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कोटा की साहित्यकार कृष्णा कुमारी पीएच.डी. की उपधि से सम्मानित

कोटा। राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कल्याण मिश्र ने मंगलवार 28 फरवरी को आयोजित कोटा विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षांत समारोह में कृष्णा कुमारी को पीएच. डी. की उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया। कृष्णा कुमारी ने अपना शोध प्रबंध “बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा का रचना कर्म : एक समालोचनात्मक अध्ययन” विषय पर डॉ. अनिता वर्मा के मार्गदर्शन में किया है। उन्हें इस उपलब्धि के लिए साहित्यकारों में खुशी की लहर है और उन्हें बधाइयां दे रहे हैं।

कृष्णा कुमारी कोटा में राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यकार है जिन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय तुलसा. ओ के 74136 यू.एस.ए. से प्रकाशित मासिक प्रत्रिका ‘रोशनी’ उर्दू में ग़ज़ले, लधुकथायें आदि प्रकाशित होने से आपने साहित्य में अंतर्राष्ट्रीय स्थान बनाने का गौरव प्राप्त कर हाड़ोती ही नहीं देश को साहित्यिक क्षेत्र में पहचान दिलवाई। मुख्यत: आप कविता, गीत, गज़ल, रिपोर्ताज़, स्लोगन, लघुकथा, कहानी, संस्मरण, साक्षात्कार, यात्रा वृतांत, बाल गीत, समीक्षाएँ लिखने में प्रवीण हैं। हिन्दी और राजस्थानी के साथ – साथ आप उर्दू व अंग्रजी भाषाओं की विभिन्न विधाओं में निरन्तर साहित्य सृजन में लगी हुई हैं। कई शोध- ग्रन्थों , संदर्भ ग्रन्थों एवं गु.ना.देव वि.वि..की एम.फिल में अनुशांसित पुस्तकों में विस्तृत परिचय एवं रचनायें प्रकाशित हुई है।

साहित्य सृजनशीलता के साथ – साथ आप संगीत, वादन एवं चित्रकला में विशेष रूचि रखती हैं। आपकी बनाई पेंटिंग्स और रेखा चित्र कई पुस्तकों एवं पत्रिकाओं के आवरण पृष्ठ बने हैं। भारतीय साहित्य परिषद शाखा कोटा द्वारा सुरेश वर्मा ने “श्रीमती कृष्णा कुमारी का साहित्य में योगदान” पर मोनोग्राफ प्रकाशित किया।”अब चुप नहीं रहूंगी ” वन्य जीव संरक्षण विषयक एकांकी पर एक छात्र ने पंजाब के विश्व विद्यालय से एम.फिल किया।

इनके द्वारा लिखित मैं पुजारिन हूँ कविता संग्रह, प्रेम है केवल ढाईआखर,कितनी बार कहा है तुमसे ,ज्योतिर्गमय और कहानी संग्रह स्वप्निल कहानियाँ, गज़ल संग्रह.तो हम क्या करें,यात्रा वृत्तांत – आओ नैनीताल चलें,बाल गीत संग्रह जंगल मे फाग, साक्षात्कार कुछ अपनी, कुछ उनकी,नागरिक चेतना दीर्घ निबन्ध,हरित पगडंडी पर’ एवं बहुत प्यार करते हैं शब्द प्रमुख साहित्यिक कृतियां हैं। कई रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू व गुजराती भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हुआ है।“क़तरा नदी में”( उर्दू ग़ज़ल),“अदभुत है सिंगापुर”- यात्रा वृतांत, और ‘कोई बात नहीं’ निबन्ध संग्रह कृतियां प्रकाशनाधीन हैं। आपको विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित किया गया है।

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