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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत दस्तावेज अंग्रेजी में जारी करना राजभाषा अधिनियम 1963 का उल्लंघन

सेवा में,

राजभाषा विभाग,

भारत सरकार, नई दिल्ली

विषय- कोरोना काल में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत दस्तावेज अंग्रेजी में जारी करने व राजभाषा अधिनियम 1963 का लगातार उल्लंघन करने पर लोक परिवाद

महोदय,

1. भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय व इसके अधीन कार्यरत सभी विभाग और संस्थान राजभाषा अधिनियम 1963 का उल्लंघन करते हुए किरीट विषाणु (कोरोना) महामारी से संबंधित प्रेस नोट, आदेश व अधिसूचनाएँ केवल अंग्रेजी में जारी कर रहे हैं।

2. स्वास्थ्य मंत्रालय व इसके अधीन कार्यरत सभी विभाग और संस्थानों ने गत् 17 महीनों में अपनी वेबसाइटों (https://www.mohfw.gov.in/, https://www.icmr.gov.in/, http://nhm.gov.in/) पर एक भी कागज राजभाषा हिन्दी में अपलोड नहीं किया है।

3. अस्पतालों के कर्मचारियों को किसी भी प्रक्रिया की सही जानकारी नहीं है क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय सारी प्रक्रियाएँ अंग्रेजी में जारी कर रहा है जिसे अस्पतालों के 90 प्रतिशत कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं, काश ये जानकारियाँ हिन्दी में होती तों हजारों जाने बच जाती हैं।

4. कोरोना टीकाकरण जनवरी 2021 में शुरू हो चुका है, उसकी वेबसाइट सैकड़ों शिकायतों के बाद 4 जून 2021 को हिन्दी में बनी जो कि आधी-अधूरी है और उसका विकल्प छुपाकर रखा गया है।

5. कोरोना की दूसरी लहर देशभर में कहर बरपा रही है और अब तीसरी लहर आने की प्रतीक्षा की जा रही है पर 17 महीनों से कोरोना के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने हिन्दी में एक भी आधिकारिक दस्तावेज जारी नहीं किया, जिसके कारण अंग्रेजी न जानने वाले 97 प्रतिशत भारतीय नागरिकों के बीच गलत सूचनाएँ फैल रही हैं।

6. राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल https://www.nhp.gov.in/ भी 100 प्रतिशत अंग्रेजी में बनाया गया है उसमें 4 भारतीय भाषाओं का विकल्प केवल दिखावे के लिए दिया गया है क्योंकि इन भाषाओं में कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं है, जो जानकारी है वह कई सालों पुरानी हो चुकी है जो जनता के किसी काम की नहीं है।

7. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 100 प्रतिशत कामकाज अंग्रेजी में करके सरकारी धन बर्बाद किया जा रहा है।

8. आपदा के समय लोगों को उनकी भाषा में सूचनाएँ न देकर भारत का स्वास्थ्य मंत्रालय आम नागरिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।

मैं गत् 16 महीनों से लगातार स्वास्थ्य मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिख रहा हूँ और अब तक 17 बार सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को लिख चुका हूँ, लोक शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवा चुका हूँ पर एक भी शिकायत व पत्र का उत्तर नहीं दिया गया है, समाधान तो दूर की बात है।

मैं आपके द्वारा संबंधित अधिकारियों को त्वरित निर्देश दिए जाने की आशा करता हूँ। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का अंग्रेजी-प्रेम भारत के लिए अशुभ है, इसलिए कृपया इस मंत्रालय की कार्य-प्रणाली को सुधारें।

भवदीय,

दिनेश कुमार जैन

घर क्र. 105, मुख्य सड़क,

ग्राम- सुल्तानगंज

तह-बेगमगंज, जिला-रायसेन (मप्र)

पिन 464570