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वर्ष 2019-20 के दौरान पश्चिम रेलवे की प्रमुख उपलब्धियाँ

मुंबई, 5 अप्रैल। पश्चिम रेलवे को मई, 1992 में दुनिया की सबसे पहली लेडीज़ स्पेशल ट्रेन चलाने और दिसम्बर, 2017 में भारत की पहली पूर्ण रूप से वातानुकूलित उपनगरीय ट्रेन चलाने में अग्रणी रही है और अब एक बार फिर वर्ष 2019-20 के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन प्राप्त करके पश्चिम रेलवे ने शानदार सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। 21-दिवसीय कोरोनावायरस लॉकडाउन के बीच कठिन परिस्थितियों के बावजूद पश्चिम रेलवे सर्वश्रेष्ठ निष्पादन प्राप्त करने में सफल रही है।पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद सभी सम्बंधित प्रमुख विभागाध्यक्षों और उनकी टीमों को उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई दी है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविन्द्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अपनी विकास यात्रा में पश्चिम रेलवे ने कई मील के पत्थर हासिल किये हैं। वर्ष 2019-20 भी कोई अपवाद नहीं रहा…! इसी क्रम में हाल ही में कई ऐतिहासिक कार्यक्रम हुए हैं। विभिन्न हरित परियोजनाओं को शुरू करने से लेकर बेहतरीन और आधुनिक यात्री सुविधाओं को उपलब्ध कराने का सिलसिला निरंतर जारी रहा है। यह वर्ष पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल के ऊर्जावान नेतृत्व में पश्चिम रेलवे के लिए शानदार उपलब्धियों से भरा एक अद्वितीय वर्ष रहा है।

श्री भाकर ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 विभिन्न मोर्चों पर पश्चिम रेलवे के लिए कई मायनों में एक बहुत ही सफल वर्ष रहा है। इस वर्ष के दौरान पश्चिम रेलवे ने नये रिकॉर्ड के ज़रिये पिछले रिकॉर्डों को तोड़ते हुए न केवल वाणिज्यिक कमाई के लक्ष्य को पार किया, बल्कि 91.71 करोड़ रु. के गैर-माल राजस्व (विज्ञापन) से इस कमाई में पहला स्थान हासिल करने में भी सफल रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे ने 2019-20 के वित्तीय वर्ष के दौरान समयपालनता में भी अपनी नम्बर वन पोज़ीशन को बरकरार रखा है। रेलवे ने 92.93% समयपालनता हासिल की, जो वर्ष के लिए तय 90 % के लक्ष्य से काफी अधिक है। पश्चिम रेलवे ने सभी जोनल रेलों के बीच 2019-20 के दौरान सर्वाधिक 530 KM प्रति दिन प्रति कोच के उच्चतम निष्पादन के साथ कोच यूटिलाइजेशन में भी अव्वल स्थान प्राप्त किया।
वाणिज्यिक कमाई में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि

अभूतपूर्व प्रयासों के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे ने वाणिज्यिक आय के प्रमुख क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि का गौरव हासिल किया है। पश्चिम रेलवे ने 91.71 करोड़ रु की आमदनी अर्जित करके नॉन-फ्रेट रेवेन्यू में समूची भारतीय रेल पर पहली रैंक हासिल की। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 29.05% अधिक है और पश्चिम रेलवे के इतिहास में लिए एक नया कीर्तिमान है। सर्वश्रेष्ठ टिकट चेकिंग आय 135.51 करोड़ रु. रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.99% अधिक है। पश्चिम रेलवे ने इस अवधि में उच्चतम पार्किंग कमाई 16.96 करोड़ रु. हासिल की, जो पिछले वर्ष की तुलना

पश्चिम रेलवे ने कमाई में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज करने के अलावा, भारतीय रेलवे में कंटेनर लोडिंग में भी पहला स्थान हासिल किया है। वर्ष 2019-20 में पश्चिम रेलवे ने 21.68 मिलियन टन लोडिंग प्राप्त की, जो 2018-19 में हासिल 20.36 मिलियन टन के पिछले सर्वश्रेष्ठ को पार कर गई। पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेलवे पर 133.32 करोड़ रु. की कमाई के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। 27 अगस्त, 2019 को पश्चिम रेलवे ने सिर्फ एक दिन में 55 रेक लोड करके नया रिकॉर्ड बनाया, जो 31 मार्च, 2019 को 50 रेक की लोडिंग के पिछले सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड को पार कर गया। पश्चिम रेलवे ने भारतीय रेलवे में पीओएल लोडिंग और उर्वरक लोडिंग में भी पहला स्थान हासिल किया है। इसने 2018-19 में अपनी 3497 गाड़ियों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए 2019-20 में सबसे अधिक 3771 डबल स्टैक कंटेनर चलाकर अपनी उत्कृष्टता साबित की। पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में चलाई गई 1015 लॉंग हॉल ट्रेनों के मुकाबले वर्ष 2019-20 में 1162 लॉंग हॉल ट्रेनें चलाकर पिछले रिकॉर्ड को तोड दिया। पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2018-19 में 26.8 किमी प्रति घंटा के पिछले सर्वश्रेष्ठ को पार करते हुए वर्ष 2019-20 में 28.3 किमी प्रति घंटा की माल गाड़ियों की उच्चतम गति प्राप्त कर एक और अहम उपलब्धि हासिल की है।
एक बेहतर भविष्य के लिए महत्वपूर्ण पहल

पश्चिम रेलवे के रोलिंग स्टॉक वर्कशॉपों ने अपनी उत्पादकता के स्तर को नई ऊँचाइयों तक बढ़ाने के लिए वर्ष 2019-20 के दौरान असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया। नतीजतन, पैसेंजर कोच, वैगन, मेमू और डेमू के पीओएच के आउट-टर्न में अब तक के सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड स्थापित हुए। यह अहम उपलब्धि कोरोना वायरस महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन के बावजूद हासिल करना खास मायने रखता है। मिशन जीरो स्क्रैप के तहत वर्ष 2019-20 में सभी प्रमुख कार्यशालाओं, स्टेशनों और शेडों में शून्य स्क्रैप की स्थिति प्राप्त करने वाली पश्चिम रेलवे भारत की पहली रेलवे है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में पश्चिम रेलवे ने सभी क्षेत्रीय रेलों के बीच 533 करोड़ रु. से अधिक की उच्चतम स्क्रैप बिक्री दर्ज की ,जो 420 करोड़ रुपये की दूसरी सबसे अधिक बिक्री से 26.84% से अधिक है। 2019-20 में पश्चिम रेलवे की बिक्री सभी क्षेत्रीय रेलों की कुल स्क्रैप बिक्री का 12.36% आंकी गई है।

2018-19 में पश्चिम रेलवे की स्क्रैप बिक्री भारतीय रेलवे की तब तक की सबसे अधिक थी। इस सिलसिले को जारी रखते हुए पश्चिम रेलवे द्वारा 23 मार्च, 2020 तक कुल 533 करोड़ रु.से अधिक के भंगार की बिक्री की गई।उल्लेखनीय है कि 23 मार्च, 2020 के बाद कोरोना वायरस महामारी के कारण पश्चिम रेलवे की सभी नीलामियॉं रद्द कर दी गईं, अन्यथा पिछले साल हुई 537करोड़ रु. की बिक्री को आसानी से पार किया जा सकता था। पश्चिम रेलवे ऐसी पहली रेलवे है, जिसने नवम्बर 2019 से भारतीय रेलवे में निष्क्रिय और अधिशेष मदों के मामलों में शून्य स्टेटस का दर्जा प्राप्त किया है। वर्ष 2019-20 के लिए पश्चिमी रेलवे का भौतिक टर्न ओवर अनुपात (टीओआर) 15.44% है, जो भारतीय रेलवे में इन्वेंटरी प्रबंधन में तीसरे सबसे अच्छे क्रमांक पर है। यह भी उल्लेखनीय है कि महालक्ष्मी जनरल स्टोर्स डिपो में वेस्टर्न रेलवे की पुरानी प्रिंटिंग प्रेस और सम्बद्ध मशीनों की एक विरासत गैलेरी स्थापित करने वाली देश की पहली क्षेत्रीय रेलवे है।