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केरल के मंत्री मोदी से विकास का ज्ञान लेने गुजरात आएंगे

काँग्रेस शासित केरल से वरिष्ठ मंत्रियों की अगुवाई में विधायक का एक समूह वहां शहरी विकास को लेकर की गई पहलों का अध्ययन करने जा रहा है। केरल के 11 विधायकों-मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री के. सी. जोसफ के नेतृ्त्व में 12 दिसंबर को वहां पहुंचने के बाद राज्य सरकार की ओर से शहरी विकास को लेकर उठाए गए कदमों का अध्ययन करेगा।

गुजरात जाने वाली टीम में जोसफ, वित्त मंत्री केएम मणि, शहरी और अल्पसंख्यक मंत्री मंजलमकुझी और पंचायती राज्य मंत्री एमके मुनीर के अलावा सीपीएम, सीपीआई और नैशनल सेक्युलर कॉफ्रेंस के विधायक शामिल होंगे। जोसफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, जबकि मणि केरल कांग्रेस (मणि) के नेता हैं। मुनीर मुस्लिम लीग से आते हैं। कार्यक्रम के मुताबिक, सभी विधायक वहां के कुछ पर्यटन स्थलों का भी मुआयना करेंगे।

इधर कांग्रेस के वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने 32 पन्नों की बुकलेट जारी कर गुजरात के विकास मॉडल की धज्जियां उड़ाई हैं। इससे पहले राज्य के श्रम मंत्री एसबी जॉन की 18 अप्रैल, 2013 को अहमदाबाद में मोदी से हुई मुलाकात के बाद केरल की राजनीति में भूचाल आ गया था। लेफ्ट पार्टियों के निशाने पर आए मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने स्पष्टीकरण दिया था कि मुलाकात के लिए उनकी अनुमति नहीं ली गई थी। उन्होंने जॉन से स्पष्टीकरण भी मांगा था। बाद में जॉन ने माफी भी मांगी थी।

साल 2009 में सीपीएम ने मोदी के काम की तारीफ करने वाले अपने सांसद एपी अब्दुल्लाकुट्टी की सदस्यता रद्द कर दी थी। बाद में अब्दुल्लाकुट्टी कांग्रेस के टिकट पर कन्नूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। केरल के श्रीनारायण मठ द्वारा मोदी को एक कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनाने की कांग्रेस और सीपीएम ने आलोचना की थी, जबकि वरिष्ठ सीपीएम नेता वीएस अच्युतानंदन ने इसी मुद्दे पर कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया था।

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