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रेल्वे को स्वतंत्र नियामक की ज़रुरतः श्री सुरेश प्रभु

रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने रेलवे में निजी पूंजी आकर्षित करने के लिए इस संगठन से अलग एक स्वतंत्र नियामक तंत्र बनाए जाने की वकालत की है। प्रभु ने कहा, 'इसके लिए खासतौर पर एक नियामक तंत्र की जरूरत है। इसी लिए हम एक नियामकीय व्यवस्था चाहते हैं ताकि निजी भागीदारी में सार्वजनिक हितों से समझौता न हो, सार्वजनिक कामकाज प्रभावित न हो और निजी क्षेत्र को अपने निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की जरूरत भी न हो। 

उन्होंने कहा कि अरविंद पानगढिय़ा से एक रोडमैप का सुझाव देने का अनुरोध किया गया है। वह स्वतंत्र हैं, बहुत ही विद्वान और बहुत ही सक्षम हैं और साथ ही वह हमारी व्यवस्था का हिस्सा भी हैं क्योंकि वह नीति आयोग के उपाध्यक्ष हैं। रेल मंत्री ने कहा कि वह हाल में मुझसे मिले थे और हमने मुद्दे पर चर्चा की। जब एक बार वह इसका खाका तैयार कर लेंगे तो तो हम इस पर विस्तृत चर्चा करेंगे और हम उस पर लोगों की राय समझने के लिए उसे वेबसाइट पर भी डालेंगे। गौरतलब है कि भारतीय रेल ने क्षमता विस्तार, यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने तथा हाई-स्पीड रेल सेवा और कुछ अन्य क्षेत्रों में निजी कंपनियों के लिए परियोजनाओं की पेशकश की है। सॉफ्टवेयर में हेरफेर के जरिए मालगाडिय़ों में लदान किए जाने वाले सामानों के वास्तविक वजन को कथित रूप से कम करके दिखाने के मामले में हाल ही में सीबीआई के छापे के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए यह एक संयुक्त अभियान था।