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दूसरी बार लंदन के डिप्टी मेयर बने इन्दौर के राजेश अग्रवाल

एक भारतीय शख्स जिसने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा के साथ ही दो दशक का समय देश में ही बिताया, लेकिन आज वह शख्स लंदन में एक बड़ी ज़िम्मेदारी निभा रहा है। दिलचस्प है कि लंदन जाने के लिए उन्हें जो फ्लाइट लेनी थी उसका टिकट खरीदने के लिए उनके पास पैसे तक नहीं थे और ऐसे में पैसों का इंतजाम करने के लिए उन्हें अपनी बाइक तक बेचनी पड़ गई थी।

इंदौर के राजेश अग्रवाल फिलहाल इस बात को लेकर चर्चा में हैं कि उन्हें लगातार दूसरी बार लंदन का डिप्टी मेयर (व्यापार) चुना गया है। राजेश इसके पहले साल 2016 में भी डिप्टी मेयर बने थे, हालांकि उनका अगला कार्यकाल साल 2024 तक जारी रहेगा।

सेंट पॉल स्कूल से अपनी पढ़ाई करने वाले राजेश की माँ एक स्कूल में शिक्षक थीं, जबकि उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। साल 1999 में एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजेश ने वेब डिजाइनिंग में सेल्स की नौकरी करनी शुरू कर दी। इसी कंपनी के काम के चलते राजेश को छह महीने मुंबई और 6 महीने लंदन में काम करने का मौका मिला था।

कंपनी ने उस दौरान राजेश से कहा था कि वह अपने खर्चे पर टिकट करा लें जिसे बाद में उन्हें लौटा दिया जाएगा, लेकिन राजेश के पास उस समय उतने पैसे भी नहीं थे कि वह फ्लाइट की टिकट खरीद सकते। ऐसे में राजेश को पैसे का इंतजाम करने के लिए अपनी बाइक बेच दी और साल 2001 में वह पहली बार प्लेन में बैठकर लंदन पहुँच गए।

लंदन पहुंचने के साथ राजेश ने अपनी मेहनत को कम नहीं होने दिया और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन सालों में राजेश ने लंदन में ही दो बड़ी कंपनियों की स्थापना भी कर ली है। इतना ही नहीं, उनकी एक कंपनी इस समय लंदन की 100 सबसे बड़ी कंपनियों में भी शुमार है और संडे टाइम्स की सूची में भी जगह बना चुकी है।

राजेश ने अपने एक इंटरव्यू में बताया है कि लंदन पहुंचने से पहले उन्होंने कभी व्यापार नहीं किया था लेकिन लंदन में उन्हें काफी समर्थन और मौके मिले, जिसके चलते वे आगे बढ़ने में कामयाब रहे।

राजेश को लंदन के मेयर सादिक खान ने एक बार फिर से डिप्टी मेयर नियुक्त किया है। गौरतलब है कि सादिक खान ने बीते महीने ही लंदन के मेयर पद का चुनाव जीता है।

लंदन के मेयर सादिक खान के साथ राजेश अग्रवाल

राजेश खुद को सिद्धांतों पर चलने वाला शख्स मानते हैं और हर घटना से सीखने का प्रयास करते हैं। दूसरी बार डिप्टी मेयर चुने जाने को लेकर राजेश गर्व की अनुभूति करते हैं और वह इस बात पर भी ज़ोर देते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में भी वह लंदन के लोगों के लिए अपनी 100 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मालूम हो कि पूरी दुनिया की तरह कोरोना महामारी के साथ लंदन भी इस समय बड़े स्तर पर बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहा है और राजेश का कहना है कि वे इस समस्या के समाधान को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

साभार https://yourstory.com/ से