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आभूषण व्यवसाय अपनी ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ रहा है …

वह ज़माना गया जब परिवार हर साल अपनी बचत से सोने के आभूषण ख़रीद कर रख लेता था ताकि वक़्त ज़रूरत या फिर बुढ़ापे में उससे एक मुश्त रक़म ले सके , सोने के दाम हर साल बढ़ते थे और शायद फ़िक्स डिपाजिट से भी तेज़ रहते थे . लेकिन आज की नई पीढ़ी अपनी बचत आइ फ़ोन जैसे गैजेट ख़रीदने , जीवन शैली सुधारने में लगाती है उसके लिए आनलाइन शोपिंग में डिस्काउंट के प्रलोभन भी काफ़ी हैं . इस सब के कारण आभूषण व्यवसाय संकट में है यदि यह सिलसिला जारी रहा तो लाखों व्यापारी, खुदरा काम करने वाले, कारीगरों के लिये भविष्य मेंकाम नहीं बचेगा.

इस स्थिति से निबटने के लिये स्वर्ण व्यवसाय में १०० साल पुरानी संस्था इण्डिया बुलियन ओर जूअलर असोसीशन (IBJA) ने बम्बई शहर से अनूठी पहल की है , एक साथ एक ही छत के नीचे चार सौ से भी अधिक आभूषण व्यवसायी जुटेंगे और वापस लोगों को स्वर्ण आभूषण ख़रीदने का अनूठा अवसर प्रदान करेंगे अगर यह प्रयास सफल रहा पूरे देश भर में इसे ले जायेंगे. अपने अस्तित्व लिए यह पहल कितनी सफल होगी समय ही बताएगा. लेकिन ग्राहक व्यवसाय में पहले पारदर्शिता चाहता है

Pradeep Gupta
www.brandtantra.org