1

आईएसआईएस के चंगुल से छूटी यज़ीदी लड़कियों की खौफनाक दास्तान

हम जिन्हेें यज़ीदी के रूप में पहचानते हैं वे जम्मू कश्मीर के मूल निवासी हैं जो सैकड़ों साल पहले कारोबार के सिलसिले में सिरीया गए थे, उन्होंने वहाँ अपनी हिन्दू पहचान बनाए रखते हुए तमाम हिन्दू परंपराओँ को जीवित रखा। ये सभी लोग अपनी गोत्र या उपनाम कश्यप बताते थे, ऐतिहासिक तथ्य यह है कि कश्यप ऋषि ने ही कश्मीर को बसाया था। यज़दी लोगों की शक्ल और सूरत भी कश्मीरी लोगों से मिलती है। यह बहु शातंप्रिय कौम है जो अपने हिन्दू इतिहास की वजह से आज क्रूरतम शोषण, अत्याचार, बलात्कार और मौत का शिकार हो रही है। हम सभी देशवासियों को एक होकर इनके लिए आवाज़ उठानी चाहिए इसलिए नहीं कि इनके पूर्वज हिन्दू रहे बल्कि इसलिए कि ये मानवाधिकार का मामला भी है।

आईएसआईएस आतंकियों की यातनाओं और क्रूरता की शिकार हुई इराक की दो यजीदी लड़कियों ने खौफनाक तजुर्बे बताए हैं। आतंकियों ने इन्हें घर से अगवा कर लिया था और कई महीनों तक सेक्स स्लेव बनाकर रखा। फिलहाल, दोनों लड़कियां इराक के एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही हैं। इन्होंने ब्रिटिश न्यूज वेबसाइट मेल ऑनलाइन को अपनी कहानी सुनाई। बंधक बनाकर रखी गई एक 19 साल की लड़की ने बताया कि उसे खरीदने वाला पहला शख्स उसका रेप करता था। वह मना करती तो वह उसके एक साल के बच्चे को बुरी तरह पीटता था। महिला ने बताया कि सिर्फ बच्चे का ख्याल करके उसने सुसाइड करने से खुद को रोक रखा था।

मॉर्फीन देकर करते थे बेहोश
यौन उत्पीड़न का शिकार हुई 25 साल की दूसरी लड़की ने बताया कि आतंकियों ने उसे कई बार बेचा। वो उसे मॉर्फीन (नशीली दवा) देकर बिस्तर से बांध देते ताकि वो बेहोश रहे और शोर न मचा सके। एक आतंकी ने तो उसे इतनी बुरी तरह पीटा था कि वो दो महीने तक अपने पैरों पर खड़ी भी नहीं हो पाती थी। बता दें कि आईएसआईएस उत्तरी इराक में पिछले साल अगस्त से अब तक 200 से ज्यादा यजीदी लड़कियों को किडनैप कर चुका है। सबसे खूबसूरत लड़कियों को नीलामी के लिए स्लेव मार्केट भेज दिया जाता है, जहां कपड़े उतरवाकर उन्हें महंगे दाम पर बेचा जाता है।

19 साल की 'रीहान' की कहानी
19 साल की 'रीहान' (पहचान छुपाने के लिए नाम बदले गए हैं) ने बताया कि पिछले साल अगस्त में उसे उत्तरी सिंजार स्थित एक गांव से अगवा किया गया था। उसने बताया, "मैं अपने पति और बच्चे के साथ थी, जब 30 कारों के काफिले में आए आतंकियों ने हमारे घर पर हमला कर दिया।" उसने बताया कि आतंकी उन्हें बंधक बनाकर वहां से 50 मील दूर तल-अफर ले गए, जहां उसके पति को अलग कर दिया गया। बाद में रीहान को एक 50 वर्षीय आतंकी को बेच दिया गया। एक स्कूल में करीब 200 महिलाओं के साथ उसकी नीलामी की गई थी। हालांकि, उसे नहीं मालूम कि खरीददार ने उसकी कितनी कीमत चुकाई थी। रीहान ने बताया कि आतंकी उसे अपने घर ले गया, जहां उसे अगले 10 महीनों तक बंधकर बनाकर रखा गया।
कई बार बेची गई

रीहान ने बताया, "अपने बच्चे की खातिर मैंने उसे सबकुछ करने दिया, जो वह चाहता था।" बाद में रीहान को मोसुल के एक आतंकी को बेच दिया गया। इसके बाद उसे रक्का में रहने वाले इस्लामिक स्टेट के लीबियाई आतंकी को बेचा गया। रीहान वहां जिन दूसरी यजीदी लड़कियों के साथ 20 दिनों तक रही उनमें से एक की उम्र 22 साल और दूसरी सिर्फ 5 साल की थी। यहां एक आतंकी ने उसके सामने महिला और उसकी पांच साल की बच्ची से रेप किया।

हिजाब पहनकर भागी
क्रूरता और अत्याचार से तंग आ चुकी रीहान कुछ दिन बाद हिजाब पहनकर वहां से भाग निकली। मदद के लिए वह एक सीरियाई व्यक्ति के घर गई, जहां से उसने दोहुक में अपनी मां को फोन किया। कुछ दिन वहां छुपकर रहने के बाद सीरियाई व्यक्ति ने उसे 15,000 डॉलर (करीब साढ़े नौ लाख रुपए) के बदले सुरक्षित घर पहुंचाने की शर्त रखी। रीहान ने बताया कि उसकी मां ने लोगों की मदद से किसी तरह इतने पैसे इकट्ठे किए। उसे इराक-सीरिया बॉर्डर पर स्थित फिश-खाबुर में छोड़ा गया। यहां से वो दोहुक गई, जहां अब वो अपनी मां और बच्चे के साथ खानकी रिफ्यूजी कैंप में रह रही है। आतंकियों ने उसके पति, पिता और दो बहनों को बंधक बना रखा है। उसे किसी के जिंदा होने की उम्मीद नहीं है।

25 वर्षीय 'बरफो' को आतंकी देता था मॉर्फीन के इंजेक्शन
25 साल की 'बरफो' भी आतंकियों द्वारा यौन उत्पीड़न और अत्याचार का शिकार हुई। 3 अगस्त को आतंकियों ने दर्जनों अन्य लड़कियों के साथ सिंजार से उसे अगवा किया था। आतंकी उन्हें तल अफर की स्लेव मार्केट ले गए थे। उसे एक 35 साल के आईएसआईएस आतंकी को बेचा गया, जो उसे अपने घर ले गया। उसने बताया, "वो मुझे छूने की कोशिश करता तो मैं रोती थी। मैं उसका विरोध करना चाहती थी, लेकिन वो ताकतवर था। वो मुझे बिस्तर से बांध देता और मॉर्फीन के इंजेक्शन लगाता था।"

तीन महीने तक हर रोज ज्यादती
बरफो ने आतंकी की बंदूक छीनकर खुद को गोली मारने की कोशिश भी की थी लेकिन आतंकी ने उसे ऐसा करने से रोक लिया। तीन महीने तक हर रोज हुए यौन शोषण के बाद उसे मोसुल ले जाया गया, जहां एक हफ्ते तक उसे बादुश जेल में बंद रखा गया। बाद में उसे रक्का के एक 30 वर्षीय अरब आतंकी को बेच दिया गया। उसने बताया, "अरबी बहुत क्रूर था। वो मुझे रोज मारता था। एक बार उसने मुझे इतना पीटा कि मैं दो महीने तक चल नहीं पाई थी। वह मुझसे दिन में छह बार नमाज अता करवाता और कुरान पढ़वाता था। इसके बाद उसे आईएसआईएस के चार अन्य आतंकियों को बेचा गया, जिन्होंने उसे सेक्स स्लेव बनाकर रखा। इन सब यातनाओं के बीच एक आतंकी को उसपर तरस आया और उसकी मदद से वो दो अन्य यजीदी लड़कियों के साथ भागकर अफरीन आ गई। कुछ दिन वहां रुकने के बाद वो बॉर्डर तक आई और अपनी मां से मिली।

वर्जिनिटी टेस्ट भी करा रहा है आईएसआईएस
रीहान और बरफो के दर्दनाक अनुभव बताते हैं कि इराक और सीरिया में यजीदियों के प्रति कितने जघन्य अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले आईएसआईएस आतंकियों द्वारा एक 14 वर्षीय यजीदी लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट किए जाने की खबर आई थी। आतंकी इस लड़की को महंगे दाम पर बेचना चाहते थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इराक और सीरिया में हजारों यजीदी लड़कियों-महिलाओं को बेचा जा रहा है। सेक्स स्लेव बनाकर रखी जा रही कई लड़कियों की उम्र 14 साल से भी कम है।