Tuesday, April 23, 2024
spot_img
Homeहिन्दी जगतराष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा हिमाचल के सुंदर नगर में कार्यक्रम का आयोजन

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा हिमाचल के सुंदर नगर में कार्यक्रम का आयोजन

सुंदरनगर (हिमाचल प्रदेश)। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत (मानव संसाधन विकास मंत्रालय,भारत सरकार) ने सुंदरनगर में एक साथ दो कार्यक्रम आयोजित किए।एक स्थानीय गवर्मेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में और दूसरा हिमाचल डेंटल कालेज में। इस अवसर पर दिल्ली से आएं न्यास संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने बताया-न्यास का उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में जनमानस को अपने साथ जोड़ना है,विगत 59 बरसों से हम प्रकाशन के क्षेत्र में हैं और किफायती दामों पर श्रेष्ठ पुस्तकें पाठकों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं।

32 भाषाओँ के प्रकाशन का बीड़ा उठाएं यह सरकारी संस्थान सुंदरनगर में अपना आयोजन करता हैं,तो निस्संदेह सुंदरनगर जिले के लिए भी यह शुभ समाचार हैं।हिमाचल के अनेक रचनाकार न्यास के माध्यम से आज भारतीय भाषाओं के माध्यम से भारतवर्ष में लोकप्रिय हुए हैं जिनमें कुल्लू के मौलूराम ठाकुर,डॉ सूरत ठाकुर,पालमपुर से सुशील कुमार फुल, कांगड़ा नेरटी से गौतम शर्मा व्यथित,धर्मशाला से प्रत्युष गुलेरी,शिमला से सुदर्शन वसिष्ठ,श्रीनिवास जोशी प्रमुख हैं।डॉ मंडोरा ने यह भी कहा कि जल्द नए रचनाकारों की एक रचनात्मक कार्यशाला का आयोजन भी किया जायेगा ताकि नये रचनाकारों को जोड़ा जा सकें।

सुंदरनगर में आयोजित निबंन्ध प्रतियोगिता में कुल। छात्र शामिल हुए,जिन्हें एक दिन पहले विषय दिया गया था ,रात भर चिंतन मनन कर विद्यर्थियों ने बड़े मनोयोग से इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।चयनित छात्रों को न्यास की पुस्तकों से सम्मानित भी किया गया। इसमें स्मृति शर्मा,प्रथम,द्वीतीय पुरुस्कार-चेतना कुमारी तृतीय पुरुस्कार-गीता को मिला।

स्कूल आयोजन के मुख्य अतिथि थे पूर्व प्रिंसिपल श्री रतन लाल शर्मा व् सानिद्वय रहा डॉ कृष्ण चन्द्र महादेवीया।कार्यक्रम की अध्यक्षता की स्कूल के प्रधानाचार्य श्री हेत राम कौंडल ने।

इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ गंगाराम राजी ने कहा-निश्चित ही इस तरह के आयोजन से बच्चों के सर्वागीण विकास में सहूलियत होती हैं वे जान पाते है कि हमारे महापुरुषों ने अपने देश के लिए कितना बलिदान दिया।

न्यास के संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें दीं।वहीँ दूसरी और हिमाचल डेंटल कालेज में सेमिनार के विषय था-‘अखण्ड भारत के निर्माण में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल।की भूमिका’ डेंटल कालेज के प्रिंसिपल डॉ रंजन मल्होत्रा,वाइस प्रिंसिपल एस सी गुप्ता ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम के सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार व् जाने माने आलोचक मंडी के डॉ दीनू कश्यप ने कहा-सरदार ने हमेशा अपने को पीछे रखा,गांधी के जीवन दर्शन का असर उन पर पड़ा।गांधी से प्रभावित पटेल ने जीवन को बारीकियों को समझा।आजकी राजनीति को देखते हुए लगता हैं कि आज फिर सरदार पटेल की जरुरत हैं।वे जानते थे क़ि कहाँ उन्हें अपनी उंगली टेडी करनी है और कहाँ सीधी करनी हैं।यह उनकी अपनी पॉलिसी थीं। पटेल ने आदिवासियों के लिये काम किया।साम्यवाद पर काम किया।वे चाहते थे क़ि हर वर्ग को समान अधिकार मिले।कई बार महात्मा गांधी से भी भिड़ जाते थे क़ि बापू यह कार्य करने दीजिये।गांधी भी उनका सम्मान करते थे।गांधी की मौत पर वे ज्यादा दुखी हुए,उनका कहना था,आज मैं खत्म हो गया।पटेल का किरदार अद्धभुत था,वे पढ़ते बहुत थे।वे पडोसी देश की मंशा को समझते थे।डॉ कश्यप ने कहा-आज भी सरदार का जीवन नई पीढ़ी के लिए प्रेरक है,प्रेरणादायी हैं,उनके जीवन आदर्श को समझने की आज महती आवश्यकता हैं।सही मायने में पटेल जी बर्फ से ढके हुए एक ज्वालामुखी हैं।

डॉ विशाल शर्मा ने सरदार के व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए कहा-पटेल को समझने के लिए उस मनोभूमि में जाना होगा,देखना होगा क़ि उस समय हमारे सामने किस तरह की चुनोतियाँ थीं,पटेल ने निश्चित ही अपने तरीके से देश को समृद्ध करने में अथक परिश्रम किया।राष्ट्रीय एकता के निर्माण में उनका योगदान काफी सराहनीय रहा,वे सही मायने में राजनेता थे,जिन्होंने देश के उत्थान के लिए अपनी भूमिका को सर्वोच्च पर रखा।
मंडी से आमंत्रित साहित्यकार,अभिनेत्री डॉ रुपेश्वरी शर्मा ने सरदार पटेल के जीवन के अनछुए पहलुओं पर रोचक तरीके से प्रकाश डाला एवं रूपेश्ववरी शर्मा ने मंडी का गीत बारामासा का सस्वर पाठ भी किया।

डॉ गंगाराम राजी ने अपनी बात रखते हुए कहा-पटेल का जीवन देश को बनाने में बड़ा सार्थक प्रयास रहा हैं,वे जमीन से जुड़े व्यक्ति थे,बातों को समझते थे।शायद उनका योगदान हर व्यक्ति आज भी समझता हैं,उनके योगदान को अनुकरण करने की आज आवश्यकता हैं।

कार्यक्रम से पूर्व सभागार में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर आधारित एक वृत्त चित्र भी दिखाया गया जो उनके जीवन गाथा को दर्शाता था कि उनके जीवन में किस प्रकार की विसंगतियों को उन्होंने झेला और उसमें से उबर कर आएं।इस अवसर पर डॉ अशोक शर्मा व् डॉ कृष्ण चंद्र महादेवीया ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
न्यास के संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने सभी का आभार प्रकट करते हुए न्यास की और से पुस्तकें आमंत्रित विद्वानों को भेंट की।समारोह में डेंटल कालेज के स्टूडेंट्स के अलावा इलाके के अनेक गण्यमान्य विद्वान मौजूद थे।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार