आप यहाँ है :

मैगी के साथ नूडल्स भी कम खतरनाक नहीं, बचकर रहें

मैगी के बाद अब नूडल्स के पौष्टिक तत्वों पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है। इसमें सेहत के लिए बेहतर माने जाने वाले पौष्टिक तत्व पांच प्रतिशत भी नहीं पाए गए। कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर द्वारा 15 प्रमुख ब्रांड के नूडल्स पर किए गए अध्ययन के अनुसार, इन सभी में मानक से अधिक नमक और फाइबर की बेहद कम मात्रा पाई गई। नूडल्स बच्चों को ब्लडप्रेशर और माइग्रेन का शिकार बना रहे हैं।

सीईआरएस की डॉं. प्रीति शाह ने बताया नूडल्स की पौष्टिकता जानने के लिए यूके एफएसए के निर्धारित मानकों पर सैंपल की टेस्टिंग की गई। 15 में दस प्रमुख ब्रांड में नमक की मात्रा मानक से अधिक देखी गई जो बच्चों में ब्लडप्रेशर बढ़ा रहा है। यही नहीं अधिकतर ब्रांड पौष्टिकता की बात करते हैं, जबकि किसी भी एक ब्रांड में पांच प्रतिशत भी पौष्टिक तत्व नहीं है।

अध्ययन के परिणाम के आधार पर सीईआरएस ने ऐसी कंपनियों की लिखित शिकायत सूचना एवं विज्ञापन प्राधिकरण से भी की है। मालूम हो कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण में नूडल्स की पौष्टिकता के मानक निर्धारित नहीं किए हैं। इसलिए यूके के खाद्य सुरक्षा मानकों का जांच का आधार माना गया।

कैसे हुआ अध्ययन 
भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (पैकिंग एंड लेबलिंग) 2011 के आधार पर 15 कंपनियों के नूडल्स के नमूने लिए गए। इसमें पैकिंग पर लिखी जानकारी और नूडल्स में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, काबरेहाइड्रेट व आयरन आदि की जांच की गई।

क्या है सेहत पर असर

नमक की मात्रा ब्लडप्रेशर बढ़ाता है 
यह भविष्य में बच्चों को दिल का बीमार बनता है
फाइबर की कम मात्रा कोलाइटिस की वजह बन सकता है
नूडल्स के मसालों में मौजूद संरक्षित तत्व स्वभाव को चिड़चिड़ा बनाते हैं
अधिक नमक का इस्तेमाल माइग्रेन का भी कारक हो सकता है

 

साभार- दैनिक हिन्दुस्तान से 

image_pdfimage_print


सम्बंधित लेख
 

Get in Touch

Back to Top