुच्छा बनने लगता। अगर घर वालाें काे पता न चले ताे बच्चे के पेट में इन्फेक्शन हाेने लगता है, जो बेहद खतरनाक भी हाे सकता है। ऐसे मामलों में बच्चाें काे भूख नहीं लगती और उनका वजन कम हाेने लगता है।दुर्लभ विकारों के राष्ट्रीय संगठन के अनुसार, दुनिया की 0.5 से 3 प्रतिशत आबादी अपने जीवन में किसी न किसी बिंदु पर ट्राइकोफैगिया विकसित करती है, लेकिन माता-पिता या परिवार के सदस्यों की मदद से, कई लोग इस आदत से छुटकारा पा लेते हैं ऐसी महत्वपूर्ण माहिती स्टारसिटी अस्पताल के द्वारा दी गयी है।

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