Thursday, March 28, 2024
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अमृत एवं स्मार्ट योजना में मॉडल बन सकता है उदयपुर

उदयपुर। अमृत एवं स्मार्ट किये शहरी विकास योजनाओ में जन सहभागिता को प्रमुखता दी गई है। उदयपुर जन सहभागिता एवं स्वेच्छिकता की मिसाल रहा  है। जन सहभागिता पूर्ण विकास से उदयपुर देश भर में एक मॉडल बन सकता है। उक्त विचार झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित बारीघाट पर श्रमदान पश्चात हुए  संवाद में व्यक्त किये गए।
झील संरक्षण समिति के डॉ अनिल मेहता ने कहा कि आयड नदी सुधार की ग्रीन ब्रिज योजना तथा जल कुम्भी नियंत्रण की बायोकंट्रोल विधि को पुरे देश में ही नहीं विश्व में भी सराहा गया है। ग्रीन ब्रिज पद्धति में कुछ पौधे , झाड़ियो तथा मित्र जीवाणुओ से सीवरेज व गन्दगी का अल्प लागत में प्राकृतिक तरीके से उपचार हो रहा है। वही नियोचेटीना आइकोर्नियाई  तथा नियोचेटीना ब्रुसाई नामक कीट जलकुम्भी को नियंत्रण में रखे हुए है। यह दोनों कार्य जनसहभागिता के श्रेष्ठ उदहारण है।
 
झील मित्र तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि त्रुटिपूर्ण तरीके से बिछाई गयी सीवरेज लाईनो तथा इस कारण हर दिन आने वाली समस्याओ को नागरिको की मदद से ही दूर किया जा सकता है। एनएलसीपी योजना में घाट  सुधार तथा गन्दगी नियंत्रण में यदि यूआईटी व नगर निगम जनता को साथ रखते तो श्रेष्ठ कार्य होता।
 
मेमोरियल ट्रस्ट के नन्द किशोर शर्मा ने कहा कि चाहे उदयपुर की सीवरेज प्रणाली का खाका बना हो , झील विकास प्राधिकरण की प्रारंभिक प्रस्तावना से लेकर स्थापित करने का कार्य हो अथवा एनएलसीपी योजना का निर्माण व उसकी मंजूरी सभी में प्रमुख भूमिका नागरिको ने निभाई है। लेकिन प्रशासन के एक बड़े वर्ग को नागरिको की आवाज , सुझाव,निगरानी असुविधा पूर्ण लगती है और वे अपने सिमित दायरों व सोच की व्यापकता नहीं बना पाते जिससे कार्यो के क्रियान्वन में जन सहभागिता नहीं दिखती।  जरुरत सोच में व्यापकता लाने व मानसिकता को बदलने की है।
 
संवाद से पूर्व झील मित्र संस्थान , झील संरक्षण समिति एवं डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित  श्रमदान  द्वारा पिछोला के बारीघाट क्षेत्र से  शराब की बोतले, सड़ी-गली खाद्य सामग्री,घरेलू अनुपयोगी सामग्री ,प्लास्टीक , पोलिथिन, नारियल,थर्मोकोल सहित जलीय घास निकाली एवं बरीघाट क्षेत्र पर लगातार तीन रविवार श्रमदान कर बारीघाट को जलकुम्भी से पुर्णरूपेण मुक्त किया।  श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत,मोहन सिंह चौहान ,अम्बालाल नकवाल, रामलाल गेहलोत,दुर्गा शंकर पुरोहित, प्रताप सिंह राठोड,हर्षुल,दीपेश स्वर्णकार,गरिमा, प्रियांशी,नितिन कुमावत, अजय सोनी,शम्भू लाल,कुलदीपक पालीवाल,नितिन सोनी,तेज शंकर पालीवाल,अनिल मेहता , नन्द किशोर शर्मा ने भाग लिया।

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