Thursday, March 28, 2024
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Homeजियो तो ऐसे जियोघने जंगल में बच्चों की किस्मत बदल रहा है एक सरकारी शिक्षक

घने जंगल में बच्चों की किस्मत बदल रहा है एक सरकारी शिक्षक

शिवप्रताप सिंह जादौन, मुरैना। शहर से 30 किमी दूर नूराबाद के घने जंगलों में एक छोटा सा प्राइमरी स्कूल है। यहां पदस्थ हैं 51 वर्षीय गोरेलाल मास्टर। 25 साल पहले वे इस स्कूल में आए और उन्होंने जंगल के गांवों में रहने वाले गरीब व आदिवासी बच्चों की किस्मत बदल दी।

उन्होंने बच्चों को नवोदय व सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी शुरू करवाई। अब तक दर्जनों बच्चे एक ही प्रयास में प्रवेश परीक्षाओं को पास कर इन स्कूलों में प्रवेश पा चुके हैं। कुछ तो डॉक्टर, प्राचार्य, इंजीनियर और राष्ट्रीय खिलाड़ी भी बन गए हैं।

 

नूराबाद के घने जंगल में बने प्राथमिक स्कूल करह में पढ़ाने वाले गोरेलाल मास्टर जंगल के गांवों में रह रहे बच्चों के भविष्य निर्माता बन गए हैं और दूसरे शिक्षकों के लिए प्रेरणा। गोरेलाल मास्टर के छोटे स्कूल में हर साल कक्षा एक से लेकर 5वीं तक के मात्र 12 से 15 बच्चे ही पढ़ते हैं। जो भी बच्चा कक्षा 5वीं में आता है गोरेलाल उनके परिजनों से बात करते हैं और उन्हें नवोदय व सैनिक स्कूल के बारे में बताते हैं।

वे परिजनों को तैयार करते हैं और फिर शुरू होता है गोरेलाल मास्टर के सरकारी स्कूल में बच्चों की तैयारी का दौर। कोर्स की पढ़ाई के साथ परीक्षा की तैयारी होती है और बच्चे एक ही बार में नवोदय और सैनिक स्कूल की परीक्षा पास कर लेते हैं। ज्यादातर बच्चे दोनों स्कूलों की परीक्षा पास कर लेते हैं और फिर अपनी पसंद से स्कूल चयन कर उनमें पढ़ने चले जाते हैं।

चार दिन पहले मुरैना कलेक्टर शिल्पा गुप्ता मास्टर गोरेलाल के स्कूल पहुंची। नंगे पांव, कुर्ता पायजामा पहने गोरेलाल की कक्षा में उन बच्चों के नाम व वर्तमान स्थिति की जानकारी चस्पा थी, जो नवोदय व सैनिक स्कूल में चयनित हुए और आज अच्छे मुकाम पर हैं। इस पर कलेक्टर हैरान रह गईं और उन्होंने गोरेलाल का सम्मान किया।

यह बच्चे आज अच्छे मुकाम पर
गोरेलाल मास्टर के स्कूल में 1995 में पढ़े मुनेश नवोदय में सिलेक्ट हुए। अब हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य हैं। यहां पढ़ीं रेखाबाई नवोदय में चयनित हुईं थीं। अब सहायक पशु चिकित्सक हैं। संजय और हरिओम इंजीनियर बन चुके हैं। कौशिल्याबाई साल 2000 में नवोदय में सिलेक्ट हुईं। आज वे एमएससी, बीएड हैं।
रवि कुमार 2004 में नववोदय में सिलेक्टर हुए और आज एनआईटी कॉलेज राडकेला में हैं। सोनल, श्रीकृष्ण, रंजीत, अमित, अक्षय, मनजीत , आदित्य, शैलेंद्र, नीसू साल 2010 से अब तक सैनिक व नवोदय में सिलेक्ट हुए हैं। इनमें से श्रीकृष्ण राज्यस्तरीय एथलीट हैं और विजेंद्र राष्ट्रीय नृत्य कलाकार हैं।
यह शिक्षक वास्तव में दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। हम इन्हें सम्मानित करने वाले हैं। 15 अगस्त को इनका सम्मान किया जाएगा। इन्हें नगद पुरुस्कार दिया जाएगा। जंगल के एक स्कूल से इतने छात्रों का भविष्य निर्माण करने वाले यह शिक्षक आदर के पात्र हैं। शिल्पा गुप्ता, कलेक्टर मुरैना

साभार- http://naidunia.jagran.com/ से 

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