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राष्ट्रवादी सोच वाले मुस्लिम नेता भारत माता की जय के खिलाफ नहींः इन्द्रेश कुमार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कहा है कि सभी मुस्लिम ‘भारत माता की जय’ बोलने के खिलाफ नहीं हैं और उनका कहना है कि यह सिर्फ शब्दों के हेरफेर की बात है। आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने ‘भारत माता की जय’ के नारे और इसे बोलने वाले लोगों के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा फतवा जारी करने के मुद्दे पर कहा कि सभी मुस्लिम इस नारे के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने कहा, यह केवल शब्दों का हेरफर है। मुस्लिम मादरे-ए-वतन हिंदुस्तान जिंदाबाद कहते हैं जो कुछ और नहीं बल्कि भारत माता की जय का समानार्थी है। रूढि़वादियों द्वारा इस पर फतवा दिए जाने से हिंसा भड़क सकती है। कुमार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करा रहा है। यह सम्मेलन सोमवार को समाप्त होगा। कुमार ने कहा कि एमआरएम के प्रतिनधि इस सम्मेलन में पाकिस्तानी झंड लहराने, पाकिस्तान की प्रशंसा करने, तलाक की प्रक्रिया और उसके परिणामों, देश के मुस्लिमों की शिक्षा की स्थिति तथा सांप्रदायिक दंगों के कारणों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।
आरएसएस नेता ने कहा कि एमआरएम प्रतिनिधि उनके समुदाय के युवाओं के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) में शामिल होने की घटनाओं से चिंतित हैं और उन्होंने युवाओं से आईएस में शामिल न होने की अपील की है। एमआरएम
आतंकी संगठनों के झांसे में आसानी से आ रहे युवाओं पर निगरानी रखने के लिए एक विशेष सेल लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है। एमआरएम नेताओं को लगता है कि आतंकी संगठन युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
एमआरएम के आरएसएस की शाखा बनने के सवाल पर श्री कुमार ने कहा कि एमआरएम राष्ट्रवादी मुस्लिमों का स्वतंत्र संगठन है और इसका आरएसएस से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम नेताओं ने वर्ष 2002 में आरएसएस से संपर्क करके ऐसा एक संगठन बनाने में मदद मांगी थी जिसके बाद एमआरएम की स्थापना हुई। एमआरएम की 22 राज्यों में 1800 शाखाएं हैं।
इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के फैज खान समेत 150 से ज्यादा मुस्लिम नेता, शोधार्थी और मौलवी भाग ले रहे हैं। फैज खान ने गाय की रक्षा के लिए लेक्चरर की अपनी नौकरी छोड़ दी और ‘काउ एंड इस्लाम’ नाम की किताब लिखी। कुमार ने कुरान की कुछ आयतों का हवाला देते हुए कहा कि इस पवित्र पुस्तक में भी कहा गया है कि गोमांस खाना स्वास्थ्य के लिए खराब है। कुरान में गाय के दूध के लाभ भी बताए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में कहा गया है कि गाय का दूध अच्छा होता है तथा कई बीमारियों के इलाज में लाभकारी है। मुस्लिम महिलाओं को दरगाह और मस्जिदों में प्रवेश देने की मांग पर उन्होंने कहा कि एमआरएम इस मुद्दे को शोधार्थी और विशेषज्ञों पर छोड़ता है।