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हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए 11 लाख से अधिक लोग आए साथ

इंदौर । मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा पूरे देश में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनसमर्थन अभियान चलाया जा रहा है, जिसे आधिकारिक रूप से 11 लाख से अधिक लोगों ने समर्थन पत्र भरकर अपना समर्थन दिया। देशभर से लोग हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने की माँग को बल दे रहे हैं।

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के माध्यम से वर्ष 2016 से हिन्दी प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए भी प्रेरित किया जाता रहा हैं। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘संस्थान से जुड़े हिंदी-योद्धाओं और सक्रिय साथियों व सहयोगियों के माध्यम से देश के तमाम राज्यों से संस्थान को हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। अभी तक 11 लाख 23 हजार 882 लोगों के समर्थन पत्र संस्थान को प्राप्त हो गए हैं। इन सभी लोगों ने हिन्दी में हस्ताक्षर करने का प्रण भी लिया है। यही हिन्दी की असली ताक़त है।’

बता दें कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी, राष्ट्रीय महासचिव कमलेश कमल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शिखा जैन, मुकेश मोलवा, मृदुल जोशी, गणतंत्र जैन ओजस्वी, सहित प्रादेशिक अध्यक्ष रिंकल शर्मा, रश्मिलता मिश्रा, डॉ. उर्मिला सेठिया पोरवाल, श्रीमन्नारायण चारी विराट, अवधेश कुमार अवध, वाणी बरठाकुर, ममता बनर्जी मंजरी, धीरज अग्रवाल, मधु खंडेलवाल, जे सुरेंद्रन, राकेश जैन आदि दल के माध्यम से यह अभियान सम्पूर्ण राष्ट्र में जनसमर्थन प्राप्त कर रहा है।

संस्थान के इस आंदोलन को देश की अन्य हिन्दी सेवी संस्थाओं का भी साथ मिल रहा है। संस्थान वर्तमान में हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से समेकित स्वर बन रहा है। जनसमर्थन एवं हिन्दी हस्ताक्षर परिवर्तन अभियान के माध्यम से लाखों जन हिन्दी के सम्मान में एकजुट हो रहें है, जो हिन्दी के भविष्य के लिए निश्चित ही शुभ संकेत है।