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जल्दी ही भारतीय रेल की एक नई तस्वीर सामने आएगीः श्री सुरेश प्रभु

नई दिल्ली। एक्‍सचेंज4मीडिया के पिच टॉप 50 ब्रैंड्स में ‘दैनिक भास्‍कर’ ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किए गए इस कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मार्केटर्स को ‘ब्रैंड बिल्डिंग’ का रुचिकर पाठ भी पढ़ाया। उन्‍होंने कहा कि ब्रैंड बिल्डिंग के इसी जुनून का रेलवे प्रत्‍यक्ष उदाहरण है। भारतीय रेलवे के विजन के साथ उनका पूरा भाषण ब्रैंड बिल्डिंग के उदाहरणों से भरा हुआ था, जिस पर मंत्रालय काम कर चुका है अथवा कर रहा है। लेकिन इन उदाहरणों से ज्‍यादा उनका जोर ब्रैंडिंग को लेकर था, जिसने पूरे कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को बांधे रखा।

कार्यक्रम की शुरुआत में ही उन्‍होंने कहा कि सिर्फ पिछले समय में किए गए कार्यों के कारण ही ब्रैंड तैयार नहीं हुआ है बल्कि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि लोग इसके भविष्‍य के बारे में क्‍या सोचते हैं। लोगों को इसके बारे में जरूर सोचना चाहिए जिससे ब्रैंड वैल्‍यू भी बढ़ती है।

भारतीय रेलवे द्वारा खुद को ब्रैंड के रूप में तैयार किए जाने के बारे में सुरेश प्रभु ने कहा, ‘हम ब्रैंड बिल्डिंग पर काम कर रहे हैं लेकिन मेरा मतलब है कि लोगों को इसके मानकों के बारे में कुछ अपेक्षाएं भी होनी चाहिए और उन्‍हें हमसे मिलकर बताना चाहिए। इससे हम इन मानकों को तैयार कर सकते हैं और उन्‍हें लागू कर सकते हैं। वे ब्रैंड में अपने आप वैल्‍यू एडिशन करेंगे।’

कार्यक्रम में मार्केटर्स को संबोधित करते हुए रेल मंत्री ने इंडिया इंक (India Inc) और रेलवे के बीच समझौते की संभावनाओं के संकेत भी दिए।

सरकार की सहभागिता का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि 400 रेलवे स्‍टेशनों को स्‍मार्ट बनाने की दिशा में पहले से ही काम चल रहा है और रेलवे की वेबसाइट पर इन्हें डेवलप करने की दिशा में भी लोगों के सुझाव मिल रहे हैं।

उन्‍होंने कहा, ‘स्‍टेशनों को विकसित करने के लिए बड़ी संख्‍या में लोगों को अपने साथ जोड़ने की दिशा में हम काम कर रहे हैं जिससे वह उस शहर के विकास की पहचान बन जाएंगे।’ स्‍टेशनों पर तकनीकी के विस्‍तार और उन्‍हें कस्‍टमर फ्रेंडली बनाने के बारे में भी उन्‍होंने जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि स्टेशन और ट्रेनों पर जिस बड़ी संख्या में लोगों की निगाहे पड़ती है, उसका किसी से मुकाबला नहीं हो सकता है। बस हमें इसका सर्वोत्तम फायदा उठाकर सरकार के राजस्व में बढोतरी करने के लिए कुछ रास्ते निकालने होंगे।

सुरेश प्रभु ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि कैसे इस अवसर का सही इस्‍तेमाल किया जाए और कैसे इसे सरकार के लिए रेवेन्‍यू प्राप्‍त करने का स्रोत बनाया जाए।’

मार्केटिंग बिरादरी से पार्टनरशिप की संभावनाओं का संकेत देते हुए उन्‍होंने कहा, ‘हम विभिन्‍न स्‍टेशनों पर उपग्रह आधारित सेवाओं के इस्‍तेमाल की संभावनाएं भी तलाश रहे हैं, मुझे लगता है कि हमारे देश में मौजूद प्रतिभाएं इस दिशा में हमारी सहायता करेंगी।’ हमें यह देखने की भी जरूरत है कि कैसे इस ब्रैंड को भुनाया जा सकता है।

आखिर में उन्‍होंने ब्रैंड इंडिया के बारे में बताया। उन्‍होंने कहा, ‘हम इस देश में जो भी ब्रैंड तैयार करते हैं, वह सब ‘ब्रैंड इंडिया’ के तहत आता है।’ यदि ब्रैंड इंडिया पर्याप्‍त रूप से सशक्‍त नहीं होगा, तो आप कोई भी ब्रैंड तैयार कर लें, वह कभी भी उतना सशक्‍त नहीं हो सकता है, जितना होना चाहिए।

सुरेश प्रभु ने कहा, ‘हम सभी को इस बारे में सोचने की जरूरत है कि कैसे हम एक मजबूत ब्रैंड इंडिया को बना सकते हैं और इस बहुत ही महत्‍वपूर्ण ब्रैंड को तैयार कैसे करना है, इसके लिए हम सभी के अंदर जोश और जुनून होना चाहिए।
साभार- http://www.samachar4media.com/ से