Friday, March 29, 2024
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डाक निदेशक केके यादव द्वारा डाक अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा

राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के सभी 44 उप डाक मंडलों के सहायक डाक अधीक्षकों/डाक निरीक्षकों एवं सभी 19 प्रधान डाकघरों के पोस्टमास्टरों को डाक विभाग में नित हो रहे परिवर्तनों से रूबरू कराने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक का आयोजन 15 जून को जोधपुर कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीए कांफ्रेंस हॉल में किया गया। बैठक की अध्यक्षता राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने की। इस अवसर पर विभिन्न डाक सेवाओं के बारे में पावर प्वाइंट द्वारा प्रस्तुति देकर डाक अधिकारियों को अद्यतन व प्रोत्साहित किया गया।

राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बदलते परिवेश में डाकघरों की कार्य प्रणाली, डाक वितरण, बचत और बीमा सेवाओं, कोर बैंकिंग सर्विस, राष्ट्रीय स्वच्छ्ता अभियान की सिलसिलेवार समीक्षा के साथ गत वित्तीय वर्ष में अर्जित लक्ष्यों की समीक्षा की तथा इस वित्तीय वर्ष में अधिक से अधिक नये बचत बैंक खाते, सुकन्या समृद्धि खाते खोलने एवं डाक जीवन बीमाध्ग्रामीण डाक जीवन बीमा के व्यवसाय अर्जन बाबत विस्तार पूर्वक रणनीति पर चर्चा की। श्री यादव ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में बचत खातों, डाक जीवन बीमा बीमा और सुकन्या समृद्धि खातों के संबंध में राजस्थान में जोधपुर क्षेत्र ने काफी अच्छा कार्य किया है और अब जरूरत है कि इस वित्तीय वर्ष में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अभी से प्रयास आरम्भ कर दिए जाएँ। जोधपुर क्षेत्र के सभी डाकघरों में विभिन्न योजनाओं में कुल 70 लाख 65 हजार खाते संचालित हैं, जिनमें गत वित्तीय वर्ष में 8 लाख 30 हजार से ज्यादा खाते खोले गये। जोधपुर क्षेत्र के सभी 532 (19 प्रधान डाकघर एवं 513 उपडाकघर) सीबीएस हेतु उपयुक्त डाकघरों को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ा जा चुका है, वहीं 24 एटीएम भी सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं। इण्डिया पोस्ट पेमेंट बैंक के तहत प्रथम चरण में पश्चिमी क्षेत्र में जोधपुर तथा बीकानेर को चिन्हित किया गया है। सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जोधपुर क्षेत्र में डाकघरों द्वारा कुल 1,15,712 सुकन्या समृद्धि योजना खाते खोले गये हैं, जिनमें कुल 41.81 करोड़ रूपये जमा हैं। जोधपुर क्षेत्र के 07 गाँवों को “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम” बनाया जा चुका है।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव कहा कि वक्त के साथ डाक सेवाओं में तमाम बदलाव आये हैं और अब डाक विभाग इस बदलाव को ग्रामीण सूचना एंव संचार सेवा (रूरल आई सी टी) के तहत निचले स्तर तक ले जाने की प्रक्रिया में है। इसके तहत प्रत्येक ग्राम के डाकघर को ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा जाएगा जिससे वह गाँव में बैठे ही ऑनलाइन लेनदेन कर सकेंगे तथा साथ ही शाखा डाकघर माइक्रो एटीएम की तरह कार्य कर किसी भी बैंक के ट्रांजेक्शन करने, नरेगा भुगतान आदि कार्य करने में सक्षम होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत शाखा डाकघरों को नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट्कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिए यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा, जिसके परिणामस्वरूप शाखा डाकघर तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर व सक्षम बनेंगे। सोलर चलित उपकरण प्रदान भी किए जायेंगे, ताकि विद्युत के अभाव में कार्य में बाधा न पडे ।

सहायक डाक अधीक्षकों/डाक निरीक्षकों से रूबरू हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वे अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच पुल की भांति कार्य करते हैं और इस पुल को सुदृढ़ बनाकर ही डाक सेवाओं का सम्यक क्रियान्वयन, उचित मानीटरिंग और अधिकाधिक राजस्व अर्जन किया जा सकता है। श्री यादव ने विशेष अभियान चलकर हर घर में हर किसी के पास एक बचत/आवर्ती खाता खोलने, पश्चिमी क्षेत्र की 10 साल तक की सभी बालिकाओं को सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ने एवं सरकारी-अर्धसरकारी विभागों में डाक मेले लगाकर ”डाक जीवन बीमा” और ”ग्रामीण डाक जीवन बीमा” की लक्ष्य प्राप्ति पर जोर दिया। भारत सरकार द्वारा आरंभ की गयी जन सुरक्षा योजनाओं मसलन, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना से भी अधिकाधिक लोगों को जोडने का आह्वान किया। त्वरित डाक वितरण के साथ-साथ सिस्टम में उसके तत्काल अपडेशन पर भी उन्होंने जोर दिया, ताकि लोग घर बैठे ही अपने स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, पार्सल के वितरण के बारे में जानकारी कर सकें।

प्रधान डाकघरों के सभी पोस्टमास्टरों से रूबरू होते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि फील्ड में उनकी कार्य गतिविधियाँ ही विभाग के प्रति लोगों की अवधारणा (इमेज) बनाती हैं, ऐसे में उन्हें ग्राहकों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने की जरुरत है। आज के प्रतियोगी दौर में यह सोचना कि मात्र काउंटर पर सेवाएँ देकर जनता को आकर्षित किया जा सकता है, उचित नहीं है। ज्यादा राजस्व के लिए हमें खुद लोगों के पास जाना होगा, नियमित संवाद स्थापित करते हुए उन्हें सेवाओं और गुणवत्ता के बारे में जागरूक करना होगा, तभी लक्ष्यों की प्राप्ति हो सकेगी।

इस अवसर पर सहायक निदेशक इशरा राम, कान सिंह राजपुरोहित, वरिष्ठ लेखा अधिकारी एम. जे. व्यास, सहायक डाक अधीक्षक तरुण शर्मा, बी. आर. राठौड, डाक निरीक्षक राजेंद्र सिंह भाटी, सुदर्शन सामरिया इत्यादि ने विभिन्न सेवाओं के संबंध में लोगों को जानकारी दी।

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